धार जिला जनसंपर्क कार्यालय में पदस्थ रहे सुशील कुमार खरते की संदिग्ध मौत के मामले में उनके परिजनों ने गहन जांच की मांग की है। इस सिलसिले में परिजन बुधवार को पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनोज कुमार सिंह से मिले और उन्हें एक आवेदन, पेन ड्राइव तथा कुछ व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट सौंपे। एसपी ने परिजनों को आश्वस्त किया कि प्रकरण उनके संज्ञान में है और पुलिस अधिकारी इस मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे।
संभावित आत्महत्या पर सवाल मृतक की मां सायजा खरते और भाई मनीष खरते ने आवेदन में बताया कि 6 अक्टूबर की रात सुशील घर पर ही था और बाजार से नॉनवेज लाया था। उस समय घर में उसकी पत्नी और बच्ची भी मौजूद थीं। परिजनों ने संदेह जताया कि सुशील की आत्महत्या की घटना संदिग्ध है। उन्होंने बताया कि सुशील की पत्नी जिस समय रोटी बना रही थी, उस स्थान से सुशील के फांसी लगाने की जगह बहुत पास थी, जिससे अगर फांसी लगाई गई होती, तो घर में हलचल अवश्य सुनाई देती।
साक्ष्यों पर जांच की मांग परिजनों ने एक वीडियो का भी उल्लेख किया, जिसे लक्ष्मी नाम की महिला ने दरवाजे के ऊपर लगे जाली से अपने मोबाइल में बनाया। उन्होंने इस वीडियो के उद्देश्य की जांच की मांग की।
सुशील के मोबाइल में ‘मेरी कहानी’ शीर्षक से एक नोट भी मिला है, जिसमें उसने अपनी मौत के कारण में पड़ोसी, एक लेडी टीचर और एक डॉक्टर का हाथ होने का जिक्र किया है। इस नोट में पत्नी द्वारा दो बार बेटी को मारने की धमकी का भी जिक्र है। घटना वाले दिन पति-पत्नी के बीच 41 बार कॉल पर बात होने का भी खुलासा हुआ है, जो संभवतः उनके बीच चल रहे तनाव का संकेत है। परिजनों ने आवेदन में कुल 17 बिंदुओं पर गहराई से जांच करने की मांग की है और आशंका जताई कि सुशील की हत्या किसी साजिश के तहत की गई है।
मामले का संक्षिप्त विवरण ध्यान देने योग्य है कि 6 अक्टूबर को धार के कोतवाली थाना अंतर्गत दौलत नगर में सुशील कुमार खरते (37) ने फांसी लगा ली थी। उस समय घर में उनकी पत्नी और बच्ची मौजूद थे। सुशील जिला जनसंपर्क कार्यालय में प्रचार सहायक ग्रेड-एक के पद पर कार्यरत थे।