धार-नागदा मार्ग पर चुकाना पड़ेगा टोल, 15 साल बाद राहगीरों की जेब पर डाला बोझ


बनने से पहले सरकार ने कहा था कि बिना टोल वाली रहेगी रोड। इस रोड पर बड़े वाहनों के आने-जाने के लिए लोगों को टैक्स देना होगा।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
dhar nagda road toll tax

धार। जहां एक ओर सरकार जनता को सुगम मार्ग देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर टोल वसूली भी करती है। रोड बनने के पहले सरकार ने टोल ना वसूलने की बात कही थी मगर अब टोल बनने से राहगीरों को अपनी जेब ढीली करनी होगी व टोल देना होगा।

बता दें कि 2017 में गुजरी से नागदा तक सीमेंट कंक्रीट स्टेट हाईवे पर रोड बनाया गया था व इस रोड पर दुर्घटना होने के कारण बड़े वाहनों का आना-जाना बंद हो गया था।

अब टोल बनने से इस रोड पर बड़े वाहनों के आने-जाने के लिए लोगों को टैक्स देना होगा। इसके लिए मप्र सड़क विकास निगम अनारद-तोरनोद के समीप टोल टैक्स बूथ का निर्माण कार्य कर रहा है।

यहां सड़क चौड़ीकरण के लिए डामरीकरण हो चुका है। अब स्ट्रक्चर खड़ा करने का काम शुरू होना है। इसके लिए एमपीआरडीसी ने टेंडर बुलवाए थे। बताया जा रहा है कि आधा दर्जन से अधिक निर्माण एजेंसी ने स्ट्रक्चर निर्माण के लिए टेंडर फार्म जमा करवाए हैं।

कुछ दिनों में टेंडर रेट फाइनल कर कंपनी को निर्माण के वर्कआर्डर देने की तैयारी की जा रही है ताकि स्ट्रक्चर खड़ा किया जा सके। एमपीआरडीसी की चार स्टेट हाईवे पर टोल टैक्स लगाने के लिए कवायद जारी है।

इसके तहत धार से जुड़े धार-नागदा रोड पर टोल टैक्स स्थापित किया जाना है। यहां पर चार बैरियर वाला टोल तैयार किया जाएगा। दो बैरियर नागदा की तरफ से धार आने वाले वाहनों के लिए रहेंगे जबकि दो बैरियर धार की तरफ से नागदा जाने वाले वाहनों के लिए रहेंगे।

22 किमी है धार नागदा की दूरी, वर्ष 2018 में बनकर तैयार हुआ है रोड –

धार से नागदा के बीच सीमेंट कंक्रीट स्टेट हाइवे पर सफर नए साल के मार्च में महंगा हो जाएगा। इसकी वजह यह है कि धार से नागदा जाने वालों वाहनों से सरकार की टोल टैक्स वसूली की प्लानिंग बना ली है व कार्य भी कर लिया गया है।

इसके लिए मप्र सड़क विकास प्राधिकरण यानी एमपीआरडीसी ने टेंडर भी जारी कर दिए हैं। टेंडर प्रक्रिया पूरी करवाकर एजेंसी तय किया जाना है ताकि इस वर्ष से टोल वसूली शुरू की जा सके।

धार से नागदा की दूरी 22 किमी है। इस 22 किमी के आरामदायक सफर के बदले लोगों को टोल का भुगतान करना होगा। नागदा से धार होते हुए गुजरी तक हाइवे का निर्माण किया गया है।

वर्ष 2018 में यह प्रोजेक्ट पूरा हुआ। इस पर सरकार ने 247 लाख रुपये खर्च किए हैं, लेकिन इस रोड के बनने के बाद धार शहर में आये दिन हादसे हो रहे थे। इस मार्ग पर बड़े वाहनों का शहर में प्रवेश बंद कर दिया गया था।

इस वजह से इस रोड पर ट्रक व बड़े वाहन बंद कर दिए गए और इस मार्ग में बड़े वाहन दिखना दुर्लभ हो गए और रोड बनाने वाली कंपनी को इसका फायदा हुआ, लेकिन सरकार यहां पर टोल प्लाजा शुरू करेगी तो बड़े वाहन आएंगे, यह पता नहीं।

5 साल सक्रिय रहेगा टोल प्लाजा –

इस प्रोजेक्ट के निर्माण में सरकार ने बड़ी रकम खर्च की है। इसकी वसूली टोलटैक्स के रूप में करने की तैयारी की गई है। जनवरी से शुरू होने वाले टोलटैक्स की अवधि पांच साल की है।

पांच साल तक एजेंसी इस 22 किमी लंबे हाईवे पर टोल संचालित कर सकेगी। सरकार को उम्मीद है कि सालाना 50 लाख रुपये की टोल वसूली होगी जिससे रोड की देखरेख की जा सके।

धार गुजरी पर निर्णय नहीं –

स्टेट हाइवे के तहत नागदा से गुजरी तक 59 किमी का टू-लेन बनाया गया है। यह पूरी तरह सीमेंट कंक्रीट का है। धार से नागदा के बीच टोलटैक्स शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। हालांकि धार से गुजरी को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।

उम्मीद है कि इस 59 किमी के हिस्से में टोल सिर्फ धार-नागदा के बीच ही रखा जा सकता है। इस कारण धार-गुजरी के सफर पर टोल की उम्मीद कम ही है।

इन स्टेट हाईवे पर भी लगेगा टोल –

धार-नागदा स्टेट हाईवे के अलावा तीन अन्य स्टेट हाईवे पर भी टोल टैक्स लगाने के लिए एमपीआरडीसी कवायद कर रहा है। इनमें मांगोद-मनावर, राजगढ़-बाग व धामनोद-बड़वाह स्टेट हाईवे शामिल हैं।

ये सभी स्टेट हाईवे नेशनल हाईवे से सीधे जुड़ते हैं। इन स्टेट हाईवे पर टोल टैक्स लगने से लोगों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।

तोरनोद के समीप बनने वाले टोल के लिए काम जारी है। स्ट्रक्चर के लिए टेंडर बुलवाए थे। इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। धार-नागदा स्टेट हाईव पर ग्राम अनारद ओर तोरनोद के बीच बनने वाले टोल के लिए डामरीकरण कार्य पूर्ण कर दिया। – दिनेश पाटीदार, इंजीनियर, एमपीआरडीसी



Related