
गर्मी की दस्तक के साथ ही तेंदूपत्ता संग्रहण की तैयारी भी जोर पकड़ने लगी है। धार जिले में इस बार तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य मई के दूसरे सप्ताह से शुरू होगा। जिले के ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में यह कार्य न केवल वन संपदा के प्रबंधन का माध्यम है, बल्कि हजारों परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण रोजगार का जरिया भी बन चुका है।
इस वर्ष जिले को कुल 4100 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य मिला है। इसके लिए 12 समितियों के साथ तीन पैसा एक्ट समितियाँ सक्रिय रूप से कार्य करेंगी। वन विभाग और लघु वनोपज सहकारी यूनियन के समन्वय से यह अभियान संचालित होगा। खास बात यह है कि इस बार संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 4000 रुपये की दर से भुगतान किया जाएगा, जो पिछले साल की तुलना में अधिक है।
मौसम ने दिखाया साथ, क्वालिटी बेहतर होने की उम्मीद
इस बार का मौसम तेंदूपत्ता की ग्रोथ के लिए अनुकूल रहा है। अभी पत्ते छोटे और नरम हैं, लेकिन जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, तेंदूपत्ता की गुणवत्ता में और सुधार होगा। इससे संग्राहकों को भी बेहतर दर पर पत्ते देने का लाभ मिलेगा।
45 दिनों का सीजन, सुबह 5 बजे से लग जाता है काम
तेंदूपत्ता संग्रहण की अवधि करीब 45 दिनों की होती है। चूंकि यह कार्य गर्मियों में होता है, इसलिए मजदूर सुबह 5 बजे ही जंगल की ओर निकल पड़ते हैं। दोपहर की तेज गर्मी में काम कठिन हो जाता है, फिर भी महिलाएं, पुरुष और बच्चे मिलकर यह कार्य करते हैं। प्रत्येक मानक बोरा में करीब 1000 गड्डियां होती हैं और एक गड्डी में 25 से 50 पत्ते होते हैं।
5 हजार परिवारों को रोजगार, महिलाओं की बढ़ी भागीदारी
इस बार जिले के लगभग 5000 परिवार इस कार्य से सीधे रूप से जुड़ेंगे। खास बात यह है कि इनमें महिलाओं की भागीदारी लगभग 50% है। तेंदूपत्ता संग्रहण ने ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
वन विभाग ने संग्राहकों के लिए कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। प्रत्येक परिवार को एक सदस्य के नाम पर कार्ड जारी किया जाता है, जिससे सरकारी रिकॉर्ड और भुगतान में पारदर्शिता बनी रहे।
गोदामों में पूरी व्यवस्था, बोनस से भी लाभ
तेंदूपत्ता के भंडारण के लिए जिले में 6 प्रमुख गोदाम बनाए गए हैं — धार में 3, सरदारपुर में 2 और धामनोद में 1। इन गोदामों में लगभग 10,700 मानक बोरा संग्रहित करने की क्षमता है।
पिछले वर्ष की तरह इस बार भी सरकार संग्राहकों को बोनस देगी। वर्ष 2022-23 में प्राप्त बोनस से समितियों ने साड़ी, चप्पल, छाता जैसी उपयोगी वस्तुएं वितरित की थीं। इससे संग्राहकों को अतिरिक्त सहूलियत मिली थी।