मांडू ने ओढ़ी हरियाली और कोहरे की चादर, ऐतिहासिक इमारतों को निहारने पहुंचे हजारों सैलानी

मांडू की खूबसूरती और ऐतिहासिक धरोहरों का आनंद लेने के लिए मानसून का समय सबसे अच्छा माना जाता है। हालांकि, कुछ समस्याओं के बावजूद, पर्यटक यहां की यात्रा को यादगार मानते हैं। प्रशासन को इन समस्याओं का समाधान निकालकर मांडू को और भी आकर्षक पर्यटन स्थल बनाने पर ध्यान देना चाहिए।

मांडू और मानसून का अद्भुत तालमेल है। वर्षा ऋतु के चलते इन दिनों मांडू का मौसम बेहद सुहावना हो गया है। पूरी पर्यटन नगरी मांडू कोहरे के आगोश में है। ऐसे में पर्यटकों ने छातों और रेनकोट का सहारा लिया और उन्हें दिन में अपने वाहनों की लाइट जलानी पड़ी। सभी पर्यटन स्थलों पर सैलानियों का तांता लगा रहा। बारिश की बूंदें जैसे ही मांडू से टकराती हैं, यहां की परिस्थितियां पर्यटन के अनुकूल हो जाती हैं।

शनिवार की तेज बारिश के बाद, अगले दिन रविवार और सोमवार को हजारों की संख्या में पर्यटक मांडू पहुंचे और यहां की हसीन वादियों का आनंद लिया। ऐतिहासिक जहाज महल, हिंडोला महल, चंपा बावड़ी, तवली महल, 56 महल, म्यूज़ियम, नीलकंठ महादेव मंदिर, प्राचीन जैन मंदिर, चतुर्भुज श्री राम मंदिर, जामी मस्जिद, अशर्फी महल, दाई का महल आदि पर्यटन स्थलों पर सैलानी बड़ी संख्या में पहुंचे और दिनभर पर्यटकों का तांता लगा रहा।

पर्यटकों ने की फोटोग्राफी और बनाई रील:

मांडू के सुहावने मौसम को देख सैलानी अपना उत्साह दिखाने से खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने मांडू भ्रमण के साथ प्रसिद्ध दाल बाफले का भी आनंद लिया। ऐतिहासिक महलों के आसपास अपने मित्रों और परिजनों के साथ फोटोग्राफी की और वहां से वीडियो रील बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल की। कुछ सैलानी संगीत का साज भी साथ लेकर आए थे और गिरते हुए पानी में नृत्य कर मांडू भ्रमण का मजा लिया।

 

कोहरे की चादर ओढ़े इठलाते ऐतिहासिक महल:

मांडू का प्राकृतिक सौंदर्य इन दिनों पूरे शबाब पर है। हरियाली की चादर और कोहरे के आगोश में ऐतिहासिक महल और भी खूबसूरत दिख रहे हैं। मांडू के सभी ऐतिहासिक महलों ने कोहरे की चादर ओढ़ी है, जिससे उनका सौंदर्य और भी निखर गया है। आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद है।

 

जाम से हलाकान पर्यटक बिना मांडू भ्रमण किए लौटे:

मांडू भ्रमण करने आए पर्यटकों का प्रकृति ने पूरा साथ दिया और उनके उत्साह को दोगुना कर दिया। इस बीच, कुछ छोटी-बड़ी समस्याएं उनके भ्रमण में खलल का कारण बनीं। मुख्य रूप से जहाज महल और रानी रूपमती मार्ग पर सड़क संकरी होने से कई जगह जाम लग गया और कई पर्यटक महलों तक नहीं पहुंच पाए। इस बीच, कुछ पर्यटकों ने वापस लौटने का निर्णय लिया। कई जगह पर पर्यटकों के आपसी विवाद की खबरें भी सामने आईं, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। एंबुलेंस भी जाम में फंस गई, हालांकि कुछ देर बाद जाम खत्म होने से लोगों ने राहत की सांस ली।

 

अन्य समस्याएं:

पर्यटकों की संख्या में अचानक वृद्धि के कारण मांडू के होटल और रेस्तरां में भीड़ बढ़ गई, जिससे खाने-पीने की जगहों पर लंबी कतारें देखी गईं। स्थानीय प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया। इसके बावजूद, कई पर्यटक बिना मांडू भ्रमण किए वापस लौटने को मजबूर हुए। प्रशासन ने भविष्य में इन समस्याओं से निपटने के लिए नई योजनाओं पर काम करने की बात कही है।

 

सुझाव और उपाय:

स्थानीय प्रशासन को सुझाव दिया गया है कि पर्यटकों की सुविधा के लिए वैकल्पिक मार्ग और पार्किंग की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही, पर्यटन स्थलों पर पर्याप्त साइनबोर्ड और सूचना केंद्र स्थापित किए जाएं ताकि पर्यटक बिना किसी परेशानी के भ्रमण कर सकें। पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा की योजना पहले से बना लें और संभावित समस्याओं से निपटने के लिए तैयार रहें। प्रशासन और स्थानीय व्यापारियों को भी पर्यटकों की सुविधा के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।

 

पर्यटकों की प्रतिक्रिया:

मांडू आए पर्यटक यहां की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महलों से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि भविष्य में पर्यटन सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाए ताकि उनकी यात्रा और भी सुखद हो सके। पर्यटकों ने यहां के स्थानीय लोगों की मदद और मेहमाननवाजी की भी सराहना की।

 

First Published on: July 29, 2024 8:31 PM