किसानों के लिए उम्मीद जगाती रबी की फसल


हरी गेहूं की फसल का यह चित्र खेत में लहराते हुए हरे पौधों को दिखाता है, जिनकी बालियां अभी पूरी तरह पकी नहीं हैं। ताजगी और हरियाली से भरे इस दृश्य में गेहूं के स्वस्थ पौधे खेत में दूर तक फैले हुए हैं, जो फसल की अच्छी शुरुआत का संकेत देते हैं।


आशीष यादव
धार Published On :
माही बांध के जलस्तर में प्रचुरता है ऐसे में रबी की फसल से उम्मीदें बढ़ गई हैं। Deshgaonnews

किसानों के लिए खरीफ की फसल भले ही घाटे का सौदा साबित हुई हो, लेकिन रबी की फसल के लिए अच्छे संकेत मिल रहे हैं। दीपावली के साथ हल्की ठंड ने दस्तक दे दी है, और किसानों ने फसल बुआई के लिए खेत तैयार कर दिए हैं। अब सिर्फ सिंचाई तालाबों से नहरों में पानी छोड़े जाने का इंतजार है।

इस साल बारिश के अंतिम दौर में हुई तेज बारिश के चलते माही परियोजना के मुख्य बांध, कालीकराई बांध और सरदारपुर के 62 तालाबों ने अपनी पूर्ण जलग्रहण क्षमता को पूरा कर लिया था। माही मुख्य बांध में अब भी पानी की आवक बनी हुई है, जिससे शुक्रवार को जलस्तर 451.50 मीटर पर बनाए रखने के लिए एक गेट दो घंटे के लिए खोलकर पानी छोड़ा गया। यह संभवतः पहली बार है कि रबी सीजन की शुरुआत में बांध में पानी की आवक बनी हुई है और गेट खोलने पड़े हैं।

रबी की फसल के लिए सिंचाई तैयारी…

जल संसाधन विभाग झाबुआ के कार्यपालन यंत्री, श्री विपिन पाटीदार ने बताया कि माही और कालीकराई बांध की मुख्य नहरों की सफाई पूरी हो चुकी है। माही बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़ने पर विचार करने के लिए जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक भी हो चुकी है। संभावना है कि 5 से 8 नवंबर के बीच कभी भी पानी छोड़ा जा सकता है।

कालीकराई बांध के लिए भी बैठक एक-दो दिनों में होगी, जिसके बाद किसानों की मांग अनुसार नहर खोली जाएगी। श्री पाटीदार ने बताया कि माही बांध में पानी की आवक अब भी जारी है और शुक्रवार को जलस्तर बनाए रखने के लिए गेट खोला गया था, जिसे बाद में बंद कर दिया गया।

ये भी पढ़ें… सीताफल पर निर्भर आदिवासी-किसानों का हाल

सिंचाई का क्षेत्र और व्यवस्थाएं

माही मुख्य बांध से झाबुआ जिले की पेटलावद तहसील में लगभग 22,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी, जबकि कालीकराई बांध से सरदारपुर और बदनावर तहसील में 6,600 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। राजस्व वसूली प्रक्रिया भी चल रही है, और विद्युत विभाग से कहा गया है कि जल संसाधन विभाग की अनुमति के बिना बिजली कनेक्शन न दें ताकि बकाया राजस्व की वसूली सुनिश्चित हो सके।

श्री पाटीदार ने किसानों को पानी का सदुपयोग करने की सलाह दी है। विभाग द्वारा निचले क्षेत्र के किसानों के लिए भी पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने की सख्त निगरानी की जाएगी, साथ ही पानी की चोरी रोकने के लिए विभागीय कर्मचारी सक्रिय रहेंगे।

सरदारपुर क्षेत्र की सिंचाई योजना

जल संसाधन विभाग सरदारपुर के एसडीओ, श्री एम.ए. सिद्दीकी ने बताया कि विभाग के 62 तालाबों से 14,500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस वर्ष मौलाना सिंचाई तालाब के टूटने के कारण लगभग 160 हेक्टेयर क्षेत्र पर सिंचाई सुविधा कम हो सकती है। नहरों की सफाई भी जारी है और किसानों की मांग के अनुसार सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा।

 


Related





Exit mobile version