धार। जहां पहले ही किसान लॉकडाउन से परेशान था वहीं दूसरी ओर किसानों को थोड़ी राहत के लिए सरकार ने गेहूं खरीदी की जिससे किसान खुश हैं।
खरीदी केंद्रों पर कल से गेहूं तुलाई का काम बंद हो गया है क्योंकि गेहूं खरीदी की 15 तारीख आखिरी थी जिससे किसानों ने अपनी उपज तुलाई कर दी जिससे खुश किसान बता रहे हैं कि हमारे सिर का एक बड़ा बोझ कम हुआ क्योंकि हमने गेहूं की फसल तुलाई कर दी।
सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का 5 मई अंतिम दिन था, लेकिन सरकार के आदेश के बाद समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी 15 मई तक जारी रखी जिससे किसानों के बचे हुए गेहूं की भी तुलवाई हो गई।
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के अंतिम दिन पूरे जिले में बड़ी संख्या में खरीदी हुई जिसमें पंजीयन से भले ही आधे किसान गेहूं बेचने के लिए गए हों लेकिन पिछले साल की तुलना में करीब 9 प्रतिशत अधिक किसान केंद्रों पर गेहूं लेकर पहुंचे हैं।
इस बार जिले में करीब 59 हजार से अधिक किसानों ने गेहूं के लिए पंजीयन कराया था। इसमें से करीब 59 हजार 413 किसानों को केंद्र पर आने के लिए एसएमएस भेजा गया था जिसमें से करीब 37 हजार 627 किसान केंद्र पर गेहूं लेकर पहुंचे, जिनसे तीन लाख 25 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं ख़रीदी की गई।
92 प्रतिशत हुआ गेहूं का परिवहन –
पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया था व समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचा है। पिछले साल की तुलना में इस बार 63 प्रतिशत किसान ने गेहूं तुलवाई करवाया है। जो गेहूं तुलाई किये हैं, उसमें से अब तक 92 प्रतिशत गेहूं का परिवहन कर गोदामों में पहुंचा दिया गया है। बचा हुआ गेहू भी जल्द ही परिवहन कर लिया जायेगा।
स्वाति रॉय, जिला विपणन अधिकारी, धार
9324 ने कराया चने का पंजीयन –
601 किसान चना लेकर पहुंचे। इस बार गेहूं के साथ चने की समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई थी। जानकारी के अनुसार जिले में चने के लिए करीब 9324 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिसमें से 9324 किसानों को एसएमएस भेजकर सूचना दी गई थी। इसमें से करीब 601 किसान चना लेकर खरीदी केंद्रों पर पहुंचे, जिनसे करीब 1 हजार 490 मीट्रिक टन चना खरीदा गया है।
उपसंचालक आरएल जामरे ने बताया कि
समर्थन मूल्य की खरीदी के पहले ही किसानों ने मंडियों में चना बेच दिया था जिसके कारण समर्थन मूल्य पर चने की खरीदी कम हुई।
समर्थन मूल्य से अधिक बाजार भाव –
इस बार किसानों ने पंजीयन अधिक करवाया मगर गेहूं तुलवाई कम हुई क्योंकि समर्थन मूल्य से बाजार भाव अधिक है। इस बार शासन ने प्रति क्विंटल गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये निर्धारित किया है जबकि बाजार में किसानों को 2021 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है और नगद राशि भी मिल जाती है।
यही कारण है कि किसानों का रूझान खरीदी केंद्रों की बजाय बाजार की ओर हो रहा है। कुछ किसानों ने बताया कि खरीदी केंद्र पर किसानों को गेहूं बेचने की लिए कई दिनों तक खरीदी केंद्र पर ही रूकना पड़ता है, तब कहीं जाकर उसका नंबर आता है।
इसके बाद समय पर पैसा भी नहीं मिलता। इस लिए सरकारी ख़रीदी में भाग नहीं लिया। जिन किसानों ने सोसायटी से कर्जा लिया है, वह राशि भी वहीं पर काट ली जाती है।
दूसरी ओर बाजार में बिना कोई परेशानी के समर्थन मूल्य से अधिक दामों पर नगद में भुगतान होता है इसलिए किसानों का रूझान समर्थन मूल्य पर नहीं गया और बाजार की ओर तेजी से गया।
बचे हुए ट्रैक्टरों को टोकन वितरित कर दिए गए –
केंद्रों पर बचे हुए ट्रैक्टर को टोकन दे दिए गए हैं। जैसे ही भोपाल से परमिशन मिलेगी, वैसे ही उनके भी गेहूं तुलाई कर लिये जायेंगे।
– एसएन मिश्रा, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, धार