राजगढ़ में धर्मांतरण को लेकर हिंदू समाज का आक्रोश, एसडीओपी कार्यालय में प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन


राजगढ़ की संजय कॉलोनी में धर्मांतरण के विरोध पर हुई मारपीट से हिंदू समाज में आक्रोश। एसडीओपी कार्यालय में ज्ञापन सौंपा और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग। पढ़ें पूरी खबर।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

राजगढ़ की संजय कॉलोनी में धर्मांतरण के विरोध पर हुई मारपीट की घटना से हिंदू समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है। इस मामले को लेकर हिंदू समाज और कॉलोनी के रहवासी नारेबाजी करते हुए एसडीओपी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कार्रवाई की मांग करते हुए एसडीओपी विश्वदीप सिंह परिहार को दो ज्ञापन सौंपे और चेतावनी दी कि यदि अवैध धर्मांतरण बंद नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।

हिंदू समाज द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि 25 दिसंबर को क्रिसमस के नाम पर संजय कॉलोनी में खुले मैदान में टेंट लगाकर लोगों का बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराया जा रहा था। इस दौरान अमरसिंह और मुकेश नामक युवकों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया गया। विरोध करने पर इन पर पादरी और अन्य लोगों ने लाठियों और धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस घटना में अमरसिंह गंभीर रूप से घायल हुए और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। ज्ञापन में मांग की गई कि दोषियों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाए और राजगढ़ व आसपास के क्षेत्रों में चल रहे अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाई जाए।

कॉलोनीवासियों का आरोप:

संजय कॉलोनी के रहवासियों ने भी एसडीओपी को ज्ञापन सौंपा। इसमें आरोप लगाया गया कि कॉलोनी के चर्च में बाहरी महिलाओं द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है और झगड़े की घटनाएं आम हो गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ईसाई पादरी और उनके सहयोगी प्राकृतिक आपदाओं का डर दिखाकर, हिंदू देवी-देवताओं का अपमान कर और आर्थिक लालच देकर भोले-भाले आदिवासियों और गरीबों का धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। ज्ञापन में यह भी बताया गया कि हर रविवार को प्रार्थना और चंगाई सभा के नाम पर लोगों को बीमारियों का डर दिखाकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जाता है। रहवासियों ने शिकायत की कि चर्च की गतिविधियों से कॉलोनी में अशांति का माहौल बन गया है।

आंदोलन की चेतावनी:

ज्ञापन में मांग की गई कि संजय कॉलोनी में अवैध धर्मांतरण की गतिविधियों को तुरंत बंद किया जाए, अन्यथा बड़ा आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन का वाचन राहुल भूरिया और धर्मेंद्र जायसवाल ने किया। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रहीं।