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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस बार धार जिले में गरीब परिवारों के लिए 60 हजार नए पक्के घर बनाए जाएंगे। पहले जिले को 18 हजार मकानों का लक्ष्य मिला था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 42 हजार अतिरिक्त मकान जोड़ दिए गए हैं। इस तरह चालू वित्तीय वर्ष में 60 हजार लोगों का घर का सपना पूरा होने जा रहा है। इस उपलब्धि के साथ धार प्रदेश के उन चुनिंदा जिलों में शामिल हो गया है, जिन्हें सबसे ज्यादा लक्ष्य दिए गए हैं।
धार प्रदेश के टॉप-5 जिलों में शामिल
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत धार जिला मध्यप्रदेश के टॉप-5 जिलों में शामिल है, जहां सबसे ज्यादा घर बनाए गए हैं। अब तक जिले में 1 लाख 16 हजार से अधिक मकान बनकर तैयार हो चुके हैं, जिससे हजारों गरीब परिवारों को पक्के घर का लाभ मिला है। इस साल के नए टारगेट के बाद यह संख्या लगभग पौने दो लाख तक पहुंचने की संभावना है।
दूसरे चरण में हो रहा पंजीयन
जिला पंचायत कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, पीएम आवास योजना के दूसरे चरण के लिए पंजीयन प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार ने 2024-25 के लिए पहले 18 हजार मकानों का लक्ष्य दिया था, जिसे बढ़ाकर 60 हजार कर दिया गया है। 31 जनवरी को जारी आदेश के अनुसार, बदनावर और सरदारपुर ब्लॉक को सबसे ज्यादा मकानों का लक्ष्य मिला है।
जनपदवार लक्ष्य वितरण
सरकार ने जिले के 13 ब्लॉकों को अलग-अलग टारगेट दिए हैं, ताकि हर क्षेत्र में जरूरतमंद परिवारों को पक्के मकान का लाभ मिल सके। प्रमुख जनपदों को मिले लक्ष्य इस प्रकार हैं:
महंगाई से बढ़ी निर्माण लागत, बजट स्थिर
हालांकि मकान निर्माण की लागत बढ़ गई है, लेकिन सरकार ने आवंटित राशि में कोई इजाफा नहीं किया है। वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में ढाई लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में डेढ़ लाख रुपये की राशि मकान निर्माण के लिए दी जाती है। यह राशि अलग-अलग किश्तों में लाभार्थियों को मिलती है। लेकिन सरिया, सीमेंट, ईंट और मजदूरी के दाम बढ़ने से गरीबों के लिए घर बनाना अब पहले से महंगा हो गया है।
1.16 लाख परिवारों को अब तक मिला लाभ
2016 में शुरू हुई प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक जिले में 1,16,958 लोगों को घरों का लाभ मिल चुका है। हालांकि, अभी भी 24,939 मकान अधूरे हैं या उनके निर्माण में देरी हो रही है। इनमें से कुछ मकान ऐसे भी हैं, जिनके लिए लाभार्थियों को राशि मिल चुकी है, लेकिन उन्होंने अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है।
आगे की चुनौतियाँ और समाधान
सरकार की इस योजना से गरीबों को पक्के मकान मिलने का सपना साकार हो रहा है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। निर्माण सामग्री की बढ़ती कीमतें, मजदूरी का खर्च और समय पर राशि मिलने की प्रक्रिया कई बार घर बनने में देरी कर देती है। सरकार को चाहिए कि वह बजट में बढ़ोतरी करे और निर्माण की प्रक्रिया को और सरल बनाए, ताकि हर जरूरतमंद परिवार को जल्द से जल्द घर मिल सके।