यूनियन कार्बाइड के कचरे से पीथमपुर को बचाने के लिए आगे आए रहवासी, रोज़ाना हो रहे प्रदर्शन

पीथमपुर में भोपाल गैस त्रासदी के कचरे को जलाने के सरकारी फैसले का ग्रामीणों द्वारा विरोध। बैठक, प्रदर्शन, और रक्षाबंधन पर सीएम से सुरक्षा की मांग।

पीथमपुर को बचाने के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बोकनेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में आयोजित चौपाल में ग्रामीणों ने एक स्वर में सरकार के फैसले का विरोध किया, जिसमें भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने की योजना बनाई गई है।

 

ग्रामीणों का आक्रोश

बैठक में पीथमपुर बचाओ समिति के संयोजक डॉ. हेमंत हिरोले ने बताया कि 1984 की भोपाल गैस त्रासदी में 25,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, और इस जहरीले कचरे को अब 40 साल बाद पीथमपुर में जलाने की सरकारी अनुमति दी गई है। ग्रामीणों ने मीडिया की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा इस मुद्दे को उठाने के कारण ही उन्हें इस खतरे की जानकारी मिली।

 

युवाओं और जनसमर्थन का उभार

पीथमपुर बचाओ समिति की बैठक के बाद, संदीप रघुवंशी के नेतृत्व में युवा सड़क पर उतर आए। विरोध में शामिल होने वालों में नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि विपुल पटेल, पार्षद लालू शर्मा, भाजपा नेता बलराम रघुवंशी, प्रभारी मांगी लाल पथरिया, मनीषा लालू शर्मा, हेमलता वैष्णव, सुमित जैन और अन्य प्रमुख लोग शामिल हुए।

विपुल पटेल ने कहा कि वे इस कवायद के खिलाफ हैं और सरकार के इस निर्णय से पीथमपुर को दूषित नहीं होने देंगे। पटेल ने कहा कि इसे लेकर सभी लोग एकजुट हैं और सभी यूनियन कार्बाइड के कचरे से उपजने वाले खतरों को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

 

महिलाओं की आवाज: रक्षाबंधन पर रक्षा का वचन

प्रदेश की औद्योगिक नगरी पीथमपुर की बहनों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से इस रासायनिक कचरे से रक्षा का वचन मांगा है। नगर पालिका अध्यक्ष सेवंती पटेल के नेतृत्व में महिलाओं ने राखी और एक मार्मिक पत्र सीएम सचिवालय भेजा है, जिसमें उन्होंने इस कचरे को पीथमपुर में जलाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है।

 

नगर पालिका की प्रतिक्रिया

नगर पालिका ने भी भोपाल गैस त्रासदी के कचरे के मुद्दे को अपने एजेंडे में शामिल कर लिया है और 2 अगस्त को एक आपातकालीन बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। इसमें प्रस्ताव रखा जाएगा कि पीथमपुर में कचरा नहीं जलाया जाएगा। नगर पालिका अध्यक्ष सेवंती पटेल ने साफ कर दिया है कि वे इस फैसले के सख्त खिलाफ हैं।

 

ग्रामीणों का संकल्प

संदीप रघुवंशी, एक युवा समाजसेवी, ने कहा कि प्रशासन पीथमपुर को तबाह करने पर तुला हुआ है। ग्रामीणों ने कहा कि हम किसी भी हालत में कचरा नहीं जलने देंगे। बलराम चावरे, पीथमपुर बचाओ समिति के सदस्य, ने कहा कि तारपुरा गांव के पानी का टीडीएस एक हजार पार कर चुका है और अब भोपाल गैस त्रासदी का कचरा यहां जलाने से हालात और बिगड़ जाएंगे।

 

स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा

सावन जायसवाल, एक स्थानीय निवासी, ने बताया कि अगर यह कचरा पीथमपुर में जला, तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि पीथमपुर को 1984 का भोपाल नहीं बनने देंगे।

 

संपूर्ण समुदाय का संकल्प

ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि हम मर जाएंगे पर गांव में कचरे की गाड़ी का एक वाहन भी नहीं आने देंगे। जीवन नीमामा ने कहा कि हम घर-घर जाकर समर्थन मांगेंगे और पीथमपुर को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा देंगे।

First Published on: August 1, 2024 7:56 PM