धार। धार-नागदा मार्ग से गुजरने वाले बड़े वाहन चालकों को सोमवार सुबह 8 बजे से टोल टैक्स देकर गुजरना पड़ा। इसको लेकर मप्र सड़क विभाग निगम के द्वारा संबंधित कंपनी को दो सालों तक टोल वसूली का टेंडर दे दिया गया है।
टेंडर के तहत कंपनी अपना टोल लगाकर वाहनों से वसूली करेगी, इसके एवज में संबंधित कंपनी सड़क की मरम्मत सहित रखरखाव का काम देखेंगे।
हालांकि टोल सिर्फ बड़े वाहनों से वसूला जाएगा तथा क्षेत्र में 25 से 30 किलोमीटर के दायरे तक आने जाने-वाले वाहनों को इस टोल से छूट रहेगी।
निगम के संभागीय प्रबंधक ने टोल वसूली शुरू होने की जानकारी जिला प्रशासन को भेज दी है। साथ ही कंपनी के कर्मचारियों ने टोल केंद्र पर पहुंचकर अपनी आवश्यक तैयारी पूरी कर ली थी। सोमवार की सुबह 8 बजे से वाहनों से टोल की वसूली शुरू हो गई।
दरअसल पांच साल पहले नागदा-धार-गुजरी मार्ग का निर्माण किया गया था। इस दौरान धार से नागदा सड़क का निर्माण एशियन डेवलपमेंट बैंक की परियोजना के तहत किया गया।
अब इस मार्ग के बनने के करीब साढ़े चार साल बाद धार-नागदा मार्ग के बीच ग्राम तोरनोद पर टोल वसूली शुरू हो की गई है। इसको लेकर टोल प्लाजा बनकर तैयार हो गया है जिसका संचालन मेमर्स निरंजन त्रिवेदी रतलाम के द्वारा किया जाएगा।
इसके लिए दो वर्ष के लिए कंपनी से अनुबंध किया गया है। श्याम कुमार गुप्ता के अनुसार हल्के व्यावसायिक वाहनों से 35 रुपये, ट्रक से 80 रुपये व मल्टी एक्सल ट्रक से 165 रुपये का टोल वसूला जाएगा।
इसके साथ ही यात्री वाहन, कार, बस, जीप, एंबुलेंस, फायर बिग्रेड से कोई वसूली नहीं की जाएगी। वहीं कृषि प्रयोजन के लिए उपयोग में आने वाले ट्रैक्टर, ट्रॉली सहित अन्य उपकरण वालों वाहनों को विशेष छूट भी दी गई है।
परेशान होते हैं इसलिए नहीं आते वाहन इधर –
बता दें कि जब से नागदा-गुजरी मार्ग बना है, कुछ समय इस रोड पर भारी वाहन आए क्योंकि धार शहर के अंदर से यह रोड जाता है जिसके कारण इक्का-दुक्का दुर्घटना होने से बाईपास होते हुए नागदा-गुजरी मार्ग पर इसे डायवर्ट किया गया था, लेकिन वाहन चालकों को परेशानी एवं पुलिस की कार्रवाई के डर से इस रोड पर बड़े वाहन आना बंद कर दिए हैं।
मानपुर लेबड होते हुए नागदा होते हुए निकल जाते हैं। जब से यह रोड बना है तब से भारी वाहन इस रोड पर ज्यादा समय नहीं निकले। नियम अनुसार रोड पर भारी वाहन बंद नहीं कर सकते मगर अधिकांश वाहन चालकों को यही पता है कि इस रोड पर भारी वाहन नहीं जा सकते।
इस वजह से बड़े वाहन चालक इस ओर नहीं आते हैं। अगर जिम्मेदार चाहें तो इस रोड पर बड़े वाहनों का आना-जाना फिर से शुरू हो सकता है।
टोल के साथ मरम्मत भी जरूरी –
करोड़ों की लागत से नागदा-गुजरी मार्ग बना है। जब से इस मार्ग में सही से मरम्मत नहीं हो सकी है। बता दें कि ठेकेदारों की लापरवाही के कारण इस मार्ग में कई जगह दरारें आ गई हैं।
रोड पर संकेत बोर्ड भी नहीं हैं व कई गांव में नालियां अपूर्ण हैं। इस ओर जिम्मेदार अधिकारी व जिम्मेदार ठेकेदार के द्वारा समय पर ध्यान नहीं दिया गया जिसका खामियाजा आज राहगीर भुगत रहे हैं।
ठेकेदार अब भी चाहें तो रोड पर मरम्मत व अन्य कार्य करवा सकता हैं जिससे राहगीरों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।