धार। जिले में प्रॉपर्टी यानी रियल स्टेट का कारोबार कोरोना के बाद से एक बार फिर रफतार पकड़ रहा है। प्रॉपर्टी के रेट में लगातार देखने को मिल रही तेजी का असर है कि इस बार जिले में रिकॉर्ड स्तर पर रजिस्ट्रियां हुई हैं, जिसके कारण जिला पंजीयक विभाग को जिले के इतिहास का सबसे बड़ा राजस्व प्राप्त हुआ है।
इस बार विभाग को रजिस्ट्री से 210 करोड़ रुपये का अब तक राजस्व प्राप्त हुआ है जबकि अंतिम चार दिन भी कार्यालय अवकाश होने के बावजूद खुले रहेंगे और रजिस्ट्री होगी।
इस दौरान विभाग को 7 से 8 करोड़ रुपये का राजस्व आने की उम्मीद है। इससे इस बार राजस्व वसूली का आंकड़ा सबसे बड़ा दर्ज हुआ है।
चालू वित्तीय वर्ष में जिले में 31 हजार 872 रजिस्ट्री पूरी जिलेभर में हुई हैं जो कि गत वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत ज्यादा है। इस दौरान कुछ लोकेशन ऐसी भी देखने को मिली है, जहां पर सरकारी गाइडलाइन तो कम है, लेकिन रजिस्ट्री की वैल्यू अधिक रही है।
इस कारण ऐसी लोकेशन को चिन्हित कर इन लोकेशन पर 1 अप्रैल नए वित्तीय वर्ष से नई दर पर रजिस्ट्री होगी। ऐसी कुल 472 लोकेशन है, जहां पर बढ़ी हुई गाइडलाइन से रजिस्ट्री हो रही थी।
ऐसे में इन लोकेशन पर 1 अप्रैल से नई गाइडलाइन के तहत रजिस्ट्री शुल्क बढ़ जाएगा। यह शुल्क अधिकतम 18 प्रतिशत तक हो सकता है जबकि औसत 8.6 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होगी।
गत वर्ष से कम हुई बढ़ोतरी –
जिले में इस बार सरकारी गाइडलाइन में औसत 8.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने जा रही है, लेकिन यह गत वर्ष की तुलना में कम है। गत वर्ष 65 लोकेशन पर गाइडलाइन बढ़ाई गई थी। यह बढ़ोतरी औसत 10 प्रतिशत तक थी।
इस बार जो बढ़ोतरी होने जा रही है, वह लगभग 472 लोकेशन पर हो रही है। इसमें 38 लोकेशन ऐसी है, जो नई है।
नए रूप में नजर आएगा कार्यालय –
रिकॉर्ड राजस्व वसूली करने वाला धार जिला पंजीयक विभाग की बिल्डिंग काफी पुरानी है। साथ ही जगह भी कम है। ऐसे में स्टाफ और रजिस्ट्री के लिए पहुंचने वाले लोगों की सुविधा के लिए कार्यालय की व्यवस्था में भी बदलाव करने की प्लानिंग पर काम हो रहा है।
कार्यालय के पीछे के हिस्से यानी नापतौल विभाग के समीप वाले गेट पर मौजूद रिकॉर्ड रूम को जिला पंचायत के सामने बंद पड़े ग्रेन गोदाम में शिफट किया जा रहा है।
वर्तमान रिकॉर्ड रूम को रिनोवेशन करने के बाद यहां पर रजिस्ट्री कार्यालय का संचालन होगा। लगभग एक माह में नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। यहां पर लोगों के लिए वेटिंग रूम भी बनाया जा रहा है ताकि लोगों धूप और बारिश में कार्यालय के बाहर खड़ा न रहना पड़े।
तीन साल में दोगुना हो गया राजस्व –
कोरोना के पहले और बाद में कई व्यापार पूरी तरह चौपट हो गए, लेकिन भवन, भूखंड और खेती की जमीनों की रजिस्ट्री हर साल बढ़ती गई। यहीं कारण है कि तीन साल में पंजीयन से होने वाली आय दोगुना तक पहुंच गई है।
वर्ष 2019-20 में औसत रूप से विभाग को सालाना पंजीयन से 109 से 110 करोड़ रुपये की आय होती थी, जो कोरोना के बाद बढ़कर 193 करोड़ रुपये पहुंची थी।
193 करोड़ रुपये का राजस्व वर्ष 2021-22 में विभाग ने प्राप्त किया था, लेकिन इस बार विभाग ने पंजीयन से 210 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है, जो कि जिले के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक है।
जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि
इस बार पंजीयन से होने वाली सालाना आय 210 करोड़ रुपये अब तक प्राप्त हुई है। अंतिम चार दिन पंजीयन के लिए हर बार की तरह अलग इंतजाम किए गए हैं। नए वित्तीय वर्ष से 472 लोकेशन पर औसत 8.6 प्रतिशत गाइडलाइन में बढ़ोतरी हो रही है। इनमें 38 लोकेशन नई है, जहां यह बढ़ोतरी लागू होगी।