मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के इंदरगढ़ गांव में रास्ते के विवाद को लेकर हुई हिंसा में एक दलित युवक की हत्या कर दी गई । घटना मंगलवार २६ नवंबर को संविधान दिवस की शाम को हुई जब सरपंच और उसके परिवार द्वारा लाठी-डंडों से हमला करने के बाद 30 वर्षीय नारद जाटव की मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। पुलिस ने सरपंच पदम धाकड़, उसकी पत्नी, बेटे सहित आठ लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।
स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विवाद की शुरुआत बोरवेल के पानी और रास्ते को लेकर हुई। सरपंच पदम धाकड़ और नारद जाटव के मामा रघुवीर जाटव के बीच लंबे समय से इस मुद्दे पर तनाव चल रहा था। सरपंच ने अपने होटल के लिए नारद के मामा की जमीन से रास्ता बना लिया था, जिससे नारद और उसके परिवार में नाराजगी थी।
मंगलवार को नारद ने गुस्से में बोरवेल की पाइपलाइन उखाड़ फेंकी। इसके बाद विवाद बढ़ गया और सरपंच पदम धाकड़, उसके परिवार के सदस्यों ने लाठियों से नारद पर हमला कर दिया। गंभीर चोटों के चलते नारद को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गुस्से में ग्रामीणों ने किया चक्का जाम
बुधवार को पोस्टमॉर्टम के बाद नारद के परिजन शव लेकर सुभाषपुरा थाने पहुंचे और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस समय पर पहुंचती, तो नारद की जान बच सकती थी। नाराज परिजनों ने पुलिसकर्मियों के निलंबन, आर्थिक सहायता, शस्त्र लाइसेंस और सरकारी नौकरी की मांग की।
जब उनकी मांगों पर तुरंत सुनवाई नहीं हुई, तो परिजन और ग्रामीणों ने एनएच-46 पर शव रखकर एक घंटे तक चक्का जाम किया। प्रदर्शन में कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाहा भी शामिल हुए। मौके पर पहुंचे एसडीएम उमेश कौरव और एडिशनल एसपी संजीव मुले ने जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम समाप्त करवाया।
सरकार की प्रतिक्रिया और आर्थिक सहायता की घोषणा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना पर गहरा दुख जताया और मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “इंदरगढ़ में आपसी विवाद के चलते हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
गरमा रही सियासत
घटना को लेकर कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने घटना को दलितों पर बढ़ते अत्याचार का उदाहरण बताया। वहीं, भाजपा प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कांग्रेस पर समाज में वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।