शारदीय नवरात्रि के अवसर पर धार के देवीजी प्रांगण में नौ दिवसीय मेले का आयोजन नगर पालिका द्वारा किया जा रहा है। इस मेले में दुकानें लगाने वाले व्यापारियों को रात 10:30 से 11 बजे के बीच अपनी दुकानें बंद करने का निर्देश दिया गया था। व्यापारियों ने इस समय-सीमा का विरोध करते हुए सोमवार शाम 6 बजे धरना शुरू कर दिया, उनका कहना था कि दुकानों को समय से पहले बंद करवाने से उनके व्यापार पर गहरा असर पड़ रहा है।
व्यापारियों का विरोध और धरना
व्यापारियों का कहना है कि मेले में दूर-दूर से लोग आते हैं, खासकर गढ़ कालिका मंदिर के दर्शन करने। मेले में भीड़ शाम 7:00 बजे से रात 12:00 बजे तक रहती है, ऐसे में दुकानें समय से पहले बंद करने का प्रशासन का निर्णय उनके व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इस स्थिति से नाराज व्यापारियों ने धरना शुरू किया और प्रशासन से मांग की कि उन्हें देर रात तक दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए।
अधिकारियों की समझाइश के बाद धरना समाप्त
धरने की सूचना मिलते ही तहसीलदार दिनेश उईके, सीएसपी रविंद्र वास्कले और नगर पालिका के सीएमओ विकास डावर मौके पर पहुंचे। उन्होंने व्यापारियों से बातचीत की और समझाइश दी। काफी देर तक चली बातचीत के बाद यह सहमति बनी कि मेले की दुकानों को अब रात 12:00 बजे तक खुला रहने दिया जाएगा। मेले के अंतिम तीन दिन दुकानों को रात 2:00 बजे तक खोलने की अनुमति भी दी गई। अधिकारियों की इस सहमति के बाद व्यापारियों ने धरना समाप्त किया और अपनी दुकानें खोलने का फैसला किया।
व्यापारियों की मांग
व्यापारियों का मुख्य तर्क यह था कि मेले में आने वाले लोग देर रात तक रुकते हैं और उनकी दुकानदारी भी मुख्यतः रात के समय होती है। दुकानें जल्दी बंद करने से उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा था, जिसे देखते हुए उन्होंने धरना देकर विरोध किया।
प्रशासन की ओर से समाधान
प्रशासन ने व्यापारियों की मांगों को समझते हुए उन्हें अधिक समय तक दुकानें खोलने की अनुमति दे दी। इससे दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी और स्थिति सामान्य हुई। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया कि सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनी रहे, जिसके चलते अंतिम तीन दिन दुकानों को 2:00 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई।