जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, धार और झाबुआ की शाखाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन बैंक के मुख्यालय में किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य गबन और धोखाधड़ी की रोकथाम के साथ-साथ बैंकिंग नियमों की जानकारी प्रदान करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि आर. के. गंगले, विशेष कव्य अधिकारी अपेक्स बैंक भोपाल, संनदी लेखाकार अमोल रांगणेकर, और उपायुक्त सहकारिता एवं बैंक प्रशासक सुश्री वर्षा श्रीवास उपस्थित रहे। इनका स्वागत बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के. के. रायकवार ने किया।
प्रमुख प्रशिक्षण बिंदु
अमोल रांगणेकर ने उपस्थित कर्मचारियों को धनशोधन निवारण, बैंक सीटीआर, इनकम टैक्स, जीएसटी, टैक्स ऑडिट, एसटीआर और साईबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी। उन्होंने बैंकिंग नियमों और आयकर के विभिन्न प्रावधानों के बैंकिंग सेक्टर पर प्रभाव के बारे में भी जानकारी दी।
आर. के. गंगले ने बैंकिंग शाखाओं में गबन और धोखाधड़ी की रोकथाम के प्रारंभिक लक्षणों और उनसे बचने के उपायों पर जोर दिया। उन्होंने केवाईसी, एएलएम, पीएलएम जैसी प्रक्रियाओं की निरंतर समीक्षा और बैंक कर्मचारियों की सख्त निगरानी के महत्व पर प्रकाश डाला। सीबीएस वातावरण में धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए टीसीएस एल-01 इंजीनियर और संविदा कर्मियों के खातों की जांच के निर्देश दिए गए।
अधिकारियों का संदेश
सुश्री वर्षा श्रीवास ने बैंक शाखाओं और समितियों में होने वाली धोखाधड़ी और गबन की रोकथाम के लिए कर्मचारियों को आवश्यक जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारियों को प्रारंभिक लक्षणों को पहचानकर सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
कार्यशाला के समापन पर के. के. रायकवार ने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया और दी गई जानकारियों को प्राथमिकता से लागू करने की अपील की। उन्होंने बैंक कर्मचारियों की अनुशासित उपस्थिति के लिए भी धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर अन्य प्रमुख अधिकारी और कर्मचारी जैसे श्रीमती ममता शुक्ला, सोरभ समकारिया, विकास लाड, अंकित परमार, उज्जवल वर्मा, और विधि चौहान भी उपस्थित रहे।