गैस सिलेंडर में धमाके से खंडहर हो गई इमारत अब तीन पर केस दर्ज, पीथमपुर में फिर भी जारी है अवैध रिफलिंग का कारोबार


जिस जगह हुआ ब्लास्ट, उसकी आसपास की इमारतों में छुपाकर रखते थे गैस सिलेंडर


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर की छत्रछाया कॉलोनी में एलपीजी सिलेंडर ब्लास्ट के बाद खुलासे होना शुरू हो गए है। जिस जगह टंकी ब्लास्ट हुआ वहां अवैध गैस रिफलिंग की जाती है और यह अब तक जारी है। इसे लेकर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है जिसके चलते प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। ब्लास्ट की घटना के बाद आसपास के लोगो में प्रशासन को लेकर कॉफी नाराजगी है। बताया जा रहा है की जिस इमारत में हादसा हुआ उसके आसपास की इमारतों में बड़ी मात्रा में सिलेंडर छुपाकर रखते थे। घटना के बाद कई दुकानदार मौके से फरार हो गए। शहर में करीब दो दर्जन से अधिक स्थानों पर सिलेंडर रिफलिंग का अवैध कारोबार हो रहा है।

मकान मालिक समेत 3 पर प्रकरण दर्ज: पीथमपुर में दो दिन पहले छत्र छाया कॉलोनी में घरेलू गैस सिलेंडर विस्फोट के बाद खाद्य अधिकारी ने शक्रवार को शिकायत दर्ज कराई है। खाद्य अधिकारी अविनाश जैन ने जिस मकान में हादसा हुआ था उसके मालिक प्रवीण पिता चितरंजन गुप्ता, पवन गुप्ता, सुदामा पति चितरंजन गुप्ता पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 1955/3/7 में थाना सेक्टर एक में मुकदमा कराया है।

जांच अधिकारी बाल कृष्ण मिश्रा ने बताया कि दो दिन पहले हुए भीषण हादसे में तीन से ज्यादा घरेलू गैस सिलेंडर के विस्फोट के बाद लगी आग ने पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी। आरोपियों के पास से तीन घरेलू गैस सिलेंडर और 5 छोटे गैस सिलेंडर खाद्य विभाग ने जब्त किए हैं। तीनों आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

शहर के कई इलाकों में होता है व्यापार: शहर के अधिकतर पुराने रिहायशी इलाकों और छोटी बस्तियों में गैस रिफिलिंग का काम चलता है। अधिकतर छोटा सिलेंडर प्रयोग करने वाले दुकान पर जाकर बड़े घरेलू व कामर्शियल सिलेंडर से गैस रिफिल कराते हैं। यही हादसे का कारण बनते हैं। नगर के जयनगर, छत्रछाया, हाऊसिंग, धन्नड़, सागौर, इंडोरामा, विश्वास नगर आदि स्थानों पर गैस रिफलिंग का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। कोई बर्तन की दुकान तो कोई किराने की आड़ में गैस रिफलिंग का अवैध कारोबार कर रहा है।

सालभर से नही हुई कोई कार्यवाही: लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभाग की टीम पिछले एक साल में निरीक्षण के लिए सिर्फ दो-तीन बार ही बाहर निकली है। इससे उलट पुलिस कई बार गैस रिफलिंग के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ किया है। वहीं, जिला पूर्ति अधिकारी अवैध गैस रिफलिंग के इस धंधे के लिए गैस एजेंसियों को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि यदि एजेंसियां दलालों को सिलेंडर देना बंद कर दें तो इस धंधे पर अपने आप ही लगाम लग जाएगा।

मकान बना खंडहर: जिस इमारत में गैस की टंकी से धमाका हुआ था वो इसके बाद खंडहर बन चुकी है। किरायदारों के कपड़े से लेकर बर्तन तक जल गए हैं। दुकान का सारा सामान जलकर खाक हो चुका है। किरायदारों को देर रात दूसरे मकानों पर शिफ्ट किया गया। वहीं, घायल पवन का ईलाज महू के निजी अस्पताल में चल रहा है।



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