बैच नंबर और परमिट से खुलेगा अवैध शराब कांड का राज


अवैध शराब पकड़ने गए कुक्षी एसडीएम और नायब तहसीलदार पर जानलेवा हमला मामले में मजिस्ट्रेट के सामने शराब फैक्ट्री के प्रभारी अधिकारियों ने दर्ज करवाएं बयान।


आशीष यादव
धार Published On :
dhar illegal liquor case

धार। कुक्षी के अवैध शराब कांड की मजिस्ट्रियल जांच जारी है। जांच के तहत जारी समन के तहत शराब फैक्ट्रियों के प्रभारी अधिकारी धार पहुंचे और जांच समिति के समक्ष अपने बयान दर्ज करवाए।

मजिस्ट्रियल जांच समिति के अध्यक्ष व एडीएम श्रृंगार श्रीवास्तव ने अधिकारियों से रिकॉर्ड तलब किया था। इस रिकॉर्ड में कुक्षी में पकड़ाए ट्रक से जब्त की गई अवैध शराब के बैच नंबर और परमिट की जानकारी शराब फैक्ट्रियों से मांगी गई थी।

शराब फैक्ट्रियों के अधिकारियों ने समिति के समक्ष जानकारी उपलब्ध करवाई। यह बैच नंबर और परमिट की जानकारी ही अवैध शराब का मूल राज खोलेगी।

कुक्षी में एसडीएम नवजीवन विजय पवार और नायब तहसीलदार राजेश भिड़े ने जिस अवैध शराब के ट्रक को रोका था, उसमें 53 लाख रुपये की अवैध शराब भरी हुई थी जिसे बड़वानी से झाबुआ ले जाया जा रहा था।

अवैध शराब की जांच में पता चला था कि यह शराब बड़वानी की लाइसेंस शराब दुकान से निकली थी और यह दुकान इंदौर के शराब कारोबारी रिंकू भाटिया के नाम पर है।

धार पुलिस द्वारा अवैध शराब कांड की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है जिसने जांच के बाद शराब कारोबारी रिंकू भाटिया को भी इस मामले में आरोपी बनाया है। साथ ही भाटिया की गिफ्तारी के लिए 10 हजार का इनाम भी घोषित किया है। फिलहाल भाटिया फरार है।

वहीं मजिस्ट्रियल जांच समिति अवैध शराब को लेकर जांच कर रही है। इसमें आबकारी अधिकारियों की भूमिका को भी जांचा जा रहा है। इस मामले में शुक्रवार को जांच समिति के समक्ष आबकारी अधिकारियों ने अपने बयान दर्ज करवाए हैं।

आबकारी अधिकारी पर गिर चुकी है गाज –

इस मामले में आबकारी अधिकारी यशवंत धनोरा पर पहले ही गाज गिर चुकी है। धनोरा को ग्वालियर अटैच कर दिया गया है। इस कार्रवाई के बाद सालों से जमे अधिकारी भी ताबड़तोड़ रिलीज हुए हैं।

वहीं अन्य अधिकारी भी नई जमीन तलाशने में जुटे हुए हैं ताकि अवैध शराब की जांच में वह सुर्खियों में ना आ जाएं लेकिन अब तक कुक्षी में पदस्थ वृत्त अधिकारी और स्टाफ पर करवाई देखने को नहीं मिली है।

अधिकारियों ने दर्ज करवाए बयान –

एडीएम ऑफिस में शुक्रवार को जेके इंटरप्राइजेस पीथमपुर के प्रभारी सहायक आबकारी अधिकारी नागेंद्र सिंह जादौन, मेसर्स एसोसिएटेड अल्कोहल एंड ब्रेवरीज लिमिटेड खेड़ीग्राम-बड़वानी जिला खरगोन की प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी किरण शर्मा व मेसर्स ग्रेट गेलियन वेंचर्स लिमिटेड सेजवाया-लेबड़ के प्रभारी अधिकारी धार देवेश चतुर्वेदी को 19 सितंबर को समन जारी किया गया था।

साथ ही 5 बिंदुओं पर रिकॉर्ड के साथ समिति के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया था। शुक्रवार को इन अधिकारियों ने समिति के समक्ष अपने बयान दर्ज करवाए हैं। साथ ही शराब से संबंधी रिकॉर्ड भी समिति को सौंपा है।

इन शराब फैक्ट्रियों का है बैच नंबर –

अवैध परिवहन के दौरान ट्रक से लंबन व्हिस्की की सबसे ज्यादा 330 पेटी व लंदन प्राइड वोदका की 150 पेटी जब्त हुई है जिसकी कीमत 33.10 लाख रुपये है। जेके इंटरप्राइजेस पीथमपुर फैक्ट्री की इस शराब की पेटियों के बैच नंबर और परमिट संबंधी जानकारी तलब की गई है।

अवैध शराब के ट्रक से जब्त गोवा व्हिस्की की 175 पेटी शराब पर बैच नंबर ग्रेट गेलियन वेंचर्स लिमिटेड सेजवाया का है। इस शराब की कीमत 9.36 लाख रुपये है इसलिए इस बैच नंबर की शराब किस परमिट पर निकली है, उसकी जानकारी सहित अन्य रिकॉर्ड तलब किया गया था।

मेसर्स एसोसिएटेड अल्कोहल एंड ब्रेवरीज लिमिटेड खेड़ीग्राम-बड़वानी जिला खरगोन की फैक्ट्री की बांबे व्हिस्की की 200 पेटी शराब भी अवैध शराब परिवहन के दौरान ट्रक से बरामद हुई। इसकी कीमत 10.70 लाख रुपये है इसलिए बैच नंबर और परमिट की जानकारी बुलवाई गई।

फैक्ट्री से किसके नाम निकली शराब –

इस अवैध शराब की जांच में सबसे महत्वपूर्ण बैच नंबर और परमिट ही रहेगा। इससे यह साबित होगा कि यह अवैध शराब की खेप किस लाइसेंसी और दुकान के लिए जारी हुई थी।

वहीं, सीधे डीपो से यदि नियम विरूद्ध शराब निकलना साबित होता है तो कार्रवाई की जद में आबकारी अमला भी आ सकता है। फिलहाल इस अवैध शराब कांड की जांच लाइसेंसी व शराब कारोबारी रिंकू भाटिया तक पहुंच चुकी है।


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