पुलिस के हाथों से कोसों दूर जैन व तिवारी, भोला तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट में नामंजूर


जमानत आवेदन के खिलाफ कई लोगों ने आपत्तियां भी दर्ज कराई थीं। इधर शासन की ओर से पैरवी कर रहे लोक अभियोजक कैलाश यादव ने कई दूसरे मामलों की ओर कोर्ट का ध्यानाकर्षण करवाया।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
tiwari and jain dhar

धार। नगरपालिका में बंधक रखे करोड़ों रुपये के 19 भूखंडों की अफरातफरी मामले में पिछले चार दिनों से फरार अनुज उर्फ भोला तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट से खारिज हो गई है।

जमानत आवेदन के खिलाफ कई लोगों ने आपत्तियां भी दर्ज कराई थीं। इधर शासन की ओर से पैरवी कर रहे लोक अभियोजक कैलाश यादव ने कई दूसरे मामलों की ओर कोर्ट का ध्यानाकर्षण करवाया।

दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने अग्रिम के जमानत देने से इंकार कर दिया। इस मामले में एक अन्य आरोपी इंदौर निवासी गौतम जैन भी फरार है। इधर धार पुलिस ने तिवारी और जैन की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं।

नक्शे में परिवर्तन कर चार बगीचे के भूखंड बेचे –

न्यायालय के समक्ष जमानत के विरोध के साथ यह जानकारी भी रखी गई है कि सिर्फ 19 बंधक प्लॉटों की अफरातफरी ही नहीं की गई है बल्कि निहाल नगर के टीएनसीपी से स्वीकृत नक्शे में पांच बगीचे दर्शाए गए थे। नए नक्शे में चार बगीचों पर भूखंड काट दिए गए हैं।

इसके अलावा गरीबों के लिए आरक्षित भूखंड भी इनके द्वारा विक्रय कर दिए गए हैं। पक्ष-विपक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।

बंदूक लाइसेंस होगा निरस्त –

नगरपालिका की शिकायत पर दर्ज प्रकरण में नौगांव पुलिस अपने स्तर पर भी जांच कर रही है। इधर भोला तिवारी के नाम से बंदूक का लाइसेंस होने की जानकारी सामने आई है।

इसकी पुष्टि करके लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई भी की जा रही है। इसके अलावा कुछ अन्य शिकायतें भी सामने आई हैं। इनको लेकर भी जांच शुरू हो गई है।

सुधीर जैन व्हाट्सएप ग्रुप्स से हुआ बाहर –

बता दें कि सेंट टेरेसा मामले में लंबे समय से फरार चल रहे सुधीर जैन को अभी तक पकड़ने में नाकाम साबित हुई है। वहीं पुलिस द्वारा अन्य आरोपियों को तो पकड़ लिया गया लेकिन मुख्य आरोपी सुधीर जैन अभी भी पुलिस के हाथ नही आया है।

पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए टीम भी बनाई है लेकिन टीमों को भी खाली हाथ लौटना पड़ा। कई चौराहों पर चर्चा चल रही है कि कब आएगा सुधीर जैन लौट के कुछ पता नहीं। पुलिस भी उसे पकड़ नहीं पा रही है।

शहर के एक व्हाट्सएप ग्रुप से कल सुधीर जैन का पुराना नंबर लेफ्ट हुआ जोकि ट्रूकॉलर पर डॉ. सुधीर जैन के नाम सेव रहा है। दूसरी ओर पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम सबित हो रही है।

सुधीर जैन के मोबाइल नंबर का उपयोग में है और वह लगातार ग्रुपों से बाहर हो रहा है, लेकिन पुलिस की कई टीमें उसे पकड़ने के लिए गईं मगर सुधीर जैन उन्हें चकमा देकर हर बार भाग जाता है।



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