फिर तय होगी धार जिले के 23 थाने और 16 पुलिस चौकियों की सीमा


10 जनवरी तक मांगे सुझाव-आपत्ति, क्राइम रेट के अनुसार थानों की संख्या कम अथवा ज्यादा होने की संभावना


आशीष यादव
धार Published On :

जिले में अपराधों पर अंकुश लगाने और बदमाशों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए पुलिस थानों का पुर्ननिर्धारण होगा। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर कवायद शुरु हो गई है। आगामी 10 जनवरी तक नागरिकों से सुझाव मांगे गए हैं। एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि धार जिले में सात पुलिस अनुविभाग तथा कुल 23 थाने तथा 16 चौकिया कार्यरत हैं। इसके साथ ही सभी थानों में 1847 गांव आते हैं।

अब तक होती आई स्थानीय मांगों तथा पुलिस विभाग की आवश्यकताओं के अनुरुप कतिपय नये थानों तथा चौकियों का सृजन किया गया था परंतु स्थानीय आबादी, भौतिक संरचना एवं अपराधों के परिदृश्य में परिवर्तन की स्थिति में थाना/चौकियों की सीमाओं का पुर्ननिर्धारण आवश्यक हो गया है। थाना क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीण लोगों को उनके ग्राम से थानें की दूरी होने के कारण पंहुचने में कठिनाईया उत्पन्न हो रही है तथा दूरस्थ स्थानों से थानों पर पंहुचने में काफी समय लगता है।

इस सिलसिले में पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी पुलिस तथा थाना प्रभारियों से समीक्षा कराई गई। समीक्षा के दौरान संबंधित थाना प्रभारी के द्वारा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिकों तथा संबंधित ग्रामवासियों से चर्चा की गई। जिनके द्वारा उनके गांवों को सुविधा की दृष्टि से अन्य थानों की सीमा में पुर्ननिर्धारित करने के लिए सहमति दर्शाई गई है।

धरमपुरी और मनावर में अधिक विसंगतिः धरमपुरी थाने के पांजरिया, लवाणी, करोंदिया मोटा, केशरपुरा और निल्दा यह सभी गांव उमरबन चौकी के अंतर्गत आते हैं। जिनकी दूरी धरमपुरी से अधिक है वहीं मनावर की दूरी कम है। इसी प्रकार गंधवानी थाने का लाखनकोट मनावर विधानसभा में आता है। यह एकमात्र गांव है, जो मनावर में आता है। जबकि अन्य सभी गांव गंधवानी में आते हैं। इस प्रकार लाखनकोट को थाना मनावर में मिलाने पर विचार चल रहा है क्योंकि इस गांव की दूरी मनावर से 12 और गंधवानी से 14 किमी है।

गांव में कोई घटना तो 29 किमी जाकर करते हैं रपटः ग्राम बडलीपुरा थाना गंधवानी से 29 किमी दूर है ।जबकि यह गांव थाना अमझेरा से मात्र १० किमी की दूरी है। ऐसे में जब भी गांव में कोई घटना होती है, तो रपट लिखवाने के लिए ग्रामीणों को २९ किमी गंधवानी जाना पड़ता है। इसी प्रकार की विसंगतियां कुछ अन्य थाना क्षेत्रों में भी है।

धार से नजदीक, किंतु रिपोर्ट लिखवाने तिरला जाना पड़ता है तिरला थाने का ग्राम बड़पिपली जो तिरला से 15 किमी दूर है। वहीं धार से दूरी 10 किमी है। ऐसे में ग्रामीणों को पांच किमी अधिक चलकर अपनी फरियाद लेकर तिरला जाना पड़ता है। इसी प्रकार सूरजपुरा के लोगो को 11 किमी धार को छोड़कर 16 किमी दूर तिरला जाना होता है।

दूरस्थ थाना होने से आने-जाने में होती है परेशानीः अपराधों के ग्राम व क्राइम रेशो को देखते हुए थानों का सीमांकन किया जाएगा। इससे पुलिस थाने अथवा चौकियों की संख्या कम अथवा ज्यादा हो सकती है। वहीं लोगों को अपनी शिकायत लेकर थाने तक आने-जाने में परेशानी होती है।

जिले के थानों की सीमा के पुर्ननिर्धारण करने के सम्बन्ध में सुझाव व आपत्ति 10 जनवरी दे सकते हैं। थाना क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीण लोगों को उनके ग्राम से थानें की दूरी होने के कारण पंहुचने में कठिनाईया उत्पन्न हो रही है। इसमें भी राहत होगी।

पुरुषोत्तम विश्नोई, आर आई धार


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