केंद्रीय क्राइम ब्रांच ने मानव तस्करी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया था। जिसमें यह बात सामने आई कि दिल्ली की एक कंपनी द्वारा युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर रशिया और यूक्रेन भेजा जाता था, जहां पर नौकरी के बजाय इन युवकों को युद्ध में लड़वाया जाता है।
सीबीआई ने छापेमारी के दौरान सुयश मुकुट नाम के युवक को हिरासत में लिया, जिससे पूछताछ शुरु की गई। इस युवक का कनेक्शन मप्र के धार जिले से सामने आया हैं, सुयश मुकुट की मां अनिता मुकुट भाजपा की और से पार्षद है। इसके पिता एक निजी अस्पताल में डॉक्टर के रुप में पदस्थ है।
सुयश का भाजपा कनेक्शन सामने आने के बाद कांग्रेस की ओर से अपने एक्स अकाउंट पर टवीट करते हुए लिखा कि मध्य प्रदेश में धार से भाजपा की पार्षद अनिता मुकुट है।
भाजपा पार्षद का बेटा सुयश मुकुट आरएएस ओवरसीज फाउंडेशन चलाता है। सुयश मुकुट की संस्था आरएएस ओवरसीज फाउंडेशन ने 180 युवाओं को रूस भेजा। इनमें अधिकतर स्टूडेंट वीजा पर रूस गए। जब भारतीय युवा रूस पहुंचे तो उन्हें जबरन रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेल दिया गया। जहां से कई भारतीय युवकों की मौत की खबर भी आई है। एक बार फिर हमारे देश के युवाओं को ठगने में भाजपा का नाम सामने आया है। पीएम मोदी से लेकर भाजपा का हर नेता युवाओं को ठगने और झांसा देने में लगा है. और उनके भविष्य के साथ खेला जा रहा है.
यह देश के युवाओं के साथ अन्याय है:
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि पीएम मोदी ने 2 करोड रोजगार देने की बात कही थी। भाजपा के लोग विदेश भेजने के चार से पांच केस भाजपा के कार्यकर्ता और नेता व लगे हुए लोग यहां से यूक्रेन या रशिया भेजते हैं, जहां पर आर्थिक रुप से आदमी अपनी शहादत जान देने को तैयार हो जाता हैं। उसके घर पर परेशानी हैं, आर्थिक दिक्कत हैं, नए बच्चों को भी पता हैं, मौत को गले लगाना चाहते हैं, परिवार को पालने के लिए। ये हैं, बेरोजगारी का आलम।
एक साल पहले बनी पार्षद
धार नगर परिषद में सुयश मुकुट की मां अनीता वार्ड नंबर-4 से भाजपा की और से पार्षद है। शहर के सिल्वर हिल कॉलोनी में सुयश का परिवार रहता हैं, एक साल पहले हुए नगर पालिका चुनाव में भाजपा की ओर से टिकट दिया गया। चुनाव के दौरान क्षेत्र में प्रचार करने व निवास स्थान पर मिलने के लिए पूर्व विधायक व नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय भी पहुंचे थे। गत वर्ष जनवरी माह में चुनाव हुए थे। भास्कर ने पार्षद से बात करने की कोशिश भी की, किंतु फोन रिसिव नहीं किया।