8.80 किलो मीटर सड़क बनाने में PWD की सांसें फूलीं, एक साल बाद भी काम अधूरा


प्रदेश के उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्‍तीगांव की विधानसभा है बदनावर, 5 मार्च 2022 को किया मंत्री दत्तीगांव ने किया था भूमिपूजन, ठेकेदार काम छोड़कर भागा।


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धार Published On :
half constructed road in dhar

धार। बदनावर में सड़कों के नवीनीकरण और मरम्‍मत के नाम पर करोड़ों रुपये का बजट आवंटित हो रहा है। प्रदेश के उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की विधानसभा होने के कारण विकास कार्यों में बजट की कहीं कोई कमी अब तक देखने को नहीं मिली है, लेकिन विभागों की लापरवाही और कमजोर मॉनीटरिंग के चलते करोड़ों रुपये के निर्माण कार्यों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

अफसरों की मनमानी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में देखने को पहले भी मिल चुकी है। अब लोक निर्माण विभाग की 8.80 किमी की सड़क बनाने में सांसें फूल गई हैं। मार्च-2023 में सड़क का काम पूरा हो जाना था, लेकिन काम अब तक अधूरा ही पड़ा है और ठेकेदार काम छोड़कर भाग चुका है। ऐसे में पहले की तुलना में क्षेत्र के लोगों की परेशानी ओर अधिक बढ़ गई है।

बदनावर में जवास्‍या से मुलथान के बीच 8.80 किमी की सड़क निर्माण होना है। इसके लिए 5 मार्च 2022 को उद्योग मंत्री दत्तीगांव ने ही नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्‍यक्ष राजेश अग्रवाल सहित अन्‍य नेताओं की मौजूदगी में भूमिपूजन किया था।

इस सड़क निर्माण से ग्रामीणों को बेहतर आवगमन की सुविधा मिलना थी। इस पर 7 करोड़ 56 लाख रुपये खर्च होना था। भूमिपूजन के बाद जोर-शोर से काम शुरू किया गया, लेकिन काम शुरू होने के बाद यह पूरा नहीं हो सका। संभवत: मार्च-2023 तक काम पूरा हो जाना था जबकि काम अब भी अधूरा ही पड़ा है।

अर्थवर्क कर बीच में छोड़ा काम –

बदनावर में जवास्‍या से मुलथान के बीच डामर की नई सड़क बनाने की योजना है, लेकिन काम अर्थवर्क पर ही अटका हुआ है। जवास्‍या के बीच जेएसबी का अर्थवर्क हो चुका है, लेकिन इसके बाद आगे का काम नहीं हो पाया।

सड़क निर्माण का काम जिस कंपनी ने लिया था, वह बीच में ही काम छोड़कर भाग गया। अब अधूरे निर्माण कार्य के चलते लोगों को परेशानी झेलना पड़ रही है। अधूरी सड़क से आना-जाना मुश्किल है। सबसे ज्‍यादा परेशानी बाइक चालकों को उठाना पड़ रही है।

ठेकेदार को टर्मिनेट करने की तैयारी –

सड़क निर्माण करने का काम जिस ठेकेदार को मिला था, वह बीच में अधूरा काम छोड़कर भाग गया। बताया जा रहा है कि ठेकेदार को अब टर्मिनेट करने की तैयारी की जा रही है। बगैर संसाधन के निर्माण करने का ठेका तो ठेकेदार ने ले लिया, लेकिन अब वह बीच में ही काम छोड़कर भाग गया।

ऐसे में सवाल लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर भी उठते हैं, क्‍योंकि निर्माण एजेंसी तय करने से पहले विभिन्‍न मापदंडों को पूरा करने वाली एजेंसी को काम दिया जाना था। ताकि सरकार द्वारा खर्च की जा रही रकम से जमीनी स्‍तर पर विकास पूरा हो सके। लेकिन, इस तरह की स्थिति में न काम पूरा हो सका और न ही लोगों को करोड़ों खर्च होने के बाद उसका फायदा मिल सका।

इस मामले में लोक निर्माण विभाग के एसडीओ बदनावर संजय जैन का कहना है कि सड़क निर्माण बंद करने के कारण संबंधित निर्माण एजेंसी को शोकॉज नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन काम शुरू नहीं करने के कारण अब एजेंसी पर टर्मिनेशन की कार्रवाई की जा रही है।


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