धार। कृषि उपज मंडी में नीलामी, तोल व्यवस्था, टोकन प्रणाली और एक अन्य स्थान पर ट्रैक्टर ट्रॉली कतारबद्ध किए जाने जैसे विषयों पर कंट्रोल रूम में एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों ने मंडी व्यापारियों, किसान संघ और पुलिस विभाग द्वारा बैठक की गई।
बैठक में अनाज मंडी के दोनों गेटों के रुट पर लगने वाले जाम और टैक्ट्रर ट्रॉली की कतारों को अन्य स्थान पर कतारबद्ध किए जाने जैसे बिंदुओं पर चर्चा की गई।
मंडी में इन दिनों रबी की उपज की बेहतर आवक हो रही है। सर्वाधिक उपज गेहूं की आ रही है। इसका रकबा भी जिले में सबसे अधिक है। प्रतिदिन 12 से 15 हजार बोरियां अनाज विक्रय के लिए आ रहा है जिससे ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लंबी कतारें सडकों पर लग रही है।
कतारें प्रांगण से बाहर सड़क मार्ग तक पहुंच गई है जिससे रहवासियों सहित क्षेत्र के व्यपारियों को परेशान होना पड़ रहा है।
व्यवस्थाओं का लेकर एसडीएम ने ली बैठक –
किसानों और व्यापारियों की परेशानियों को लेकर कंट्रोल रुम में एसडीएम दीपाश्री गुप्ता, सीएसपी देवेंद्र सिंह धुर्वे, कोतवाली थाना प्रभारी दिपक सिंह चौहान ने किसान संघ के सदस्य और मंडी व्यापारियों के मंडी में आवक, नीलामी, तोल व्यवस्थाओं और रूट,अनाउंसमेंट सिस्टम के साथ मंडी प्रांगण के अतिरिक्त एक और स्थान पर ट्रेक्टर ट्राली कतारबद्ध किए जाने से जैसे बिंदुओं पर चर्चा की।
गौरतलब है कि अनाज मंडी में क्षमता से अधिक ट्रैक्टर ट्राली मंडी प्रांगण में आने से जाम की स्थिति बनती रही है। इसमें किसानों के साथ रहवासियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मंडी प्रांगण के दोनों ओर लगा लंबा जाम –
कृषि उपज मंडी में रोजाना 400 से 500 ट्रॉली गेहूं की आवक हो रही है जबकि मंडी की क्षमता 300 से ज्यादा नहीं है। उपज लेकर आ रहे किसान झिरन्या गेट से दोनों सड़क मार्गों पर अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां खड़ी कर देते हैं जिससे मंडी के आसपास रह रहे लोग भी परेशान हो रहे हैं।
मंगलवार की शाम को भी दो किसानों में ट्रॉली लगाने की बात को लेकर विवाद हो गया था, जिसमें मारपीट के बाद मामला थाने पहुंच गया था।
गार्ड गायब, किसानों के भरोसे मंडी का ट्रैफिक –
कृषि उपज मंडी के दोनों मुख्य गेटों पर गार्ड की तैनाती है। जाम की स्थिति में भी गार्ड गेट के बाहर या अंदर जाम खुलवाने नहीं आते हैं, जाम लगने पर किसानों को अपने ट्रैक्टर से उतरकर जाम खुलवाना पड़ता है।
पूरी व्यवस्था किसानों के भरोसे है, जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मार्च महीने के बाद अप्रैल में भी गेहूं की आवक बढ़ेगी जिससे किसानों की परेशानियां और बढ़ जाएगी।
आवक की स्थिति –
15 मार्च – 18 हजार 82 बोरी
14 मार्च – 18 हजार 382 बोरी
13 मार्च – 16 हजार 750 बोरी