अच्छी पैदावार की उम्मीद: तापमान में गिरावट से बढ़ी ठिठुरन, फसल को फायदा होने से किसान खुश


तापमान में गिरावट और ठंड के असर से किसानों को राहत। गेहूं और चने की फसलों में तेजी से वृद्धि, बंपर पैदावार की संभावना। जानिए कैसे ठंड का मौसम फसलों के लिए बना वरदान।


आशीष यादव
धार Updated On :

जनवरी के दूसरे सप्ताह में सर्दी बढ़ने लगी है। सुबह और शाम में ओस गिर रही है, और रात के तापमान में गिरावट हो रही है। बुधवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि मंगलवार को यह क्रमश: 21.6 डिग्री और 8.7 डिग्री सेल्सियस था। सर्द मौसम भले ही आम लोगों को ठिठुरा रहा हो, लेकिन किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। गेहूं के लिए यह मौसम बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है। ठंड बढ़ने से किसान अच्छी पैदावार की संभावना जता रहे हैं। इस समय फसल अच्छी स्थिति में है। कोहरे और ठंड से गेहूं की फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं, चना और मटर जैसी फसलों को रोग से बचाने के लिए सल्फर का स्प्रे किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से फसलों में रोग की संभावना कम हो जाती है।

गेहूं की अगेती फसल में बाली आ गई है। वहीं, मावठे की बारिश ने भी गेहूं की फसल को लाभ पहुंचाया है। लंबे समय बाद क्षेत्र में इन दिनों ठंड का असर देखने को मिल रहा है। चारों ओर हरियाली छाई हुई है, और आगे बुवाई वाली गेहूं की फसल में बाली आ चुकी है। पिछले दिनों ठंड बढ़ने से रबी की सभी फसलों में अच्छी ग्रोथ देखी जा रही है। गेहूं की बालियों में मोती जैसे दाने नजर आ रहे हैं। इससे किसानों को उम्मीद है कि इस बार गेहूं की बंपर पैदावार हो सकती है। इसी तरह चने की स्थिति भी अनुकूल बनी हुई है। इस ठंड ने लोगों को एक बार फिर घरों में कैद कर दिया है। आने वाले दिनों में बारिश की संभावना जताई जा रही है। अगर बारिश होती है, तो किसानों को इसका और अधिक फायदा होगा।

मलगांव के किसान जितेंद्र मंडलोई ने बताया कि रबी की फसल, खासतौर पर गेहूं, के लिए ठंड जरूरी होती है। अगर ठंड अधिक रहती है, तो गेहूं के उत्पादन पर इसका सकारात्मक असर पड़ता है। अनारद के मुकेश परमार ने बताया कि इस बार दिसंबर से जनवरी तक लगातार ठंड बनी हुई है। अगर आगे भी ऐसा मौसम रहा, तो प्याज और लेट-वेरायटी गेहूं की फसल को फायदा मिलेगा। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. जीएस गठिया ने बताया कि इस मौसम का सबसे अधिक फायदा गेहूं की फसल को हुआ है। ठंड जितनी बढ़ेगी, उतना ही यह फसलों के लिए अच्छा रहेगा। सब्जियों को भी अभी तक कोई नुकसान नहीं हुआ है। अगर अधिक पाला पड़ा तो फसलों को नुकसान हो सकता है, लेकिन अब तक यहां एक बार भी पाला नहीं पड़ा है। मौसम का पूर्वानुमान देखते हुए किसान सतर्क हो सकते हैं और पाले की स्थिति में खेतों की सिंचाई कर सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर और अन्य जगहों पर हो रही बर्फबारी का असर धार जिले में भी देखने को मिल रहा है। मंगलवार और बुधवार को सुबह के समय मौसम काफी ठंडा रहा। इससे किसानों को फायदा हो रहा है। तापमान में 6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम 5.8 डिग्री रहा। जिले में ठंड के तेवर बरकरार हैं। सर्द हवाएं लगातार चल रही हैं। बुधवार और गुरुवार को सुबह हल्के बादलों की आवाजाही बनी रही और सर्द हवाओं के कारण दिन में भी ठंड महसूस हुई। शाम के बाद हवाओं की गति तेज होने से कंपकंपाने वाली ठंड ने जिले को अपनी चपेट में ले लिया। इससे पहले सोमवार रात बादलों के चलते न्यूनतम तापमान में हल्का उछाल दर्ज किया गया था।

ठंड बढ़ने के कारण सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। जिला अस्पताल और निजी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिदिन सैकड़ों लोग इलाज कराने पहुंच रहे हैं। इनमें से कई को उपचार के बाद घर भेजा जा रहा है, जबकि गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों का कहना है कि इस बार फसल अच्छी स्थिति में है। ठंड ने रबी की फसलों, खासतौर पर गेहूं और चने, को फायदा पहुंचाया है। गेहूं की बालियों में मोटे दाने नजर आ रहे हैं और चने की फसल भी बेहतर स्थिति में है। ठंड के कारण फसलों की ग्रोथ तेज हो रही है और किसानों को उम्मीद है कि इस बार पैदावार अच्छी होगी।





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