धार जिले के भैंसोला पहुंचकर अधिकारियों ने की पीएम मित्रा पार्क की प्रगति की समीक्षा


धार जिले में बन रहे पीएम मित्रा पार्क का निरीक्षण किया गया, जिसकी अनुमानित लागत 1,670 करोड़ रुपये है। इस परियोजना से कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देते हुए दो लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। पार्क में कपास से वस्त्र निर्माण तक की सभी सुविधाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी।


आशीष यादव
धार Published On :
धार जिले में पीएम मित्र पार्क योजना की समीक्षा करने पहुंचे अधिकारी

धार जिले के बदनावर स्थित भैंसोला में विकसित हो रहे पीएम मित्र पार्क की प्रगति का जायजा लेने के लिए संभागायुक्त दीपक सिंह ने निरीक्षण किया। लगभग 2,177 एकड़ भूमि पर बन रहे इस पार्क को निर्धारित समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिला अध्यक्ष मनोज सोमानी, इंदौर रेंज के आईजी अनुराग, कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, डीआईजी मितेश अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। संभागायुक्त ने अब तक हुए कार्यों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 एफ विजन (Farm to Fiber to Factory to Fashion to Foreign) को साकार करने के लिए पीएम मित्रा पार्क विकसित किए जा रहे हैं। केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने देश के सात राज्यों में ऐसे सात पार्कों की स्वीकृति दी है, जिनमें से एक मध्यप्रदेश के धार जिले में बदनावर के पास भैंसोला में स्थापित किया जा रहा है। इस पार्क में कपास से धागा, धागे से वस्त्र निर्माण और वस्त्रों की बिक्री एवं निर्यात एक ही स्थान पर होंगे।

परियोजना की विशेषताएँ:

मध्यप्रदेश में बन रहे इस टेक्सटाइल पार्क की भूमि एम.पी.आई.डी.सी. के आधिपत्य में है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1,670 करोड़ रुपये है। केंद्र सरकार ने इसके विकास के लिए दो चरणों में 500 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। राज्य की उद्योग संवर्धन नीति के तहत इसमें विभिन्न सुविधाएँ दी जाएंगी। साथ ही, भारत सरकार ने 100 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाली इकाइयों को टर्नओवर का 3 प्रतिशत (अधिकतम 15 से 30 करोड़ रुपये तक) तीन वर्षों के लिए प्रोत्साहन के रूप में प्रदान करने का निर्णय लिया है।

 

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पीएम मित्र पार्क में केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी:

इस परियोजना के लिए केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार के बीच एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) का गठन किया गया है, जिसमें राज्य सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत और केंद्र की 49 प्रतिशत है। टेक्सटाइल पार्क में निवेश के लिए अब तक 19 इकाइयों ने रुचि दिखाई है, जिनसे लगभग 6,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब दो लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। यह क्षेत्र विशेष रूप से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, जिससे महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए पार्क का डिज़ाइन:

पार्क का लेआउट बांग्लादेश और इथियोपिया के कपड़ा उद्योगों के अनुभवों से प्रेरित है। इसमें कताई, बुनाई, प्रोसेसिंग, रंगाई, छपाई और परिधान निर्माण जैसी गतिविधियाँ शामिल होंगी। यह पार्क उत्पादन लागत को कम करते हुए भारत के वस्त्र उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत बनाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस योजना के माध्यम से भारत को वैश्विक वस्त्र मानचित्र पर उभारने का प्रयास किया जा रहा है। इस पार्क से दो लाख युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है। साथ ही, इसमें कपड़ा क्षेत्र की पूरी मूल्य श्रृंखला को एकीकृत किया जाएगा, जिससे भारत की वस्त्र निर्यात क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।


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