साबूदाने के बीच पकड़ा गया 10 करोड़ का रक्त चंदन, सीबीआई ने दर्ज किया केस


करीब 10 करोड़ रुपये मूल्य का यह चंदन महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद तक तस्करी के लिए भेजा जा रहा था। विभिन्न वन और वन्यजीव एजेंसियों द्वारा संयुक्त ऑपरेशन के बाद अब इस मामले की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) को सौंपी गई है, जो कई राज्यों, विशेषकर तमिलनाडु से जुड़े तस्करों के इस व्यापक नेटवर्क को ध्वस्त करने का प्रयास करेगी।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

मध्य प्रदेश के धार जिले में धामनोद के खलघाट टोल नाके पर 10 करोड़ रुपये के 15,530 किलो रक्त चंदन (लाल चंदन) की तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है। इस मामले में अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने केस दर्ज कर लिया है। यह कार्रवाई मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारियों की शिकायत पर की गई, जिन्होंने इस तस्करी का खुलासा किया था।

 

सितंबर 2019 में राजस्व सूचना निदेशालय इंदौर, स्टेट टाइगर फोर्स भोपाल, सागर और धार वन मंडल के अधिकारियों ने एक संयुक्त ऑपरेशन में इस ट्रक को पकड़ा था। यह ट्रक महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की ओर जा रहा था। तलाशी के दौरान अधिकारियों को ट्रक में सफेद बोरियों के बीच 15,530.55 किलो रक्त चंदन की लकड़ी मिली, जिसे साबूदाने और सफेद पाउडर के नीचे छिपाकर रखा गया था। इस रक्त चंदन की अनुमानित बाजार कीमत करीब 10 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

 

सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार, ट्रक ड्राइवर बक्तवाचलम ने अधिकारियों को बिल्टी में ट्रक में साबूदाना और सफेद पाउडर लोड होने की जानकारी दी थी। हालांकि, जांच के दौरान पाया गया कि ट्रक में इन सामग्रियों के बीच रक्त चंदन की लकड़ी भी थी, जिसे महाराष्ट्र से लोड किया गया था और मुरादाबाद में इसकी डिलीवरी की जानी थी।

 

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तलाशी में ट्रक से कुल 504 नग रक्त चंदन की लकड़ी बरामद की गई थी। इस मामले में ट्रक ड्राइवर बक्तवाचलम के खिलाफ जैव विविधता अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। बक्तवाचलम तमिलनाडु के मदुरई का रहने वाला है और उसे इस तस्करी के मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है।

 

धार वन विभाग के अधिकारी अब इस मामले की विस्तृत जांच के लिए सीबीआई की मदद ले रहे हैं, क्योंकि चंदन तस्करी का नेटवर्क तमिलनाडु और अन्य राज्यों तक फैला हुआ है। वन विभाग के प्रयासों के बावजूद, इस रैकेट में शामिल अन्य आरोपी अब तक पकड़ में नहीं आ सके हैं। 20 अगस्त को इस मामले में औपचारिक एफआईआर दर्ज की गई है, और अब सीबीआई इस नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में कार्रवाई करेगी।



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