धार शहर की भोजशाला क्षेत्र में भारतीय पुरातत्व विभाग की टीम के द्वारा सर्वेक्षण किया जाना है। भोजशाला के इतिहास को लेकर हो रहे इस सर्वेक्षण का आदेश इंदौर हाई कोर्ट के द्वारा दिया गया। सर्वेक्षण टीम शुक्रवार की सुबह 6 मौके पर पहुंच गई। इस दौरान टीम के साथ कुछ चुनिंदा लोगों कोही परिसर जाने की अनुमति दी गई है। इनमें भी श्रमिक भी शामिल हैं जो अंदर खोदाई करेंगे।
इधर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग कि पिछले आदेश के मुताबिक शुक्रवार को इसी स्थान पर मुस्लिम पक्ष के लोग नमाज भी अदा करेंगे। ऐसे में आज कुछ देर के लिए सर्वेक्षण का काम रोकना भी होगा। फिलहाल मेरी जानकारी के मुताबिक यह सर्वेक्षण बारह बजे तक होगा और फिर 3 बजे के बाद दोबारा शुरू होगा।
पांच विशेषज्ञों की है ये टीम:
सर्वे करने के लिए पांच विशेषज्ञों की टीम एक दिन पहले ही धार पहुँच गई थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का कहना है कि सर्वे की शुरुआत के बाद यह स्थिति स्पष्ट होगी कि यह सर्वे कितने दिन चलेगा। इसकी वजह यह है कि सर्वे करने के लिए कौन-कौन सी तकनीक या विशेषज्ञ की आवश्यकता होगी। यहां यह भी पता लगाया जाएगा कि कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसका पालन किया जा रहा है या नहीं। ये विशेषज्ञ 22 मार्च को तय कर पाएंगे कि किस तरह से सर्वे को आग बढ़ाया जाए। तकनीकी विशेषज्ञ तय करेंगे कि उन्हें खोदाई आदि को लेकर आगे क्या करना है। किस तरह प्रमाण एकत्रित करना है। सर्वे का पहला दिन इस लिहाज से खास होगा।
भोजशाला के आसपास कड़ी सुरक्षा:
सुबह से ही भोजशाला के बाहरी परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। बिना अनुमति किसी व्यक्ति को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। सूर्योदय होते ही सर्वे टीम अंदर पहुंची और प्राथमिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। वही हिंदू समाज की ओर से अंदर गोपाल शर्मा एवं आशीष गोयल गए हैं। साथ ही यह भी विशेषज्ञ ही तय कर पाएंगे कि यहां पर किस तरह की मशीनों की आवश्यकता होगी। इस तरह से अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। यह सर्वे की शुरुआत होने बाद में विशेषज्ञ द्वारा तय किया जाएगा कि किस तरह से आगामी प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।