बारिश ने किया बाबा धारनाथ का अभिषेक, प्रजा का हाल जानने बाबा की धूमधाम से निकली सवारी


राजवंश काल से भगवान शाही पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं और प्रजा का हाल जानते हैं। पूजा-अर्चना के बाद यहां से मांझी समाज के युवाओं व धारनाथ बाबा के भक्तों ने बोल बम की जयघोष के साथ यात्रा की शुरुआत की।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
baba dharnath

धार। इस दिन का इंतजार धार जिला ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों की जनता को भी रहता है क्योंकि इस दिन प्रजा का हाल जानने निकलते हैं बाबा धारनाथ।

कोरोना काल के दो साल बाद सोमवार को धूमधाम से प्रजा के हाल जानने बाबा धारनाथ निकले तो शहर भर में जनप्रतिनिधि सड़कों पर झाडू लगाते नजर आए। इधर पुलिस ने भी गार्ड ऑफ ऑनर दिया और बाबा धारनाथ की पालकी नगर भ्रमण के लिए निकल पड़ी।

हर साल की तरह इस वर्ष भी शहर के राजा कहे जाने वाले धारेश्वर भगवान की पालकी यात्रा सोमवार को धूमधाम से निकाली गई, जिसमें जनप्रतिनिधियों के अलावा पुलिस व प्रशासन का बड़ा अमला तैनात रहा।

पालकी के साथ चल रहे समारोहों में कर्पूर गौरम करणौ अवतरण, तेरे जैसा यार से मिला दे भोले, भोला नहीं माने तो नहीं माने…, भोला भांग तुम्हारी…, बम लहरी बाबा बम लहरी…, भोले हो भोले… की धुन जब डीजे और बैंड पर बजी तो भक्तगण भगवान धारनाथ के रंग में झूमते चले गए।

धारनाथ बाबा के शाही छबीने (पालकी यात्रा) में भक्तों की भारी भीड़ रही। मंदिर परिसर में सुबह ब्राह्मणों ने अतिरूद्राभिषेक किया। सोमवार को प्रजा का हाल जानने के लिए धारनाथ बाबा नगर भ्रमण पर निकले। धारनाथ बाबा को शाही पालकी में विराजित किया गया।

इस दौरान बाबा की एक झलक पाने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। भगवान धारनाथ की पूजा की विधायक नीना विक्रम वर्मा, जिला कलेक्टर डॉ. पंकज जैन, धार एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने की। इसके बाद धारनाथ बाबा की आरती की गई।

पालकी निकलने से पहले मंदिर परिसर में पुलिसकर्मियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। हर साल की तरह इस साल भी बाबा की पालकी मांझी समाज के युवकों ने उठाई। छबीना के आगे भक्तगण मार्ग की सफाई करते हुए नजर आए, जिनमें जनप्रतिनिधि व सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल रहे।

बाबा की पालकी जैसे ही धारेश्वर मार्ग पर आई तो उनकी पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया। हर वर्ष श्रावण माह की समाप्ति के दूसरे सोमवार पर निकलने वाला भव्य छबीना इस बार भी धूमधाम से निकला।

dharnath palki

धर्म स्थान रक्षक मंडल के तत्वावधान में पिछले कई दशकों से सवारी निकलते आ रही है। राजवंश काल से भगवान शाही पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं और प्रजा का हाल जानते हैं।

पूजा-अर्चना के बाद यहां से मांझी समाज के युवाओं व धारनाथ बाबा के भक्तों ने बोल बम की जयघोष के साथ यात्रा की शुरुआत की। इस आयोजन को लेकर पुलिस व प्रशासन दोनों ही विशेष रूप से अपनी जिम्मेदारी संभाले हुए थे।

भजनों की धुन ने किया मुग्ध –

छबीने के साथ डीजे वाहन और चलती ट्रॉली में भजन गायक भजनों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दे रहे थे। इसमें जय धारनाथ स्पोर्ट्स क्लब की झांकी भी शामिल रही। झांकी में भगवान भोलेनाथ पर आधारित झांकियां थीं। युवा मंडल की झांकी भगवान शिव पर आधारित रही।

छबीना जैसे ही हटवाड़ा पहुंचा, यहां से अन्य संगठनों की झांकियां भी शामिल हुई। इसके साथ ही जगह-जगह मंचों से लोगों ने बाबा की पालकी का जोरदार स्वागत किया। हर शिवभक्त ने मंचों से खिचड़ी और शरबत का वितरण किया।

