RTI में हुआ खुलासाः PWD की गाड़ियों में डीजल डलवाने के नाम पर हुआ घोटाला


पीडब्‍ल्‍यूडी में अटैच वाहन में डले डीजल का लाखों रुपये हुआ भुगतान, लेकिन लॉगबुक में खाली छोड़ दिए गए पेज।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
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धार। लोक निर्माण विभाग यानी PWD में अटैच वाहन में डीजल डलवाने के नाम पर लाखों रुपये की हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत यह खुलासा हुआ है।

आरटीआइ कार्यकर्ता सुनील सावंत ने आरोप लगाए गए हैं कि जिन तारीखों में डीजल बिलों का भुगतान किया गया है, उन तारीखों में लॉगबुक में गाड़ी चली ही नहीं है। लॉगबुक में उन तारीखों के पेज ही खाली छुटे हुए हैं जबकि उन्‍हीं तारीखों में डीजल के लाखों रुपये के बिलों का भुगतान किया गया है।

इसके साथ ही वाहन अटैच के तहत रखी जाने वाली शर्तों का भी उल्‍लंघन इन दस्‍तावेजों में पाया गया है। इस मामले के सामने आने के बाद पीडब्‍ल्‍यूडी की तरफ से एसडीओ ने इस स्थिति को नकारते हुए कहा है कि जितना वाहन चला है, उनकी ही इंट्री हुई है।

आरटीआई कार्यकर्ता सुनील सावंत ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह खुलासा किया। उन्‍होंने इसमें पीडब्‍ल्‍यूडी के उपसंभाग कार्यालय में अटैच वाहन एमपी11टी1775 में डीजल डलवाने और लॉगबुक में इंट्री करने में अनियमितता करने का आरोप लगाया है।

सावंत ने बताया वर्ष 2020, 2012 और 2022 के डीजल बिलों के भुगतान की जानकारी चाही गई थी, लेकिन विभाग ने पहले तो जानकारी देने में ही काफी आनाकानी की। अब जानकारी दी है तो वह भी आधी-अधूरी दी है। इस आधी-अधूरी जानकारी में डीजल घोटाले का खुलासा हुआ है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सावंत ने आरोप लगाया अधिकारी द्वारा सोची-समझी कूटनीति से फर्जी लॉगबुक व फर्जी डीजल के बिलों को बनवाया गया और लाखों रुपये का भ्रष्‍टाचार किया गया।

इसके साक्ष्‍य सबूतों के दस्‍तावेजों की छायाप्रतियां भी उपलब्‍ध करवाई गई हैं जिसमें बताया गया है कि वाहन क्रमांक एमपी11टी1775 बोलेरो में यात्रा के नाम पर प्रतिदिनि वाहन में डीजल डालना बता कर भुगतान किया गया, लेकिन लॉगबुक में अधिकांश तारीख में डीजल की खपत कम दिखाई गई।

नियमानुसार यात्रा के नाम पर जिस वाहन में जिस दिन डीजल डलवाया है, उसी तारीख में इंट्री करना होती है। पीडब्‍ल्‍यूडी धार में लॉगबुक में डीजल की इंट्री में गड़बड़ी की गई।

आरटीआई में मिले दस्‍तावेज के आधार पर सावंत ने दावा किया कि एक ही दिन में 2 से 3 बार डीजल डलवाना बताया गया है। यह इंट्री डीजल भुगतान के बिलों में है, लेकिन लॉगबुक में इस तरह की इंट्री नहीं की गई है। फर्जी इंट्री और यात्रा बताकर लाखों रुपये का भुगतान कर अनियमितिता का आरोप लगाया गया है।

इस मामले में पीडब्‍ल्‍यूडी एसडीओ धार भास्‍कर मालवीय ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि आवश्‍यकतानुसार ही डीजल का उपयोग हुआ है। धार और सरदारपुर दोनों में गाड़ी उपयोग में ली गई है। यह देखना होगा कि किस वक्‍त इंट्री नहीं है। अनियमितता जैसी स्थिति नहीं है।



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