इस बार पीले सोने यानी सोयाबीन को मालवा क्षेत्र में मौसम की गंभीर मार झेलनी पड़ी है। उत्पादन से लेकर रंग और गुणवत्ता तक में असर दिखा है। ऐसे में सरकार ने समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी का निर्णय लिया है, लेकिन इसके लिए कड़े मापदंड और नियम लागू होंगे। सबसे बड़ी चुनौती नमी की है—यदि सोयाबीन में 12 प्रतिशत से अधिक नमी पाई जाती है तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
समर्थन मूल्य पर खरीदी तभी होगी जब नमी मानकों के भीतर होगी। इसके अलावा पांच और मानकों के आधार पर सोयाबीन की जांच की जाएगी, जिनमें अशुद्धता, सिकुड़न, और दानों की स्थिति शामिल है।
खरीदी के लिए सर्वेयरों की तैनाती केंद्र सरकार द्वारा की गई है और हाल ही में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में उन्हें और खरीदी एजेंसियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसमें सावधानियों और मापदंडों का पालन सुनिश्चित करने की जानकारी दी गई। अधिक नमी वाली सोयाबीन की खरीदी से सरकारी खजाने को नुकसान हो सकता है, इसलिए नमी की जांच सख्त होगी।
पंजीयन और खरीदी केंद्र
अब तक 7,129 किसानों ने जिले में पंजीयन करवाया है, और जिले के 10 केंद्रों पर खरीदी की जाएगी। जिन किसानों का पंजीयन हो चुका है, वे स्लॉट बुकिंग कर सकते हैं। धार, सरदारपुर, बदनावर और नालछा क्षेत्र में सोयाबीन का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है, इसलिए इन क्षेत्रों में खरीदी केंद्रों पर ज्यादा दबाव होगा। भंडारण की तैयारियां भी जोर-शोर से की जा रही हैं।
मौसम की मार और फसल की स्थिति
इस साल लगातार बारिश और बीमारियों ने किसानों की सोयाबीन फसल को प्रभावित किया है। जिन किसानों ने फसल जल्दी काट ली, वे लाभ में रहे, लेकिन बाद में बारिश से फसल खराब हो गई। दागी और कमजोर दानों की भरमार हो गई, जिससे फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ा है। यदि खरीदी केंद्रों पर सोयाबीन रिजेक्ट होती है, तो किसानों को परिवहन का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। लगातार बारिश का असर अभी भी आने वाली फसलों पर पड़ रहा है।
भंडारण की व्यवस्था
जिले में 3 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई है, और अनुमानित 2 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीदी की जाएगी। भंडारण के लिए वेयरहाउसों में जगह खाली करवाई जा रही है। जिले में कुल 1 लाख 74 हजार मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता मौजूद है, जिसमें 1 लाख मीट्रिक टन की क्षमता निजी वेयरहाउसों में है।
पंजीयन की स्थिति:
- जिले में 7,129 किसानों ने पंजीयन कराया है।
- कुल 20,353 हेक्टेयर सोयाबीन के लिए पंजीयन हुआ है।
- अलग-अलग क्षेत्रों में 10 खरीदी केंद्र स्थापित किए गए हैं।
- मापदंडों के अनुसार होगी खरीदी
- नमी की मात्रा: 12%
- अशुद्धता: 2%
- सिकुड़न, अपरिपक्व और रंगहीन दाने: 5%
- क्षतिग्रस्त और घुन लगे दाने: 3%
- टूटे और दरारयुक्त दाने: 15%
भंडारण की स्थिति:
- सरकारी वेयरहाउस: 35,000 मीट्रिक टन की क्षमता खाली।
- सेमी-सरकारी संस्थाओं के पास: 20,000 मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता।
- निजी वेयरहाउस: 1 लाख मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता।
किसानों के लिए सुझाव:
किसानों से अपील की गई है कि वे अपनी सोयाबीन की फसल को ग्रेडिंग के बाद साफ करके खरीदी केंद्र पर लाएं। इससे रिजेक्शन की संभावना कम होगी और समर्थन मूल्य पर सही दर प्राप्त कर सकेंगे।
जीएस मोहनिया, डीडीए धार