नेशनल हाईवे पर तेंदुए की मौत: वन्यजीव संरक्षण पर बढ़ती चिंताएं


धार के पीथमपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर तेंदुए की मौत। जंगल कटाई और बढ़ते हादसे वन्यजीव संरक्षण की गंभीर समस्या बन रहे हैं।


आशीष यादव
धार Published On :

सोमवार रात धार जिले के पीथमपुर में मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक दर्दनाक हादसे में एक तेंदुए की जान चली गई। घटना सागौर थाना क्षेत्र के महाकाल ढाबे के सामने हुई, जब तेंदुआ सड़क पार कर रहा था। एक अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी, जिससे तेंदुए की मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तेंदुआ सड़क के उस पार जाने की कोशिश कर रहा था, तभी यह हादसा हुआ। स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और पुलिस तथा वन विभाग को सूचना दी।

घटना स्थल पर तुरंत पहुंची टीमें

घटना की सूचना मिलते ही सागौर थाने के सहायक उप निरीक्षक ओमेंद्र सिंह भाटी अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने तेंदुए के शव को सड़क से हटवाया और वन विभाग को इस मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए सूचित किया। मांडव वन विभाग की टीम ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मृत तेंदुए की उम्र लगभग 3 से 4 वर्ष के बीच थी। यह आशंका जताई जा रही है कि वह जंगल से भटककर राजमार्ग पर आ गया था। शव को जिला मुख्यालय ले जाया गया, जहां मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

जंगल कटाई और बढ़ते हादसे

धार जिले और आसपास के क्षेत्रों में जंगलों की कटाई और शहरीकरण के कारण वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास सिमटता जा रहा है। इससे तेंदुए जैसे वन्यजीव इंसानी बस्तियों और राजमार्गों के पास भटकने को मजबूर हो रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों का विनाश और राजमार्गों पर तेज रफ्तार वाहनों की आवाजाही वन्यजीवों के लिए खतरनाक साबित हो रही है।

वन्यजीव संरक्षण की जरूरत

इस हादसे ने एक बार फिर वन्यजीव संरक्षण और उनकी सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और वाहन चालक की पहचान के प्रयास जारी हैं। विभाग यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए अंडरपास या ओवरपास का निर्माण किया जाए। इससे वन्यजीवों को सुरक्षित आवागमन का रास्ता मिलेगा और हादसों की संख्या में कमी आएगी।





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