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देश में अब तक जारी रहे अपराधिक कानूनों में आज से बदलाव किया जा रहा है जिससे जनता को तो फायदा होगा ही साथी अपराधियों को और कठोर दंड दिए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि ये कानून जनता को फायदा पहुंचाएंगे। हालांकि इनके साथ कई चिंताएं भी हैं। इनमें सबसे बड़ी चिंता पुलिस के पास आ रहे ज्यादा अधिकारों को लेकर हैं।
वहीं पुलिस का दावा है कि सबसे बड़ा फायदा एफआईआर को लेकर होगा। इस कानून के तहत मुकदमा वापस लेना भी आसान हो जाएगा। वीडियो और फोटो को नए कानून में जगह नहीं दी गई है। नए कानून यह जरूरी नहीं होगा कि जहां अपराध हुआ है। उसी से संबंधित थाने में तहरीर दी जाए। अब जीरो एफआईआर को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173 के माध्यम से कानूनी मान्यता दे दी गई है। अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करा सकता है. महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों से निपटने के लिए सजा कठोर कर दी गई है.। नए कानूनों में सभी राज्य सरकारों के लिए गवाह सुरक्षा योजना लागू करना अनिवार्य है ताकि गवाहों की सुरक्षा व सहयोग सुनिश्चित किया जाए और कानूनी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता व प्रभाव बढ़ाया जाए।
जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएंगे और औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो जाएगा. भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के क्रमश: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे. नए कानूनों से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी जिसमें जीरो एफआईआर’, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, एसएमएस’ (मोबाइल फोन पर संदेश) के जरिये समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे।
गिरफ्तारी के बाद मिलेगी ये सुविधा:
नए कानून में जुड़ा एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि गिरफ्तारी की सूरत में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार दिया गया है. इससे गिरफ्तार व्यक्ति को तुरंत सहयोग मिल सकेगा. इसके अलावा, गिरफ्तारी विवरण पुलिस थानों और जिला मुख्यालयों में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा जिससे कि गिरफ्तार व्यक्ति के परिवार और मित्र महत्वपूर्ण सूचना आसानी से पा सकेंगे। नए कानूनों में महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गयी है जिससे मामले दर्ज किए जाने के दो महीने के भीतर जांच पूरी की जाएगी. नए कानूनों के तहत पीड़ितों को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा वहीं नए कानूनों में, महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीड़ितों को सभी अस्पतालों में निशुल्क प्राथमिक उपचार या इलाज मुहैया कराया जाएगा।
अब इस धाराओं के होगा उपयोगः
आज से हुए अपराध में लिए हत्या, हत्या का प्रयास, धोखाधड़ी करने पर 302, 307 व 420 की धारा नहीं लगेंगी। ऐसा इसलिए होने जा रहा है, क्योंकि पहली जुलाई यानी आज से भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू होना है। अब हत्या के लिए 101, धोखाधड़ी के लिए 316 की धाराएं लगेगी। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू होने के बाद कानून में कई तरह के बदलाव होंगे। साथ ही अपराध के वक्त लगने वाली धाराएं भी बदल जाएंगी। कानून में हुए इन बदलावों को नए सिरे से लागू करने से पहले पुलिसकर्मियों को जानकारी व परीक्षण दिया गया है। इसमें टीआई रैंक से लेकर प्रधान आरक्षक रैंक के पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है।
धाराओं में भी होगा बदलाव: नए कानून के तहत भारतीय दंड संहिता प्रचलन में पूरी तरह से बाहर हो जाएगी। इसकी जगह नया भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता आएगी। भारतीय दंड संहिता में कुल 511 तरह की धाराएं शामिल थी, लेकिन नए कानून में इसे घटाकर 358 कर दिया गया है। ब्रिटिश कानून के वक्त शामिल हुई कई अनुपयोगी धाराओं में इस नए कानून से बाहर कर दिया गया है। इसमें राजद्रोह जैसी अनुपयोगी धाराएं शामिल है। नए कानून के बाद हत्या, हत्या का प्रयास, धोखाधड़ी की धाराएं भी बदल जाएंगी।
कोतवाली पुलिस ने शहर में जनता को दी जानकारी: धार कोतवाली समीर पाटीदार ने बताया कि धार शहर में नवीन कानुन भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 जो की कल से लागु होने के संबंध में कोतवाली पुलिस द्वारा शहर में आम जनता को बताने के लिए जागरूकता शिविर चलाया जिसमें शहर की सब्जी की दुकानों के साथ बाजार में व्यापारियों को नए कानून की जानकारी दी है। वही आग स्कुल, कालेजो, चौराहो, एवं अन्य संस्थाओं में जाकर पेम्पलेट बाटकर प्रचार-प्रसार कर जागरूकता अभियान चलाकर आम जनता को नये कानून के संबंध में समझाया गया। नये कानुन के संबंध में थाना कोतवाली धार पर समस्त गणमान्य नागरिको व शासकीय कर्मचारीय, व वरिष्ठ नागरिक का एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जायेगा।
श्रेष्ठ प्रदर्शन करने को पुरस्कृत किया: इधर प्रशिक्षण कार्यक्रम को थोडा दिलचस्प बनाने के लिए एसपी मनोज कुमार सिंह ने हर एक सत्र के बाद जो प्रशिक्षण लेता था उसका एक टेस्ट लिया जाता था जिसमे खुद आनंद तिवारी, नोडल अधिकारी बनाते जिसमे 50 प्रशन पत्र बनाते थे। सात चरण में यह कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। तीन दिन का सत्र होता था जो अंतिम दिन परीक्षा में सफल होने वाले टॉप-5 पुलिसकर्मियों को पुरस्कत करते जिसमे 35 लोगो को पुरस्कृत किया है। हर रोज प्रशिक्षण में 90 पुलिसकर्मी शामिल होते है वही आनंद तिवारी ने बताया कि 350 प्रशन बैंक भी तैयार किए है व साथ ही तीनों कानूनो को लेकर एक पुस्तक भी बनाई है जिसको थाने के विवेचकों दी गई है।
तीनों कानूनों को लेकर जिलेभर के पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है नए कानून को लेकर प्रशिक्षण पूर्ण हो गया है। अब प्रावधान एक जुलाई लागू होना है। इसमें कई तरह के संशोधन के साथ नए कानून लागू होंगे।
आनंद तिवारी, नोडल अधिकारी, प्रशिक्षण कार्यक्रम व डीएसपी अजाक धार
प्रचलित धाराओं में बदलाव:
अपराध पहले धारा अब धारा
हत्या 302 101
हत्या का प्रयास 307 109
धोखाधड़ी/ठगी 420 316
लोक शांतिभंग 144 187
दुष्कर्म 376 63
राजदोह कानून 124 150
मानहानि 399 356