धार। मौसम के उतार-चढ़ाव के बाद फसलों में बीमारियों का प्रकोप देखने को मिल रहा है। मटर व चने की फसलों में इल्लियों के लगने के बाद किसानों ने अपने खेतों में दवाई छिड़काव कर उनको मारने की कोशिश की। काफी हद तक इल्लियां मर भी गईं।
अब कृषि विभाग की टीम द्वारा भी खेतों में जाकर इल्लियों को देखा ओर उन पर नियंत्रण करने की भी जानकारी दी जा रही है। किसानों को बैठक लेकर समझा रहे हैं कि किस अवस्था में किस बीमारी पर किन दवाइयों का स्प्रे करना चाहिए।
किस समय पर कैसे और कितनी मात्रा में इसका उपयोग करना चाहिए। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा खेतों में पहुंचकर अन्य बीमारियों को भी देखा गया है।
मौसम का रुख बार-बार बदलने से किसानों के खेतों में खड़ी चने की फसल में इल्लियों का प्रकोप बढ़ने लगा था। कीटनाशक दवाइयां भी इल्लियों को रोक नहीं पा रही हैं। किसानों के सामने एक नए संकट ने दस्तक दे दी थी।
किसानों की चना, मटर आदि फसलों में कीट-इल्ली की आमद ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी हैं। वहीं कृषि विभाग ने फसलों की सुरक्षा के लिए किसानों को कई उपाय सुझाए हैं।
क्षेत्र में मौसम में हो रहे बदलाव का असर रबी फसलों पर साफ दिखाई दे रहा है जिससे खेतों में खड़ी फसल में इल्ली लगने लगी थी। इससे किसानों की फसलें प्रभावित हो रही हैं।
इल्ली के प्रकोप से दलहन फसलों की फूल, पत्ती व फली को भारी नुकसान पहुंचती है। किसानों ने बताया कि इसका सीधा असर फसलों के उत्पादन पर पड़ेगा। लगातार प्रकृति की मार झेल रहे किसानों को एक बार फिर उसे भविष्य की चिंता सताने लगी हैं।
वहीं कृषि विभाग के अधिकारी अपनी टीम के साथ अनारद व आसपास के गांव-खेतों में जाकर किसानों की फसलों में लगी बीमारियों का जायजा लिया व किसानों को इससे बचने की जानकारी दी।
कृषि विभाग के एसडीओ आरएन शर्मा, आनंद सत्यार्थी, ग्राम सेवक केएल ठाकुर, जीएस मौर्य, किसान रतनलाल यादव, कमल यादव आदि भी मौजूद थे।