राजस्व महाअभियान में बाधाएं: पटवारियों ने उठाई अपनी आवाज, सरकार से की न्याय की मांग


राजस्व महाअभियान 3.0 के दौरान, पटवारियों ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आवाज उठाई है। उनका कहना है कि योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बावजूद उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। संसाधनों की कमी और बढ़ते कार्यभार के बीच, वे न्यायालयीन नक्शा तरमीम, ई-केवायसी, और तकनीकी कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। पटवारी संघ ने ज्ञापन देकर सरकार से समाधान की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे महाअभियान का बहिष्कार करेंगे।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :
पटवारियों का विरोध

प्रदेश में चल रहे राजस्व महाअभियान 3.0 के अंतर्गत पटवारियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पटवारियों की परेशानी है कि शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं और अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बावजूद, उनकी कठिनाइयों पर उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है। राजस्व महाअभियान 1.0 और 2.0 के दौरान, संसाधनों के अभाव में पटवारियों ने दिन-रात मेहनत कर लाखों राजस्व प्रकरणों का सफल निराकरण किया। इसके बावजूद, अभियानों की सफलता का श्रेय केवल वरिष्ठ अधिकारियों को दिया गया और पटवारियों की भूमिका को अनदेखा किया गया।

इस स्थिति को देखते हुए, प्रांतीय पटवारी संघ ने अपनी समस्याओं को लेकर जिले के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया है। संघ ने राजस्व महाअभियान 3.0 के अंतर्गत प्रदेश के पटवारियों को आ रही समस्याओं और उनकी मांगों के निवारण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सोमवार को जिले के सभी पटवारी जिला मुख्यालय पर एकत्रित होकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे। इसमें पटवारियों की समस्याओं के समाधान और कार्यप्रणाली में सुधार की मांग की जाएगी। संघ ने सभी पटवारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने पर जोर दिया है, ताकि उनकी आवाज को मजबूत किया जा सके और उनके हितों की रक्षा की जा सके। पटवारी संघ के सदस्य विस्तृत बैठक कर तैयारियों में जुट गए हैं, ताकि यह अभियान सफल हो सके।

पटवारियों की मुख्य समस्याएं और मांगे

  1. नक्शा तरमीम/बटांकन कार्य:
    • पटवारियों से न्यायालयीन प्रकृति के नक्शा तरमीम और बटांकन कार्य बलपूर्वक करवाए जा रहे हैं। यह कार्य विवादित प्रकृति का होता है और इसे सक्षम न्यायालय के निर्णय की आवश्यकता होती है।
    • वर्तमान डिजिटल नक्शों और मिसल बंदोबस्त शीट्स में अंतर होने के कारण, इस कार्य को सटीकता से करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। वेब जीआईएस सॉफ़्टवेयर की त्रुटियों के चलते नक्शा काटने में तकनीकी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जिससे ऑन-लाइन और चालू नक्शों में भिन्नता आ जाती है।
  2. समय-सीमा में सेवाओं का निराकरण:
    • विभिन्न राजस्व सेवाओं के लिए शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य कराना पटवारियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। जल्दबाजी में काम करने से कई बार किसानों के लिए नई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
  3. ई-केवायसी और फार्मर रजिस्ट्री:
    • ई-केवायसी प्रक्रिया जटिल है, जिसके चलते मामूली त्रुटियों के कारण भी यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है। पटवारी संघ ने इसे सरल बनाने और सभी योजनाओं के लिए एकीकृत पोर्टल बनाने की मांग की है।
  4. तकनीकी और संसाधन समस्याएं:
    • पटवारियों के लिए मोबाइल, लैपटॉप और 5जी नेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता है। साथ ही, तकनीकी त्रुटियों को दूर किया जाना चाहिए ताकि वे आसानी से अपने कार्य कर सकें।
  5. मुख्यमंत्री की टिप्पणियों से आहत:
    • मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक मंचों से की गई टिप्पणियों ने पटवारी संवर्ग को आहत किया है। ‘कलेक्टर का बाप’ जैसी टिप्पणियां न केवल असंवेदनशील हैं, बल्कि इससे संवर्ग का मनोबल गिरता है। प्रांतीय पटवारी संघ इस तरह की टिप्पणियों की निंदा करता है और मांग करता है कि पटवारियों की वाजिब समस्याओं का समाधान किया जाए।

आंदोलन की चेतावनी

पटवारी संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे राजस्व महाअभियान 3.0 का बहिष्कार करने पर बाध्य होंगे, जिसके लिए शासन-प्रशासन जिम्मेदार होगा।

 

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