राजस्व महाअभियान 3.0: गांव-गांव जाकर किसानों की समस्याओं का समाधान कर रहे अधिकारी


“मध्यप्रदेश में राजस्व महाअभियान 3.0 के तहत गाँव-गाँव जाकर किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। एसडीएम रोशनी पाटीदार और तहसीलदार दिनेश उईके इस महाअभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।


आशीष यादव
धार Updated On :
राजस्व महाअभियान 3.0: किसानों से मिलकर सुनी जा रहीं शिकायतें

राजस्व प्रकरणों के निराकरण और लंबित मामलों को सुलझाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने राजस्व महाअभियान 3.0 की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत जिला कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देश पर एसडीएम रोशनी पाटीदार और तहसीलदार दिनेश उईके गाँव-गाँव जाकर किसानों की समस्याओं को सुन रहे हैं और मौके पर ही निराकरण के निर्देश दे रहे हैं। अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को राजस्व संबंधी कार्यों के लिए बार-बार तहसील कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। यह अभियान 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक चलेगा। इसके अंतर्गत परंपरागत और मान्यता प्राप्त सड़कों, रास्तों और सार्वजनिक भूमियों का चिन्हांकन, रास्ता विवादों और जल निकासी से जुड़े मामलों का समाधान किया जाएगा। यह कार्य भू-राजस्व संहिता की धारा 131 के तहत किया जा रहा है।

 

गाँवों में जमीनी हकीकत का निरीक्षण

एसडीएम रोशनी पाटीदार और तहसीलदार दिनेश उईके ने तहसील रामपुर और नवासा में अभियान के तहत चल रहे कार्यों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, सीमांकन, परंपरागत रास्तों के चिह्नांकन और स्वामित्व योजना से जुड़े कार्यों का जायजा लिया। अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अभियान के दौरान सभी राजस्व प्रकरणों का शत-प्रतिशत निराकरण हो। इस दौरान हल्का पटवारी, ग्रामीण, और राजस्व अधिकारी भी उपस्थित रहे। एसडीएम ने निर्देश दिए कि सभी लंबित प्रकरणों का समय पर समाधान सुनिश्चित किया जाए ताकि किसानों को राहत मिल सके।

 

राजस्व महाअभियान 3.0 में जुटे 70 पटवारी 

धार जिले में राजस्व महाअभियान के लिए 265 राजस्व गाँव चिन्हित किए गए हैं। इन गाँवों में 70 पटवारी, दो नायब तहसीलदार, तीन राजस्व निरीक्षक (आरआई), और एक तहसीलदार मैदानी स्तर पर कार्यरत हैं। धार तहसील के लिए 12,721 प्रकरणों के निराकरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक 600 से अधिक प्रकरणों का समाधान किया जा चुका है। राजस्व महाअभियान के बेहतर क्रियान्वयन के लिए तहसील मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहाँ से हर गाँव में हो रहे कार्यों की निगरानी की जा रही है। कंट्रोल रूम से दिन में तीन बार पटवारियों से जानकारी ली जाती है और प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाती है।

 

साइबर तहसील में आ रहीं तकनीकी दिक्कतें

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई साइबर तहसील योजना को प्रदेशभर में लागू किया गया है। हालांकि, 2.0 वर्जन में तकनीकी समस्याओं के कारण नामांतरण, बंटवारा, और नक्शा सुधार जैसे कार्यों में देरी हो रही है। पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और अंतिम आदेश जारी करने में समस्याएँ आ रही हैं। इससे अधिकारियों को काम पूरा करने में बाधाएँ उत्पन्न हो रही हैं।

राजस्व महाअभियान 3.0 का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व प्रकरणों को सुलझाना और जनता को त्वरित समाधान देना है। अभियान के तहत अधिकारियों का सक्रिय योगदान और ग्रामीणों का सहयोग इसे सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। हालाँकि, तकनीकी चुनौतियों को दूर करना भी प्राथमिकता में होना चाहिए ताकि यह अभियान अपने उद्देश्यों को पूरी तरह से प्राप्त कर सके।

 


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