मध्यप्रदेश के 7,000 गांवों में पीएम आदर्श ग्राम योजना पर काम: क्या सचमुच बदल पाएगी गांवों की तस्वीर?


प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत मध्यप्रदेश के 7,307 आदिवासी गांवों में विकास कार्य शुरू हुए हैं। इस योजना का उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाना है। हालांकि, बड़े बजट और योजनाओं के बावजूद, गांवों की वास्तविक तस्वीर बदलने के लिए पारदर्शी कार्यान्वयन और स्थानीय भागीदारी की आवश्यकता होगी।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल 47 जिलों के 7,307 गांवों में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAAGY) के तहत व्यापक विकास कार्य शुरू हो गए हैं। इस योजना के तहत गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क संपर्क और संचार जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस साल के लिए 302 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है, जिसमें धार जिले के 689 गांवों में 1,634 निर्माण कार्यों के लिए 136 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल है।

योजना के मुख्य उद्देश्य: प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का लक्ष्य जनजातीय बहुल गांवों को मॉडल विलेज के रूप में विकसित करना है। योजना के अंतर्गत गांवों में आंगनवाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य उप-केंद्र, पेयजल सुविधा, सड़क संपर्क और मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

इसके साथ ही इन क्षेत्रों में जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक उन्नति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। योजना के तहत 36,428 से अधिक गांवों को कवर किया जाएगा, जिनमें से मध्यप्रदेश के 47 जिलों के 7,307 गांव भी शामिल हैं।

धार जिले के 689 गांवों में शैक्षिक, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचनात्मक विकास कार्य चल रहे हैं। आंगनवाड़ी भवनों, उचित मूल्य की दुकानों, स्कूलों, छात्रावासों, आश्रम शालाओं, पेयजल सुविधाओं और जन आरोग्य केंद्रों में सुधार किए जा रहे हैं। इसके अलावा, सिंचाई के लिए स्टॉपडेम और चेकडेम निर्माण, विद्युतीकरण और पाइपलाइन विस्तार जैसे कार्य भी हो रहे हैं।

पांच वर्षों में होगा व्यापक विकास…

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना को 5 वर्षों (2021-2026) के बीच क्रियान्वित किया जाना है, जिसमें चयनित गांवों का एकीकृत विकास किया जाएगा। योजना के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार की व्यक्तिगत व सामुदायिक लाभ वाली योजनाओं का भी समन्वय किया जाएगा ताकि ग्रामीणों को अधिकतम लाभ मिल सके।

योजना के प्रमुख घटकों में सड़कों का निर्माण, मोबाइल-इंटरनेट कनेक्टिविटी, विद्यालयों का विकास, स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण, पेयजल सुविधा, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और जल निकासी शामिल हैं। हर गांव को 20 लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी, जिससे आवश्यक कार्य किए जाएंगे।प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना से धार जिले के गांवों में हो रहे ये विकास कार्य न केवल जनजातीय समुदायों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाएंगे, बल्कि उनके जीवनस्तर को भी बेहतर बनाएंगे।

चुनौतियाँ और संभावनाएँ

विकास कार्यों के लिए आवंटित की गई धनराशि और कार्ययोजनाओं के बावजूद, कई चुनौतियाँ बनी रहती हैं। धार जिले जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में ऐतिहासिक रूप से विकास की गति धीमी रही है। पिछले अनुभवों से यह स्पष्ट है कि बजट आवंटन और योजनाओं की घोषणा के बावजूद, कार्यों का वास्तविक धरातल पर प्रभाव सीमित रहता है।

 

विकास कार्यों की पारदर्शिता और समय पर पूरी होने की गारंटी के बिना, स्थानीय आबादी में निराशा भी पैदा हो सकती है। वहीं, यदि योजनाओं के क्रियान्वयन में सरकारी तंत्र की दक्षता और स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है, तो इन विकास प्रयासों से निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है।

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य आदिवासी गांवों के समग्र विकास को गति देना है, लेकिन इसके सफल कार्यान्वयन के लिए ठोस निगरानी और प्रशासनिक ईमानदारी की आवश्यकता होगी। विकास कार्यों का वास्तविक प्रभाव तभी देखा जाएगा जब योजनाओं को पारदर्शिता और तत्परता के साथ लागू किया जाएगा, और स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।



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