CPR के लिए पुलिसकर्मियों को दी गई ट्रेनिंग, डॉक्टरों व टीम ने दो घंटे किया प्रशिक्षित


सीपीआर देने के दौरान हार्ट और ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन में सहायता मिलती है। सीपीआर की मदद से व्यक्ति को एक नया जीवन भी मिल सकता है।


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धार Published On :
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धार। गंभीर सड़क दुर्घटनाओं में घायल पीड़ितों को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सीपीआर पद्धति के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन धार पुलिस लाइन में किया गया।

कार्यक्रम में अतिथि के रूप में एसपी आदित्य प्रता‍प सिंह, डॉ. अशोक जैन, डॉ. कुसुम पाटीदार सहित मेडिकल स्टाफ की टीम मौजूद रही। डीजीपी के निर्देशों के बाद शनिवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना के द्वारा एक आदेश जारी किया गया था जिसमें बताया गया कि पिछले कुछ समय से ऐसे कई सारे प्रकरण सामने आए हैं जहां पर कार्डियो पल्मोनरी रेसुस्टेशन यानी सीपीआर दिए जाने के कारण व्यक्ति की जान बची है। ऐसे में जिला मुख्यालयों पर पुलिसकर्मियों को इस प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

 ट्रेनिंग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धार जिले के एसपी सिंह ने कहा कि

सीपीआर का प्रशिक्षण आप सभी के लिए इसलिए जरूरी है कि जरूरत के समय आप लोगों या फिर अपनों की जान बचा सकते हैं। आप सभी पुलिसकर्मी अलग-अलग स्थानों पर ड्यूटी देते हैं और आपके सामने ऐसे परिस्थितियां बनती हैं कि एंबुलेंस आने में समय लग रहा है तो आप दुर्घटना में घायल व्यक्ति को सीपीआर देकर उसकी जान बचा सकते हैं।

सीपीआर को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन कहते हैं। अगर किसी कारण कोई व्यक्ति बेहोश हो गया हो, दिल की धड़कन बंद हो गई हो या पल्स नहीं चल रहा हो, तो ऐसी स्थिति में सीपीआर ही दी जाती है। इसकी मदद से मरीज को सांस लेने में सहायता मिलती है।

दरअसल सीपीआर देने के दौरान हार्ट और ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन में सहायता मिलती है। सीपीआर की मदद से व्यक्ति को एक नया जीवन भी मिल सकता है। गोल्डन समय में मिले मदद तो किसी की भी जान बचाई जा सकती है।

कार्यक्रम को एडिशनल एसपी देवेंद्र पाटीदार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम आयोजन को लेकर आरआई अरविंद दांगी, सूबेदार मयूरी जोक, रोहित निकम, नितेश का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

प्रशिक्षण के दौरान पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग डॉ. जैन व डॉ. पाटीदार के द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान पुलिस लाइन, एसपी कार्यालय, कोतवाली, नौगांव सहित तिरला थाने का पूरा स्टाफ मौजूद रहा।

तकनीक का किया अभ्यास –

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पुलिस लाइन के साथ ही 34वीं बटालियन में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सेनानी रोहित काशवानी के मार्गदर्शन में किया गया था। बटालियन के जवानों को शिविर में डॉ. आशीष डामोर एमडी के द्वारा सीपीआर तकनीक के महत्व, आवश्यकता सहित बारीकियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा रुचि लेकर डॉ. डामोर से प्रश्न पूछे गए व इस तकनीक का अभ्यास भी किया गया। प्रशिक्षण में उप सेनानी रचना भदौरिया, सौरभ तोमर सहित स्टाफ मौजूद रहा।



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