सफाईमित्रों को सिखा रहे आपदा प्रबंधन के गुर, ताकि मुसिबत में कर सके मदद


स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 : स्वच्छता सर्वेक्षण की गाइडलाइन अनुसार नपाकर्मियों को दी जा रही ट्रेनिंग।


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धार Published On :
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धार। शहर में नगर पालिका धार द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियां की जा रही है। इसके तहत विभिन्न मापदंडों को पूरा करने के लिए कवायद जारी है।

स्वच्छता सर्वेक्षण की गाइडलाइन अनुसार इस बार सफाईमित्रों को भी आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जा रही है। ताकि आपदा के वक्त सफाईमित्रों की सेवाएं ली जा सके।

इसके अलावा शहर को ओडीएफ प्लस प्लस के लिए भी मोहल्ला समितियों में लोगों को जागरूक करने के लिए टीम लोगों को जागरूक कर रही है।

गौरतलब है कि इस बार भी स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 को लेकर सर्वे की प्रक्रिया जनवरी-फरवरी से शुरू होना है। नगर पालिका धार अपना पिछला रिकॉर्ड दोहराने के लिए नए सिरे से कवायद कर रही है। ताकि नंबर-1 का तमगा हासिल किया जा सके।

बीते सर्वेक्षण के दौरान सर्वेक्षण में रह गई कमजोरियों के चलते धार को अपनी कैटेगरी में मिली नंबर-1 की रैंक गंवाना पड़ी थी, जिसे फिर से पाने के लिए बड़े स्तर पर कवायद जारी है।

गाइडलाइन अनुसार कर्मचारी हो रहे ट्रेंड –

इस बार की गाइडलाइन में सफाईमित्रों को सफाई के बिंदुओं के साथ-साथ आपदा प्रबंधन की भी ट्रेनिंग दी जाना अनिवार्य है। इसके चलते शनिवार को सफाई मित्रों को आपदा प्रबंधन की जानकारी दी गई।

सीएमओ निशिकांत शुक्ला के निर्देश पर सफाईमित्रों को यह ट्रेनिंग दी गई। इसमें बताया कि मानव निर्मित आपदाओं के दौरान जीवन और संपत्ति की रक्षा करने और आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए विशेष तैयारी की प्रक्रिया है।

आपदा प्रबंधन सीधे खतरे को खत्म नहीं करता, बल्कि योजना बनाकर उसको को कम करने में मदद करता है। आपदा को दुर्भाग्यपूर्ण घटना में परिभाषित किया जा सकता है जो अचानक या बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है क्योंकि आप ऐसी घटना जिसका समय ज्ञात नहीं और यह विनाश लाता है और यह एक प्राकृतिक, मानव निर्मित खतरा हो सकता है इसलिए तो अलग-अलग भागों में आपदा प्रबंधन को बांटा गया है ताकि डिजास्टर मैनेजमेंट को समझ सके। इस प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य प्रभारी राधेश्याम चौहान सहित सफाई मित्र मौजूद थे।

धार नपा परिषद धार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आम लोगों को स्वच्छ व सुंदर सार्वजनिक सामाजिक शौचालय का निर्माण कराया गया है।

खुले में शौच पर जुर्माना की भी कार्रवाई की जा रही है। खुले में शौच से मानव मल से होने वाले दुष्परिणाम से अवगत कराने के लिए समय-समय पर विशेष जागरूकता अभियान चलाए गए। जैसे मालसुर अभियान, आवाज उठाओ आदि अभियान चलाए जा रहे हैं।

घरों व दुकानों के सेफ्टी टैंक से निकलने वाले मल का परिवहन निकाय में उपलब्ध मड़पम द्वारा किया जाता है। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर निर्मित एफएसटीपी प्लांट के माध्यम से निपटान किया जाता है। इसके फलस्वरूप गत तीन वर्षों में मानव द्वारा परिवहन किए जाने संबंधित घटना नहीं हुई है।


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