धार। जिले के राजगढ़ का सफेदपोश शराब माफिया पुलिस से बचने के लिए भागता फिर रहा है। शराब माफिया सिद्धार्थ जायसवाल को इंदौर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत की राहत नहीं मिल पाई है।
इस बीच शराब माफिया सिद्धार्थ को पकड़ने के लिए पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने विशेष टीम का गठन किया है। शराब माफिया सिद्धार्थ की गिरफ्तारी के लिए साइबर क्राइम ब्रांच धार को जिम्मेदारी दी गई है।
सागौर पुलिस की नाकामी के बाद साइबर क्राइम ब्रांच धार को शराब माफिया सिद्धार्थ को पकड़ने के लिए लगाया गया है। शराब माफिया सिद्धार्थ की धरपकड़ के लिए साइबर क्राइम ब्रांच धार की टीम दो दिन से राजगढ़ में सक्रिय है, लेकिन टीम की भनक लगते है वह गायब होने में कामयाब रहा।
पुलिस सूत्रों के अनुसार शनिवार-रविवार लगातार टीम ने राजगढ़ में दबिश दी थी। शराब माफिया सिद्धार्थ के राजगढ़ में होने की सूचना थी। इस पर टीम पहुंची और घेराबंदी की, लेकिन कार्रवाई की भनक लगते ही वह निकल गया।
सूत्रों के अनुसार वह राजगढ़ से गुजरात की तरफ गया है। साथ ही शराब माफिया सिद्धार्थ के बड़वानी से भी कुछ इनपुट साइबर क्राइम ब्रांच धार को मिले हैं। ऐसे में दोनों ही जगह टीम लगाई गई है, ताकि शराब माफिया सिद्धार्थ की गिरफ्तारी की जा सके।
इस बार पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह शराब माफिया सिद्धार्थ की पुलिस से चल रही आंख मिचौली को बंद करने के मूड में हैं।
साइबर क्राइम ब्रांच प्रभारी दिनेश शर्मा ने बताया कि राजगढ़ में शराब केस में फरार आरोपी सिद्धार्थ जायसवाल की गिरफ्तारी के लिए टीम ने दबिश दी थी, लेकिन वह नहीं मिला। सिद्धार्थ की गिरफ्तारी के लिए टीम लगातार निगरानी रख रही है। साथ ही साइबर एक्सपर्ट की भी मदद ली गई है।
यह है मामला –
12 जुलाई 2022 को लेबड़-मानपुर फोरलेन पर पुलिस ने पिकअप क्रमांक एमपी-10-जी-1648 से भूसे के बीच छिपाकर रखी अवैध शराब की 153 पेटी जब्त की थी। इस शराब की कीमत 3 लाख 67 हजार के आसपास थी।
पुलिस ने अवैध शराब की तस्करी करने के मामले में पिकअप चालक मंजित पिता तेज सिंह बरेड़िया को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो पता चला कि यह शराब मंजित ने मानपुर जिला इंदौर टोल टैक्स नाका के पास ग्राम खेड़सिहोद स्थित लाइसेंसी शराब ठेकेदार सिद्धार्थ जायसवाल निवासी राजगढ़ हालमुकाम इंदौर की दुकान से भरी थी।
इस मामले में पुलिस ने जायसवाल सहित सेल्समैन बजरंग उर्फ संतोष जायसवाल को भी आरोपी बनाया। जांच में पता चला कि शराब ठेकेदार जायसवाल ने सेल्समैन बजरंग के साथ मिलकर दिनेश पवार के वाहन में भरकर राजगढ़ ले जाने के लिए शराब दी थी।
इस मामले में पुलिस ने सभी को आरोपी बनाया था, लेकिन आबकारी एक्ट में सिद्धार्थ जायसवाल अब तक फरार चल रहा है।