क्षतिग्रस्त राजवाड़ा हिस्से को तोड़ने पहुंचे अधिकारी: पारिवारिक विवाद के चलते जर्जर हालत में है इमारत


धार का ऐतिहासिक राजवाड़ा जर्जर हालत में पहुंच चुका है, जिसके एक हिस्से की दीवार हाल ही में गिर गई। प्रशासन ने दो सप्ताह पहले नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने और जर्जर हिस्सों को तोड़ने का काम शुरू किया। एसडीएम रोशनी पाटीदार और तहसीलदार दिनेश उईके की मौजूदगी में मुख्य मार्ग पर बेरिकेट्स लगाकर सुरक्षा सुनिश्चित की गई।


आशीष यादव
धार Published On :

दो सप्ताह पहले नोटिस जारी करने के बाद रविवार को धार के प्रशासनिक अधिकारी क्षतिग्रस्त राजवाड़ा के हिस्से को तोड़ने पहुंचे। मौके पर एसडीएम रोशनी पाटीदार, तहसीलदार दिनेश उईके और नगर पालिका सीएमओ विकास डाबर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। प्रशासन ने त्योहारों को ध्यान में रखते हुए सख्त कदम उठाए और मुख्य मार्ग पर बेरिकेट्स लगाकर रास्ते को बंद कर दिया ताकि किसी तरह का हादसा न हो।

 

300 साल पुराना राजवाड़ा: शहर की शान

300 साल पुराना राजवाड़ा, जो कभी धार शहर की शान था, अब जर्जर हालत में पहुंच चुका है। हाल ही में इसके एक हिस्से की दीवार बारिश के कारण गिर गई थी। हादसे के समय रात थी, जिससे जनहानि टल गई, लेकिन इससे राजवाड़ा की गंभीर स्थिति का पता चलता है। पुरातत्व विभाग और नगर पालिका ने कुछ साल पहले इसके ऊपरी हिस्सों की मरम्मत की थी, परंतु पारिवारिक विवाद के चलते अब इसे न तो रिपेयर किया जा सकता है और न ही इसके कमजोर हिस्सों को हटाया जा सकता है।

न्यायालय में विचाराधीन मामला

राजवाड़ा को लेकर पंवार परिवार का प्रकरण न्यायालय में लंबित है, जिससे न केवल प्रशासन के हाथ बंधे हैं, बल्कि पुरातत्व विभाग भी इसे संभालने में असमर्थ है। इस कारण इमारत की स्थिति और बिगड़ती जा रही है। भवन का निरीक्षण करने के बाद प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने और जर्जर हिस्सों को डिस्मेंटल करने का आदेश दिया था।

 

अतिक्रमण हटाने का अभियान

हादसे के बाद प्रशासन और नगर पालिका की टीम ने राजवाड़ा क्षेत्र में अस्थाई दुकानों और गुमटियों को हटाने का काम शुरू कर दिया। कई दुकानदारों ने खुद ही अपनी दुकानें हटा लीं, जबकि कुछ को नगर पालिका की टीम ने हटाया। जनता की सुरक्षा के लिए बेरिकेड्स लगाए गए हैं।

 

भविष्य में दुर्घटना का डर

पिछले दिनों सागर में हुए हादसे के बाद धार प्रशासन ने भी शहर के पुराने और जर्जर भवनों का सर्वे कराया था। मकान मालिकों को निर्देश दिए गए थे कि वे स्वयं अपने भवनों को तोड़ें, अन्यथा प्रशासन कदम उठाएगा। आगामी त्योहारों को देखते हुए प्रशासन सख्त है और इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई कर रहा है ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।

राजवाड़ा की मरम्मत और पुनर्निर्माण अब पारिवारिक विवाद और प्रशासनिक रुकावटों के चलते अधर में है, लेकिन प्रशासन की ओर से सुरक्षा के लिए त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं।

 


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