धार। जिले में पंडित प्रदीप मिश्रा की यह पहली भागवत कथा है जिसे लेकर प्रशासन व आयोजनकर्ताओं द्वारा पूरी व्यवस्था की गई है। कथा सुनने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। इसको लेकर 1 महीने से इसकी तैयारियां चल रही है।
सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की श्री शिव महापुराण कथा 24 मार्च से कोटेश्वर तीर्थ पर शुरू हो गई। कथा में आनेवाले श्रद्धालुओं की बैठने से लेकर आवाजाही करने तक के मार्ग की व्यवस्था पूरी की जा चुकी है।
उम्मीद है कि यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचेंगे, इस कारण वाहनों की पार्किंग स्थल से कथा पांडाल तक पहुंचने में लगभग एक किलोमीटर श्रद्धालुओं को पैदल चलना पड़ेगा।
इस रास्ते में किसी प्रकार के वाहन भी आवाजाही नहीं कर पाएंगे। पंडित प्रदीप मिश्रा की श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन इस विधानसभा क्षेत्र में पहली बार हो रहा है।
बदनावर विधानसभा के कोंद के पास पहाड़ों की तलहटी में बसे कोटेश्वर महादेव पर वैसे तो 12 महीने भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन यहां पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा होने से यहां देशभर से लोग कथा सुनने पहुंचेंगे।
24 मार्च से प्रारंभ होने वाली कथा 28 मार्च तक चलेगी। कोटेश्वर तीर्थ मध्यप्रदेश के धार जिले के बदनावर तहसील के पश्चिम में स्थित है, जो अपने आप में आस्था का केंद्र हैं।
कोटेश्वर धाम पर ये धार्मिक आयोजन बदनावर विधानसभा क्षेत्र में अब तक का यह बड़ा धार्मिक आयोजन होगा। यहां पर कथा का आयोजन शिव कुमार सिंह सिसोदिया व प्रदीप पांडे की स्मृति में इंदौर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता शरद सिंह सिसोदिया करवा रहे हैं।
कोटेश्वर धाम पर आयोजन को लेकर के तैयारियां अंतिम दौर में चल रही है। श्रद्धालुओं के कथा श्रवण करने के लिए दो डोम बनाए गए हैं। 162000 वर्ग फीट में भक्तों की बैठने की व्यवस्था की गई है। आयोजन में 12 एलईडी लगेगी और 450 पंखे लगाए गए हैं।
320 फीट में तैयार हुआ मंच –
प्रशासनिक अधिकारियों-व्यवस्थापकों और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से कथा पांडाल सहित आसपास के क्षेत्र में करीब 40 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
आयोजन को सफल बनाने के लिए 2000 कार्यकर्ता लगाए गए हैं जो भोजन से लगाकर के पांडाल, जल व्यवस्था और तमाम प्रकार की व्यवस्थाएं देखेंगे। बजरंग दल के 50 कार्यकर्ता सुरक्षा व्यवस्था देखेंगे।
जंबो कूलर भी पंडाल में लगाए जाएंगे जबकि मंच पर जंबो एसी का उपयोग किया गया है। वहीं सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से 600 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। आयोजन में सबसे बड़ी बात यह है कि पांडाल में पेयजल की व्यवस्था है महिला मंडल संभालेगी।
प्रतिदिन संध्या आरती में 500 वीआईपी वीआईपी श्रद्धालु आरती का लाभ ले पाएंगे। पेयजल के लिए 2000 आरओ वाटर कैन की व्यवस्था की गई है। पंडाल के बाहर अलग-अलग पानी के टैंकर की व्यवस्था भी की गई है ताकि श्रद्धालुओं को पेयजल की किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो।
कथा पांडाल से डेढ़ किलोमीटर दूर खड़े होंगे वाहन –
कथा स्थल से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर आम श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है। ऐसे में वाहन से आनेवाले श्रद्धालुओं को अपने वाहन पार्किंग में खड़े करने के बाद करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर पंडाल तक पहुंचना पड़ेगा।
पंडित प्रदीप मिश्रा के आवाजाही करने के लिए अलग मार्ग की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं के कोटेश्वर तीर्थ आवाजाही करने के लिए करीब 10 अलग-अलग मार्ग की व्यवस्था है।