पुरानी कहावत है, “ऊँट किस करवट बैठेगा, यह कोई नहीं कह सकता।” सेंट टेरेसा जमीन घोटाला, धार जिले में जमीन का सबसे बड़ा घोटाला, इस मामले में अब ये कहावत सही साबित हो रही है। लंबे समय से चल रहे सेंट टेरेसा कांड में एक और नया मोड़ आ गया है। पिछले महीने कोर्ट ने सभी मामलों में दूसरे पक्ष को राहत देते हुए आपराधिक कार्रवाई को शून्य और अमान्य घोषित कर दिया था। अब शासन की अपील के बाद फिर से इस मामले पर पुरानी प्रक्रिया के तहत केस चलेगा।
शहर के चर्चित और हाईप्रोफाइल सेंट टेरेसा घोटाले में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने जिला प्रशासन के पक्ष में फैसला देते हुए पूर्व के आदेश को पलटकर स्थगन जारी किया है। दरअसल, 11 सितंबर 2024 को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने प्रशासन के खिलाफ फैसला सुनाया था। इसके बाद कलेक्टर के माध्यम से इस केस की गहनता से स्टडी की गई। सभी दस्तावेज जुटाने के बाद 15 दिन पहले प्रशासन ने डबल बेंच में अपील की थी। इस आदेश के आने के बाद बाजार और चौराहों पर आम लोगों के बीच चर्चाएं गर्म हो गई हैं।
2021 में शुरू हुआ था यह मामला:
सेंट टेरेसा जमीन घोटाले के मामले में 2021 में पुलिस द्वारा एक आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था। इसमें कई लोगों की गिरफ्तारी हुई। इस मामले में हाईकोर्ट इंदौर में दोनों ही पक्षों की सुनवाई चल रही है। इसका प्रकरण क्रमांक 9880/21 है। इस प्रकरण में 11 सितंबर 2024 को एक निर्णय आया था। आयुषी जैन और सरिता जैन द्वारा दायर याचिका को स्वीकारते हुए कोर्ट ने तत्कालीन एसपी और डीएसपी यशस्वी शिंदे द्वारा की गई दंडात्मक कार्रवाई और याचिका के लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ताओं और अन्य के खिलाफ की गई आपराधिक कार्रवाई को शून्य और अमान्य घोषित कर दिया था। साथ ही कोर्ट ने कलेक्टर धार द्वारा जारी आदेश को भी निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता को 50 हजार रुपये का भुगतान करने के लिए कहा था। सेंट टेरेसा मामला दो साल से चर्चा में था। इसमें कुछ आरोपी अब भी फरार हैं।
250 करोड़ की जमीन है:
धार में जमीन के विक्रय के मामले में उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच द्वारा दिए गए आपराधिक प्रकरण निरस्त करने के आदेश के विरुद्ध शासन की अपील को उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने स्वीकार कर लिया है। वहीं पूर्व के आदेश पर स्थगन भी दिया गया है। इसे शासन-प्रशासन को बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। करीब ढाई सौ करोड़ रुपये के जमीन घोटाले नाम से चर्चित सेंट टेरेसा भूमि घोटाले में सिंगल बेंच ने एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए आपराधिक प्रकरण निरस्त करने का आदेश दिया था। मगर शासन की अपील स्वीकार होने के बाद मुकदमा जारी रहेगा। अपील को स्वीकार करने के बाद शासन-प्रशासन की कार्रवाई के प्रति फिर से विश्वास उत्पन्न हुआ है। ट्रस्ट को जनहितार्थ कार्य हेतु धार महाराज द्वारा दी गई जमीन को कुछ लोगों द्वारा साजिशन विक्रय करने के आधार पर प्रकरण दर्ज किया गया था। वर्तमान भूमि कीमत के अनुसार इसे ढाई सौ करोड़ रुपये के भूमि घोटाले के तौर पर जाना जाता है।
समझिए धार में सेंट टेरेसा जमीन घोटाला:
धार शहर में भू-माफियाओं द्वारा जमीन खरीदी-बिक्री का सबसे बड़ा मामला सेंट टेरेसा घोटाला है, जो प्रशासन की कार्रवाई से उजागर हुआ था। दान में मिली जमीन को कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुर्द-बुर्द कर बेच दिया था, जिस पर कई बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बन गए। प्रशासन की जांच में जमीन की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। यह जमीन शहर की सबसे प्राइम लोकेशन आदर्श सड़क से लगी हुई है, जिस पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के साथ कई बड़ी दुकानें खुली हैं। उल्लेखनीय है कि महू निवासी जयसिंह केशरसिंह ठाकुर की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने 28 नवंबर 2021 को 27 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोपी बनाए गए अधिकांश लोग संभ्रांत परिवार से जुड़े हुए हैं। इस मामले में जांच के लिए गत वर्ष 17 अगस्त 2023 को ईडी की टीम भी धार पहुंची थी। इस प्रकरण में सुधीर जैन और एक अन्य की गिरफ्तारी आज तक नहीं हो पाई है। अब यह मामला फिर खुल गया है।
दान में मिली जमीन को बेचा:
सेंट टेरेसा की जमीन ग्राम मगजपुरा के सर्वे नंबर 29 में दर्ज है। इसका रकबा 3.074 हेक्टेयर है और यह राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। प्रशासनिक जांच में खुलासा हुआ था कि 19 अगस्त 1895 को धार स्टेट के महाराज श्रीमंत आनंद राव पंवार ने महिला अस्पताल और डॉक्टरों के बंगलों के रूप में यह जमीन दान में दी थी। इसे कूटरचित दस्तावेजों के जरिए हेरफेर कर बेच दिया गया। पुलिस ने आरोपी सुधीर जैन को मास्टरमाइंड मानते हुए फरार होने पर इनाम घोषित किया है।
इस बहुचर्चित सेंट टेरेसा जमीन घोटाले के मामले में स्थगन आदेश मिला है। प्रकरण क्रमांक 9880/21 है। इस प्रकरण में 11 सितंबर 2024 को कोर्ट ने एक आदेश पारित किया था। इसमें कलेक्टर के प्रयास से डबल बेंच में अपील की गई थी। इस पर स्थगन मिला है, जो सफलता का पहला कदम है।
रोशनी पाटीदार, एसडीएम धार।