इंतजाम में लगे थे 8 डीएसपी व 15 थाना प्रभारी –

बाबा धारनाथ की सवारी के लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए। हाइराइज बिल्डिंग्स पर तैनाती के साथ शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस की पहरेदारी रही।

आरआई के अनुसार 8 डीएसपी, 15 थाना प्रभारी सहित लगभग 700 का बल शहर में तैनात किया गया, जो छबीना और जन्माष्टमी के मद्देनजर तैनात किया गया है।

सोमवार को पुलिस कंट्रोल रूम पर एसपी आदित्य प्रताप सिंह व एडिशनल एसपी देवेंद्र पाटीदार के निर्देशन में आरआई अरविंद दांगी ने कार्य विभाजन कर पुलिस दल को शहर के अलग-अलग क्षेत्र के लिए रवाना किया।

सुबह से शाम तक के कार्यक्रम –

सोमवार की सुबह 5 बजे भगवान भोलेनाथ का पंचामृत पूजन किया गया। 9 बजे महाआरती होगी और भोग लगाया गया। इसके बाद लघु रुद्राभिषेक हुआ। फिर बाबा धारनाथ के मुखौटे की तैयारियां की गईं। 2 बजे भगवान धारनाथ के मुखौटे को पालकी में विराजित किया गया।

3 बजे मंदिर परिसर में पूजन स्थल पर पालकी को रखा गया। इसके बाद 4 पूजन षोडशोपचार पूजन हुआ। निलशुठ का पाठ होगा और महाआरती हुई इसके बाद परंपरा अनुसार मांझी समाज के युवाओं द्वारा पालकी को अपने कंधों पर उठाया गया।

इस दौरान सशस्त्र पुलिस बल द्वारा गार्ड आफ ऑनर देकर बाबा धारनाथ प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण के लिए निकले। नगर भ्रमण के पश्चात धारेश्वर मंदिर में छबीने का देर शाम को समापन हुआ।

यह थे मौजूद –

जिला पचायत अध्यक्ष सरदार मेडा, विधायक नीना वर्मा, कलेक्टर पंकज जैन, एसपी आदित्य प्रताप सिंह, एडीशनल एसपी, एसडीएम दीपाश्री, नेहा शिवहरे, अशोक जैन, विश्वास पांडे, अशोक शास्त्री, सिन्नी रिग, मनोज ठाकुर, कुलदीप बुंदेला, मनोज गौतम, अजय ठाकुर, नवनीत जैन, अजीत जैन, कपिल यादव, शिव पटेल, नरेंद्र बुंदेला गुप्ता, देवेंद्र धुर्वे, नोगाव टीआई आनंद तिवारी, समीर पाटीदार, कमल पंवार, डीएसपी नीलेश्वर डावर, पीडब्ल्यूडी ईई जयदेव गौतम, भास्कर मालवीय, सीएमओ निशिकांत शुक्ला आदि अधिकारी व्यवस्था संभाल रहे थे।

खास झलकियां –

  • पालकी के मुख्य मार्ग पर आने के पूर्व ही पुलिस प्रशासन ने झाबुआ, अलीराजपुर की बसों सहित ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया था। इससे वाहन चालकों को परेशानी नहीं हुई।
  • छबीने में शामिल भक्तों के लिए मंच से शरबत, केला, खिचड़ी का वितरिण किया गया।
  • संकरे मार्ग पर वाहनों के बीच में पार्क होने के कारण बड़ी परेशानी हुई।
  • छबीना मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। इसके साथ संवेदनशील इलाकों में पुलिसबल की तैनाती देखने को मिली।
  • सुरक्षा के लिए हाइराइज बिल्डिंगों पर भी पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस प्रशासन ने पूरी पालकी यात्रा की वीडियोग्राफी भी कराई।
  • पालकी यात्रा के आगे घुड़सवार पुलिसकर्मी चल रहे थे।
  • दोपहर करीब 4 बजकर 20 मिनट पर बाबा धारनाथ की सवारी मंदिर परिसर से निकली।
  • सांसद, विधायक और कही जनप्रतिनिधियों ने भी छबीने के आगे झाडू लगाई।
  • सुबह से ही भगवान धारनाथ बाबा का इंद्रदेव ने हल्की फुहारों से अभिषेक किया। लोगों ने बाबा धारनाथ की जगह-जगह पूजा अर्चना भी की।
  • पालकी यात्रा में आगे एसडीएम, सीएसपी, डिप्टी कलेक्टर, सिटी मजिस्ट्रेट, तहसीलदार पटवारी व्यवस्था देख रहे थे।
  • छबीने में अलग-अलग संस्थाओं के युवा हाथ में झांज-मजीरे और डमरू बजाते हुए चल रहे थे।



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