मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला परिसर की चर्चा तेज़ है। Idi परिसर में कमाल मौला मस्जिद भी है जिसे लेकर हिंदू और मुसलमान पक्ष में विवाद है और माना जा रहा है कि अब ये विवाद आखिरी दौर में है क्योंकि हाईकोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने यहां तीन महीने से भी ज्यादा सर्वे कर अपनी फाइनल रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है। हालांकि कोर्ट ने रिपोर्ट की डिटेल्स जारी करने से मना किया है लेकिन जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक हिंदू पक्ष का दावा कहीं मजबूत दिखाई देता है। यह बात दोनों पक्षों के लोग मान रहे हैं। यही वजह है कि हिन्दू पक्ष के लोगों में उत्साह बहुत है और वे यहां लगातार पहुंच रहे हैं। मंगलवार को भोजशाला में पूजा अर्चना की जाती है जिसके लिए यहां काफी संख्या में लोग पहुंचे।
भोजशाला कमाल मौला मस्जिद मामले में याचिकाकर्ता हिंदू पक्षकार आशीष गोयल ने कहा कि महाराजा भोज बसंत उत्सव समिति द्वारा हर मंगलवार यहां सत्याग्रह किया जाता रहा है। उन्होंने बताया कि 1025 में राजा भोज ने यहां मां सरस्वती का मंदिर बनवाया था। सर्वे के दौरान यहां से परमार काल के सिक्के, देवी-देवताओं की मूर्तियां, और अन्य अवशेष मिले हैं, जिससे हिंदू समुदाय में खुशी की लहर है और वे आशान्वित हैं कि निर्णय उनके पक्ष में होगा।
सर्वे के खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने सर्वोच्च न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया है, जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है। हिंदू पक्ष का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी तो वे सुप्रीम कोर्ट में भी मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे।