संपदा 2.0 के तहत पहली रजिस्ट्री, जानिए इसकी ख़ासियतें और कमियां


धार जिले में संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर के माध्यम से रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल और सुरक्षित बनाया गया है। सरदारपुर तहसील में संपदा 2.0 से पहली रजिस्ट्री की गई, जिसमें बायोमैट्रिक पहचान, जीआईएस मैपिंग और आधार ओटीपी जैसी तकनीकों का उपयोग किया गया। यह प्रणाली फर्जीवाड़े को रोकने और रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने में सहायक होगी।


आशीष यादव
धार Updated On :

जिले में पंजीयन विभाग के लिए संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर लॉन्च हो चुका है। स्थानीय पंजीयन विभाग में इस नए वर्जन के जरिए काम शुरू हो गया है। इस सॉफ्टवेयर की एक खासियत यह है कि रजिस्ट्री के दौरान प्रॉपर्टी की ताज़ा फोटो अपलोड करनी होगी, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना कम होगी। इसके साथ ही अन्य कई नए नियम भी लागू किए गए हैं। संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर अब पंजीयन विभाग में पूरी तरह से सक्रिय हो गया है, और इससे विभागीय कामकाज सरल व पारदर्शी बन जाएगा। कर्मचारियों और प्रॉपर्टी धारकों दोनों को इससे फायदा मिलेगा।

 

अब फिंगरप्रिंट और आधार के ओटीपी के माध्यम से ही रजिस्ट्री की जाएगी, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी। खरीदार गूगल की मदद से जमीन की लोकेशन और उसकी सरकारी गाइडलाइन अपने मोबाइल पर देख सकेंगे, जिससे स्टांप ड्यूटी में होने वाली हेराफेरी की आशंका भी कम हो जाएगी।

 

पहली रजिस्ट्री सरदारपुर से शुरू

सरदारपुर तहसील में संपदा 2.0 के माध्यम से पहली रजिस्ट्री की गई। जिला वरिष्ठ पंजीयक डॉ. प्रभात वाजपेयी ने बताया कि सरदारपुर उप पंजीयक ओमप्रकाश दायमा द्वारा पहली रजिस्ट्री पंजीकृत की गई। जोलाना निवासी फतेह सिंह और श्याम सुंदर के दस्तावेज़ों को तैयार किया गया था और उन्हें रंगीन प्रति दी गई। इसके अलावा इस नई प्रणाली से फर्जीवाड़े की गुंजाइश कम हो जाएगी।

 

10 अक्टूबर को हुई शुरुआत

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 10 अक्टूबर को संपदा 2.0 से ई-रजिस्ट्री का शुभारंभ किया था। इस सॉफ्टवेयर में कई नवाचार शामिल किए गए हैं, जैसे जीरो बैलेंस खाता, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और ई-रजिस्ट्री।

 

ऐप से दिखेगी कलेक्टर गाइडलाइन दर

संपदा 2.0 उन्नत तकनीक पर आधारित सॉफ्टवेयर है, जो विभिन्न विभागों से इंटीग्रेटेड है। इसके माध्यम से कलेक्टर गाइडलाइन दर, संपत्ति की जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेज़ों की फॉर्मेटिंग होगी।

धार में रजिस्ट्री कार्यालय

धार जिले का दो सौ करोड़ राजस्व

जिले से प्रदेश सरकार को रजिस्ट्री के माध्यम से दो सौ करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है। बीते वित्तीय वर्ष में 222 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था, और इस वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा ढाई सौ करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।

 

फोटो बनी चुनौती

संपदा 2.0 के तहत आधार से जुड़ी पुरानी फोटो को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, जिससे वर्तमान और पुरानी फोटो में अंतर आ सकता है। इसके चलते रजिस्ट्रार कार्यालय आकर नई फोटो अपलोड करवाना बेहतर होगा।

 

जमीनों की धोखाधड़ी पर लगेगा अंकुश

रजिस्ट्री के बाद संबंधित पक्षकार को संपत्ति की पूरी डिटेल मोबाइल या ईमेल पर मिलेगी। सेटेलाइट इमेज से संपत्ति की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना कम होगी।

 

संपदा 2.0 की विशेषताएँ

  • बायोमैट्रिक पहचान और जीआईएस मैपिंग से सीमा निर्धारण विवाद और अन्य गड़बड़ियों में कमी आएगी।
  • दस्तावेज़ों की ई-साइन और डिजिटल हस्ताक्षर के साथ पंजीकरण होगा, जिससे गवाह की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी।
  • पंजीयन अधिकारी से संवाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया जा सकेगा।

 

संपदा 2.0 की कमियाँ

  • प्लॉट की लोकेशन के मामले में गूगल मैप से सभी जानकारी नहीं मिल पाती।
  • वसीयत के मामलों में गवाह की जांच के बिना नामांतरण की संभावना बढ़ जाती है, जिससे गड़बड़ी होने की आशंका है।

 

 


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