धार। लगातार हो रही बारिश से किसानों के चहरे पर खुशी का माहौल है। अब बारिश बंद होने के बाद किसान फसलों की देख-रेख में लग गए हैं। थोड़ी बूंदा-बांदी की बारिश का दौर जारी है। सुबह से ही जहां बादलों के बीच सूरज की किरणें फसलों पर पड़ने लगी हैं जो फसलों के लिए फायदेमंद हैं।
पिछले दो सप्ताह से धूप नहीं निकलने और लगातार रिमझिम बारिश से लोग त्रस्त हो चुके हैं। बस्ती क्षेत्रों में कीचड़-गंदगी से जहां परेशानी है, वहीं शहर में जलजमाव की भी खूब शिकायतें हैं।
इस मौसम में अब तक करीब 15 इंच बारिश हो चुकी है जो पिछले वर्ष के मुकाबले कुछ कम है। तीन दिन पहले हुई बारिश ने कुओं व तालाबों में जलस्तर बढा दिया है। इस बीच बारिश बंद होने से दिन का तापमान भी सामान्य से बढ़ गया है।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में बारिश के आसार जताए हैं। पिछले कई दिनों से रिमझिम बारिश हो रही थी जिससे फसलों में भी जड़ गलने की परेशानी आने लग गई थी।
बारिश रुकी, अब फसलो को फ़ायदा –
लगातार हो रही बारिश से फसलों में जड़ गलन व अन्य बीमारियां आ रही थीं। बारिश रुकने से तेज धूप निकली है जिससे फसलों को फायदा हो रहा है और कीटों का प्रभाव भी कम हो रहा है। साथ ही साथ फसल की जड़ों में भी मजबूती आ रही है।
बारिश का दौर रुकने के बाद किसान अपनी किसानी में जुट गए हैं व फसलों में दवाईयों का स्प्रे कर रहे हैं जिससे फसलों को स्वस्थ रखा जा सके। दो सप्ताह से लगातार बारिश होने से किसान कुछ काम नहीं कर पा रहे थे।
क्षेत्र में लगातार कृषि विभाग की टीम व उपसंचालक के कर्मचारी खेतों में जाकर किसानों की परेशानियां को देख रहे हैं व उन्हें जरूरी सलाह भी दे रहे हैं।
तेज बारिश का अभी भी इंतजार –
जून में आए मानसून के बाद अब तक कुल बारिश 15 इंच करीब हो चुकी है। जुलाई में हालांकि ज्यादा पानी नहीं बरसा, लेकिन सावन का महीना लगते ही लगातार रिमझिम बारिश हो रही है। बीते दिनों चार घंटे में दो इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई थी।
मौसम विभाग के अनुसार 334.9 मिमी बारिश हुई है। हालांकि जिले के तहसील में यह आंकड़ा अलग-अलग है। इसी तरह बारिश बंद होने से दिन का तापमान बढ़ गया है।
करीब 15 दिनों से दिन का तापमान सामान्य से कभी 1 डिग्री तो कभी 3 डिग्री नीचे दर्ज हुआ जबकि रात का तापमान भी सामान्य से 1-2 डिग्री नीचे चल रहा है। बीच दिन का तापमान 29 डिग्री पहुंच गया है।
अभी ओर चाहिए जलस्तर के लिए 5 इंच बारिश –
अभी लगातार रिमझिम बारिश से फसलों के लिए तो फायदा हुआ मगर जमीनी जलस्तर नहीं बढ़ पाया है। जमीनी जलस्तर बढ़ने के लिए 5 इंच बारिश और आवश्यक है। जिले के नदी-तालाब अभी भी पूरी तरह सूखे हैं।
गांव-शहर के तालाबों में जलस्तर ना के बराबर बढ़ा है और अन्य तालाबों में भी पानी की मात्रा नहीं बढ़ी है। सूत्रों का कहना है कि कई तालाबों पर जल संसाधन, नगर पालिका व अन्य विभाग गहरीकरण व कब्जे हटाना और अन्य कार्य पर बड़ी राशि खर्च करता है लेकिन इसका लाभ बारिश में किसान व आम जनता को नहीं मिलता है अर्थात तालाबों में उतना पानी नहीं आता है जितना आने के लिए पैसा खर्च किया जाता है।
रिमझिम बारिश में बीमारियां बढ़ीं –
लगातार बारिश से निचली बस्तियों में ज्यादा जलजमाव व गंदगी से बीमारियां फैलने लगीं हैं। रिमझिम बारिश के कारण शहर के नालों को गंदगी व गाद साफ नहीं हो पा रही हैं अर्थात तेज बारिश से सब बह जाता है। शहर व गांव के कई इलाकों में जलजमाव के कारण जहां निचली और स्लम बस्तियों में गंदगी भी होती है। इससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां फैल रही हैं। नगर पालिका यहां दवाई का छिड़काव भी पर्याप्त नहीं कर पा रहा है।
मौसम खुलने से किसानों को फायदा –
अभी लगातार बारिश हो रही थी तो पौधों में वृद्धि नहीं हो रही थी। अभी पौधों में फूल का समय है। बारिश रूकने व धूप खिलने से फसलों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है। कुछ क्षेत्रों में अभी इल्लियां व कीटों का प्रकोप है जिसके लिए किसान खेतों में दवाइयों का स्प्रे करें।
– ज्ञान सिंह मोहनिया, उपसंचालक कृषि विभाग, धार