संपदा 2.0 से बदल जाएगी पंजीयन व्यवस्था, बैंक भी होंगे ऑन बोर्ड


मध्यप्रदेश में संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर लागू होने से पंजीयन व्यवस्था बदल जाएगी। घर बैठे दस्तावेजों का पंजीयन, बैंकों को पंजीयक की भूमिका, और पारदर्शिता में वृद्धि होगी।


आशीष यादव
धार Published On :

मध्यप्रदेश रजिस्ट्रेशन एवं स्टाम्प विभाग जल्द ही ई-संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर लागू करने की तैयारी कर रहा है। यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में डिंडोरी, गुना, हरदा और रतलाम जिलों में चल रहा है। 31 अगस्त तक इसे प्रदेशभर में आंशिक रूप से लागू किया जाएगा और 1 नवंबर से पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।

 

संपदा 2.0 के माध्यम से घर बैठे दस्तावेजों का पंजीयन संभव होगा। विभिन्न विभागों को लिंक करने की सुविधा होने से पंजीयन कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बैंकों को भी इससे जुड़ने की सलाह दी जाएगी, जिससे वे पंजीयक की भूमिका निभा सकेंगे और दस्तावेजों की सूचना देने के लिए जिला पंजीयन कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा।

 

आम जनता को होगा फायदा:

जिला पंजीयक प्रभात बाजपेयी के अनुसार, संपदा 2.0 से आम लोगों को काफी फायदा होगा। रेंट एग्रीमेंट, कम वर्षों के लिए लीज, कर्ज से संबंधित दस्तावेज और बैंक दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन अब पंजीयन कार्यालय आने की जरूरत नहीं होगी। सॉफ्टवेयर में नए फीचर्स भी जोड़े गए हैं, जिससे जनता को अधिक सुविधा मिलेगी।

 

पंजीयन प्रक्रिया:

संपदा 2.0 में पंजीयन के लिए आधार और ई-केवाईसी की जरूरत होगी। सभी पक्षकारों का ऑनलाइन वैरिफिकेशन होगा। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता आएगी और काम आसानी से हो जाएगा। संबंधित लोगों के बॉयोलॉजिकल आइडी से दस्तावेज तैयार होंगे और सत्यापन के बाद पंजीयन की प्रक्रिया पूरी होगी।

 

सुधार:

पायलट प्रोजेक्ट के दौरान आ रही समस्याओं को सुधारा जा रहा है। संपत्तियों की गलत पॉलीगॉन मैपिंग को सही किया जा रहा है और नगरीय निकायों में कॉलोनी आईडी जनरेट की जा रही है। इससे जियो टैगिंग के माध्यम से संपत्ति की वैल्यू पता चल जाएगी। भवन वाले प्लॉट को खाली प्लॉट के रूप में पंजीकृत करने की समस्या का समाधान भी किया जा रहा है, जिससे स्टाम्प ड्यूटी की चोरी नहीं हो सकेगी।

 

रजिस्ट्रियों में वृद्धि:

वर्ष 2023-24 में 35 हजार से अधिक रजिस्ट्रियां हुईं, जिससे 255 करोड़ रु का राजस्व प्राप्त हुआ। पिछले वर्ष 2022-23 में 245 करोड़ रु का राजस्व प्राप्त हुआ था। संपदा 2.0 लागू होने के बाद रजिस्ट्रियां कराने वाले लोगों को सुविधा होगी और रजिस्ट्री कराना आसान हो जाएगा। जिला पंजीयकों को नई गाइडलाइन के अनुसार तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

 

भविष्य की तैयारी:

संपदा-1 के माध्यम से रजिस्ट्री का पूरा काम ऑनलाइन हो रहा है। संपदा-2 आने के बाद इसमें कुछ नई सेवाएं और जुड़ जाएंगी। जिला पंजीयन कार्यालयों में स्टाम्प प्राप्त करने के लिए सर्विस प्रोवाइडर या कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि बैंकों को स्टाम्प खुद तैयार करने की सुविधा दी जाएगी। हाउसिंग बोर्ड जैसी संस्थाओं को भी इससे काफी सुविधा होगी, जिससे वे अपने कामों को अधिक आसानी से पूरा कर सकेंगे।

इस प्रकार माना जा रहा है कि संपदा 2.0 के आने से पंजीयन की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ेगी, जिससे आम जनता और संबंधित संस्थाओं को लाभ होगा।


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