राज्य सरकार ने राजस्व महाअभियान 3.0 के तहत पीएम किसान योजना से छूटे हुए पात्र किसानों को जोड़ने की योजना बनाई है। इस महाअभियान का उद्देश्य किसानों की लंबित राजस्व समस्याओं का समाधान करना और पीएम किसान योजना में शामिल होने से वंचित किसानों को लाभ पहुँचाना है। अभियान 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक चलाया जाएगा, जिसके दौरान जिले के लाखों किसानों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
महाअभियान का प्राथमिक उद्देश्य यह है कि प्रदेश के किसानों को बार-बार तहसील कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें और उनकी लंबित राजस्व समस्याओं का समाधान तेज़ी से हो सके। इसमें भूमि संबंधी मामलों जैसे नामांतरण, सीमांकन और बंटवारा के लंबित प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा।
पीएम किसान योजना से जुड़े कार्य:
महाभियान के दौरान पीएम किसान योजना के तहत निम्नलिखित कार्य किए जा रहे हैं:
- पीएम किसान खाते की लंबित eKYC प्रक्रिया को पूरा करना:
- किसान अपने खाते की eKYC को OTP आधारित सत्यापन के जरिए पीएम किसान ऐप या पोर्टल का उपयोग करके पूरा कर सकते हैं।
- जिन किसानों के पास स्मार्टफोन नहीं है, उनके लिए CSC केंद्रों पर बायोमेट्रिक सत्यापन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
- इसके अतिरिक्त, फेस रिकग्निशन तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है, ताकि eKYC प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया जा सके।
- लाभार्थियों की सूची का अद्यतन:
- सत्यापन में गलत पाए गए किसानों के नाम हटा दिए जाएंगे, जबकि नए पात्र किसानों को योजना में जोड़ा जाएगा।
महाअभियान की प्रगति:
पिछले चरण यानी राजस्व महाअभियान 2.0 में लगभग 2 लाख 33 हजार प्रकरणों का समाधान किया गया था। इस सफलता को देखते हुए, तीसरे चरण में लगभग 3 लाख प्रकरणों के समाधान का लक्ष्य रखा गया है। इसमें विशेष ध्यान भूमि विवादों, नामांतरण, सीमांकन और बंटवारे के मामलों पर दिया जाएगा, जो वर्षों से लंबित पड़े थे।
किसानों को मिलेंगे यह लाभ:
- किसानों को अपनी राजस्व समस्याओं का समाधान प्राप्त करने के लिए अब तहसील कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
- भूमि विवादों का तेजी से निपटारा होगा, जिससे किसान अपने कृषि कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
- पीएम किसान योजना में शामिल होने से छूटे हुए किसानों को अब योजना का पूरा लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
राजस्व महाअभियान 3.0 का लक्ष्य…
इस अभियान के माध्यम से सरकार किसानों को राजस्व मामलों में राहत देने का प्रयास कर रही है। इससे न केवल किसानों को उनका हक मिलेगा, बल्कि राज्य के कृषि क्षेत्र को भी मजबूत बनाया जा सकेगा। सरकार का उद्देश्य है कि किसान आत्मनिर्भर बनें और उन्हें सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिले। दो किसान पीएम किसान योजना का लाभ लेना चाहते हैं या आपकी राजस्व समस्या लंबित है, तो जल्द ही अपने नजदीकी CSC केंद्र पर जाकर अपनी समस्या का समाधान करवाएँ। अभियान की अंतिम तारीख 15 दिसंबर है, इसलिए इस अवसर का लाभ अवश्य उठाना चाहिए
इस महाअभियान के अंतर्गत भू-राजस्व संहिता की धारा 131 के तहत परंपरागत और मान्यता प्राप्त रास्तों, सार्वजनिक भूमियों, और रास्ता विवादों का निपटारा किया जाएगा। पटवारी, राजस्व निरीक्षक, और तहसीलदार मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे रास्तों की पहचान करेंगे, जो सालों से आवागमन के लिए उपयोग में आते रहे हैं।
राजस्व महाभियान 3.0 की शुरुआत गौरव दिवस के अवसर पर की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संभागायुक्तों और कलेक्टरों को तय समय-सीमा में प्रकरणों के निपटारे के निर्देश दिए। अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों को प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि धीमी गति से काम करने वाले जिलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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नामांतरण और उत्तराधिकार मामलों का होगा समाधान
राजस्व विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि समय सीमा पार कर चुके विवादित और अविवादित नामांतरण मामलों का तेजी से निराकरण किया जाए। पटवारियों द्वारा बी-1 वाचन कराकर ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की जाएगी जिनकी मृत्यु हो चुकी है, ताकि फौती नामांतरण की प्रक्रिया शीघ्र पूरी हो सके।
महाअभियान के अंतर्गत होने वाले कार्य
- नामांतरण और बंटवारा: राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों का समाधान।
- डिजिटल एंट्री: नए प्रकरणों को आरसीएमएस में दर्ज करना।
- नक्शे का सुधार: पुराने नक्शों की त्रुटियों का सुधार और अपडेट।
- पीएम किसान योजना: सभी पात्र किसानों को योजना का लाभ।
- आधार-भूमि रिकॉर्ड लिंकिंग: किसानों के आधार नंबर को भूमि रिकॉर्ड से जोड़ना।
- परंपरागत रास्तों का चिन्हांकन: ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने पगडंडियों और रास्तों की पहचान।
- स्वामित्व योजना: गांवों में घरों और भूमि का सर्वे और प्रमाण पत्र वितरण।
बेहतर प्रदर्शन पर सम्मान, धीमे काम पर सख्ती
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों को सम्मानित किया जाएगा, जबकि सुस्त कार्यवाही वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार का कहना है कि पहले के अभियानों से मिली सीख और फीडबैक को ध्यान में रखते हुए तीसरे चरण को और प्रभावी बनाया गया है।
महाअभियान की नियमित समीक्षा के लिए संभागायुक्त और कलेक्टरों को जिम्मेदारी दी गई है। राज्य स्तर पर मप्र भू-अभिलेख प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। अभियान की प्रगति की मॉनिटरिंग के लिए जिलों को डैशबोर्ड के माध्यम से रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। विवेक पोरवाल, प्रमुख सचिव (राजस्व), ने सभी कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिलेवार प्रगति की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाए।
मैदान में उतरे कर्मचारी और अधिकारी
इस महाअभियान के तहत जिले के 1,625 राजस्व गांवों में अधिकारियों और कर्मचारियों ने काम शुरू कर दिया है। अधीक्षक भू-अभिलेख मुकेश मालवीय ने बताया कि किसानों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जा रहा है, ताकि किसानों को कोई असुविधा न हो।राजस्व महाअभियान 3.0 सरकार का एक महत्वाकांक्षी प्रयास है, जो किसानों, ग्रामीणों और आम नागरिकों को लंबे समय से लंबित भूमि संबंधी विवादों से निजात दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।