धारः एसडीएम व तहसीलदार ने किया कृषि उपज मंडी का दौरा, 54 व्यापारियों को दिए गए नोटिस


एसडीएम को अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश देना पड़े जबकि यह कार्य मंडी सचिव की देखरेख में पहले ही हो जाना था। खास बात यह है कि मंडी सचिव ने अब तक प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के लिए शिकायत तक नहीं की है।


आशीष यादव
धार Published On :
sdm at mandi dhar

धार। कृषि उपज मंडी परिसर धार में अतिक्रमण का मामला सामने आया है। यहां के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण एक बार फिर एसडीएम को अपने हाथों में कमान लेना पड़ रही है।

एसडीएम को अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश देना पड़े जबकि यह कार्य मंडी सचिव की देखरेख में पहले ही हो जाना था। खास बात यह है कि मंडी सचिव ने अब तक प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के लिए शिकायत तक नहीं की है।

दरअसल कृषि उपज मंडी परिसर धार में व्यापारियों के अवैध अतिक्रमण की शिकायत के बाद कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने मंडी परिसर का निरीक्षण कर अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर मंडी प्रभारी सचिव को निर्देश दिए हैं।

प्रभारी सचिव ने बताया कि परिसर में कुल 54 व्यापारियों द्वारा अवैध अतिक्रमण कर अस्थाई गोदाम बनाए गए हैं। एसडीएम के आदेशानुसार सभी को अतिक्रमण हटाने के संबंध में पत्र जारी किए जा रहे हैं।

पत्र के माध्यम से दिए जाने वाली समयावधि में अवैध अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है तो प्रशासन द्वारा बलपूर्वक कार्यवाही करते हुए अतिक्रमण हटाया जाएगा।

गोदाम का अभाव अतिक्रमण का मुख्य कारण –

जानकारी के अनुसार मंडी परिसर में गोदाम, स्थान का अभाव होने के बावजूद मंडी प्रशासन द्वारा नए लाइसेंस जारी कर दिए जाते हैं। लाइसेंस मिलने के बाद संबंधित फर्म द्वारा परिसर में खाली स्थान देख अपना अस्थाई गोदाम बनाकर व्यापार शुरू कर दिया जाता है। इसी वजह से परिसर में अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है।

सीजन की शुरुआत, असमंजस में व्यापारी –

सोयाबीन उपज के सीजन शुरू होने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं। ऐसे में जिन व्यापारियों ने मंडी परिसर में अस्थाई गोदाम बना रखे हैं उनके सामने विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है।

एसडीएम के निरीक्षण के बाद आदेशानुसार मंडी प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के संबंध में पत्र व्यवहार की प्रकिया शुरू कर दी है। इससे व्यापारियों में उपज की खरीदी-बिक्री को लेकर असमंजस की स्थिति हो रही है।

सीजन के करीब आते ही अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही होना उन व्यापारियों के लिए मुनासिब नहीं है। जानकारी के अनुसार मंडी परिसर में कुछ ऐसे व्यापारी भी हैं जिन्होंने पूर्व में ही परिसर द्वारा आवंटित गोदाम ले रखे हैं।

इसके बावजूद भी परिसर में अन्य स्थान पर अवैध कब्जे कर अस्थाई गोदाम बना रखे हैं। वहीं कुछ व्यापारियों को एक से अधिक गोदाम भी होना बताया जा रहा है।

बरसों से कर रखा अतिक्रमण –

जहां एक तरफ किसानों को अच्छी सुविधा व अच्छी जगह देने की बात सरकार द्वारा की जाती है वहीं मंडी परिषद ने किसानों द्वारा लाए गए ट्रैक्टर खड़े करने के लिए भी जगह सही तरीके से नहीं मिल पाती है।

आये दिन मंडी परिसर में झगड़े होते हुए देखा जाता है। कई व्यापारी ऐसे हैं जिन्होंने मंडी परिषद में सालों से कब्जा जमाया हुआ है, लेकिन उन पर आज तक कार्रवाई के नाम पर बस खानापूर्ति होती है।

मंडी परिषद भी इसको लेकर कोई कठोर कार्रवाई नहीं करता है। इसका कारण मंडी के जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान नहीं देना है और वे इसके लिए तैयार नहीं हैं।

आपको बता दें कि मंडी के कर्मचारी भी यहां सालों से जमे हुए हैं। कर्मचारी भी कार्रवाई करने से इसलिए डरते हैं क्योंकि इनको धार मंडी में ही अपनी जीवन की पूरी नौकरी करनी है, इसलिए वह भी कार्रवाई के नाम पर अपने हाथ पीछे खींच लेते हैं।


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