बस डिपो की जमीन बेचने जा रही सरकार, दुकानदारों को हो रही अपनी चिंता


0.7724 हेक्टेयर जमीन है बस डिपो की, यहां 16 दुकानें भी शामिल, 17 नवंबर को 25.56 करोड़ से शुरू होगी ई-नीलामी,


आशीष यादव
धार Updated On :

धार। शहर में वर्षों से बंद पढ़े बस डिपो की जमीन अब सरकार बेचने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर सरकार द्वारा एक विज्ञप्ति भी जारी की गई है। जिसके मुताबिक जमीन की बोली 25 करोड़ रु से शुरु होगी।

इस फैसले से कुछ दुकानदारों में नाराजगी है। ये दुकानदार डिपो के बाहर सालों से अपनी दुकानें लगाते हैं और इनके मुताबिक ये दुकानें उन्होंने नियम के मुताबिक खरीदी हैं ऐसे में इन दुकानदारों को चिंता भी सता रही है कि अब उनकी दुकानों का क्या होगा।

वहीं डिपो के अंदर शहर में जाने वाले लोगों को वाहनों की पार्किंग के लिए भी परेशान होना पड़ेगा। यहां एक स्थान पर बड़े पैमाने पर पार्किंग की जाती हैं। ऐसे में अब यह सुविधा भी खत्म हो जाएगी। इस तरह लोगों को डिपो की जमीन बेचे जाने की बात पता चली तो उन्हें मयूसी हुई। इन दुकानदारों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

 

सरकार लगी सब बेचने में !

यहां के भूपेंद्र चौहान नाम की दुकानदार कहते हैं

सरकार सब बेचने में लगी है, एक ओर सरकार गरीबी हटाने की बात करती है तो दूसरी और गरीब के पेट पर लात मार रही है जहां से गरीब अपना घर वह परिवार का पालन पोषण कर रहा है उसी जगह को बेचने जा रही है अगर डिपो बिकता है तो यहां सैकड़ों लोगों के परिवार चल रहे उन पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए यह जहा नही बेचनी चाहिए।

नीलामी टेंडर

अब सरकार के लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने इसके लिए नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार से ई-टेंडर जारी हो चुके हैं। इसके तहत 0.7724 हेक्टेयर यानी 7 हजार 724 वर्ग मीटर जमीन की नीलामी होगी। इसकी बेस प्राइस 25 करोड़ 56 लाख रुपए रखी गई है।

17 नवंबर को टेंडर में शामिल होने वाले खरीदार जमीन अपने नाम करवाने के लिए बोली में शामिल हो सकेंगे। ऑनलाइन बोली के माध्यम से जमीन नीलाम की जाना प्रस्तावित की गई है। 17 नवंबर को दोपहर 3.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक समय निर्धारित किया गया है। दो घंटे ऑनलाइन नीलामी होगी। नीलामी खत्म होने के बाद बिड खोल दी जाएगी।

बस स्टैंड का संचालन होता थाः 
दरअसल मप्र राज्य परिवहन निगम की इस बेशकिमती जमीन पर एक वक्त बस स्टैंड का संचालन किया जाता था लेकिन मप्र बस डिपो बंद होने के बाद से यहां से बस स्टैंड आगे की तरफ बना दिया गया। लंबे वक्त से डिपो की जमीन खाली पड़ी है।

नए निवेश की उम्मीदः बारिश के पूर्व मप्र सडक़ विकास प्राधिकरण के माध्यम से जमीन का सर्वे करवाया गया था। इसके बाद लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा संपत्ति नीलामी के लिए निविदा जारी की गई है। हालांकि इसके पूर्व भी एक बार निविदा जारी की जा चुकी है। लेकिन इसमें किसी भी खरीदार ने भाग नहीं लिया था।

अब दोबारा सोमवार को ई-नीलामी की टेंडर प्रक्रिया जारी कर दी गई है। इसके तहत खरीदार 16 नवंबर तक विभाग को दस्तावेज सहित अन्य जरूरी जानकारी जमा करवा सकते हैं। 17 नवंबर को जमीन की नीलामी की प्रक्रिया होना है। जमीन नीलामी के बाद यहां पर नए निवेश की संभावना बढ़ गई है।

डिपो उजाड़… दुकानें चालूः मप्र राज्य परिवहन निगम के अधीन यह डीपो एक जमाने में बसों का मुख्य सेंटर था। जबकि डिपो के बाहर 16 दुकानों का कर्मिशीयल कॉम्प्लेक्स बनाया गया था, जहां इन दिनों दुकानें संचालित होती है।

जबकि भीतर डिपो ग्राउंड की हालत काफी खराब है। डिपो के पुराने भवन जर्जर हो चुके है। हालांकि लोगों का कहना है कि अगर इसे व्यवस्थित करके उपयोग में लिया जाता तो शायद राजस्व भी अच्छा मिलता और लोगों को भी रोजगार के नए अवसर मिल पाते।

लाखो में खरीदी दुकान अब सत्ता रही चिंता: वहीं पिछले साल डिपो के कर्मचारियों द्वारा दुकानों को बेचा गया था मगर जैसे ही बाजार में डिपो बिकने की बात सामने आए तो लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई क्योंकि लाखों रुपए देकर दुकान खरीदी अब इन दुकानों का क्या होगा कुछ पता नहीं।

16 दुकानें हो रही संचालितः  डिपो कॉम्प्लेक्स के बाहर 16 दुकानों में अलग-अलग व्यापारी अपना कामकाज संचालित करते है। जबकि डीपो के भीतर बसों को खड़ा किया जा रहा है वही रोज़ कमाकर अपना जीवन यापन करने वाले अपना कारोबार चला रहे है। यह सालों से चलता आ रहा है। वहीं खुली जमीन होने के कारण ट्रांसपोर्ट और बसों सहित दुकान है वही आसपास के लोग यहां कचरा भी फेंकते हैं।

कोर्ट में चला मामलाः मप्र राज्य परिवहन निगम की बस डीपो की 0.7724 हेक्टेयर जमीन मौजूद है। मप्र में परिवहन निगम के तहत संचालित होने वाले डीपो बंद हुए डेढ़ दशक से अधिक वक्त बीत चुका है। डीपो बंद होने के बाद से विभाग की जमीन लावारिस पड़ी हुई है। धार में डीपो की जमीन पर लंबे अरसे से विवाद चल रहा था। यहां पर परिवहन विभाग, नगर पालिका और राजस्व के बीच जमीन को लेकर कोर्ट में मामला लंबित था।

इस बीच इस जमीन को शासन ने अपने अधीनस्थ लेकर इसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एमपी टेंडर पर यह ओपन नीलामी के माध्यम से कोई भी खरीदार इसमें हिस्सा ले सकता है। एक माह में नीलामी की प्रक्रिया होगी। ऑनलाइन नीलामी में शामिल होने से पहले संबंधितों को दस्तावेज और अन्य प्रक्रिया पूरी करना होगी। इसके लिए कार्यक्रम विभाग ने जारी कर रखा है।

 

 


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