एमपी का नर्सिंग घोटालाः धार कॉलेज ऑफ एजुकेशन के डायरेक्टर आशीष चौहान सहित सीबीआई ने 23 आरोपी गिरफ्तार


बीजेपी नेताओं से हैं चौहान के संबंध पार्टी में दायित्व वाले पद पर है कॉलेज संचालक


आशीष यादव
धार Updated On :

जब देश व प्रदेश में कोई घोटाले की बात होती है तो सबसे सीबीआई की बात की जाती है मगर सीबीआई एक ऐसी एजेंसी है जो दूध का दूध पानी का पानी कर देती है मगर मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाले को लेकर सीबीआई के3 कर्मचारी भी भष्टाचार में लिप्त बताए गए हैं। इस पूरे मामले में अब धार जिले में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है और यह व्यक्ति भाजपा नेताओं का काफी करीबी रहा है।

वहीं सीबीआई के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ही मामले को दबाने के लिए रिश्वत ली जाने लगी इस रिश्वत को प्रदेश के कई जिलों में अलग-अलग दलालों के माध्यम से कॉलेज के प्रबंधक ओर अधिकारियों के बीच मध्यस्थता करने के लिए लोगों को छोड़ रखा था तथा उनके पास रिश्वत लिए जाने के लिए अलग-अलग संभागों के लिए अलग-अलग दलालों को छोड़ रखा। वहीं मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने देश की सबसे भरोसेमंद मानी जाने वाली जांच एजेंसियों में से सीबीआई को नर्सिंग घोटाले की जांच का जिम्मा सौंपा।

भोपाल के सीबीआई अफसरों ने हाईकोर्ट के भरोसे को तोड़ते हुए नर्सिंग कॉलेजों की जांच के नाम पर भ्रष्टाचार की दुकान खोल ली। नर्सिंग कॉलेजों की जांच करने वाली हर टीम का सदस्य इस भ्रष्टाचार में शामिल था।

जांच के लिए रिश्वत लेने के मामले में मंगलवार को सीबीआई ने 10 नए आरोपी घोषित किए हैं। इनमें सीबीआई के ही डीएसपी और एक इंस्पेक्टर शामिल हैं। अब इस मामले में 4 सीबीआई अफसरों को मिलाकर आरोपियों की संख्या कुल 23 हो गई है। वहीं सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज को बर्खास्त कर दिया गया। धार से आशीष चौहान डायरेक्टर धार कॉलेज आफ एजुकेशन को भी गिरफ्तार किया है।

आपको बता दें कि चौहान धार जिला भाजपा खेल प्रकोष्ठ में पदाधिकारी भी हैं और भाजपा के बड़े नेताओं और सरकारी अधिकारियों में अपने रसूख के दम पर पेठ रखते हैं। वहीं कई अधिकारी व नेताओं के साथ आए दिन फोटो डालते रहते हैं। अफसरों की रिश्वतखोरी की शिकायत के बाद सीबीआई की 7 कोर टीम और 3 से 4 सहायक टीमों ने भोपाल, इंदौर, धार , रतलाम समेत राजस्थान के जयपुर में 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी।

आरोपी आशीष चौहान की
क्षेत्रीय और स्थानीय भाजपा के बड़े नेताओं के साथ करीबी रही है और यहां वे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और मौजूदा विधायक नीना वर्मा के साथ एक तस्वीर में थे।

कुल 2.33 करोड़ नकद, चार सोने के बिस्किट और 36 डिजिटल डिवाइस जब्त की गईं। आरोपियों से 150 से अधिक अनाधिकृत दस्तावेज भी मिले। अगर शक्ति से साथ कार्रवाई व पूछताछ की जाए तो धार जिले कहीं कॉलेज आज भी नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे व बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है।

23 आरोपी गिरफ्तार
इस रिश्वत कांड में अब तक सीबीआई के डीएसपी तीन इंस्पेक्टर सहित 23 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। जिनमे आशीष प्रसाद डीएसपी सीबीआई एसीबी भोपाल,राहुल राज इंस्पेक्टर सीबीआई एसीबी भोपाल,सुशील कुमार मजोका इंस्पेक्टर सीबीआई एसीपी भोपाल,ऋषिकांत असाटे इंस्पेक्टर सीबीआई भोपाल,जुगल किशोर शर्मा डायरेक्टर भास्कर कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग ग्वालियर,ओम गोस्वामी प्रत्यांश कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज इंदौर, अनिल भास्करन अध्यक्ष मलय कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग भोपाल, रवि भदोरिया चेयरमैन आईटी कॉलेज ऑफ़ मेमोरियल ऑफ़ नर्सिंग एंड फार्मेसी इंदौर,प्रीति तिलकवार इंदौर, वेद शर्मा इंदौर,जुबेर खान इंदौर, अशोक नागर झालावाड़,सचिन जैन भोपाल,राधा रमन शर्मा ग्वालियर,रोहित शर्मा ग्वालियर,कमल हिरानी साई बाबा कॉलेज इंदौर,आशीष चौहान डायरेक्टर धार कॉलेज आफ एजुकेशन धार,मुकेश गिरी गोस्वामी डायरेक्टर शुभदीप कॉलेजऑफ़ नर्सिंग इंदौर,मोहित निगोरे डायरेक्टर खरगोन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस खरगोन,गौरव शर्मा स्टाफ प्रत्याशा कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग इंदौर, राहुल शर्मा जयपुर,धर्मपाल गंगानगर राजस्थान,मोहम्मद तनवीर खानसीईओ पटेल मोटर्स इंदौर गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

600 कॉलेज में से 308 की दी थी जांच रिपोर्टः सीबीआई सूत्रों का कहना है कि इस मामले में अब पूरी जांच टीम ही संदेह के दायरे में आ गई है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर गठित जांच टीम ने 600 में से 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट दी थी। इस टीम ने रीवा के सरकारी कॉलेज को अनफिट करार दिया था। वहीं कई ऐसे कॉलेज हैं जो फिट नहीं थे और उन्हें फिट बता दिया था। अब दिल्ली के सीबीआई अधिकारी, भोपाल के अफसरों को पूरे मामले से अलग रखकर हर संदेही की जानकारी जुटा रहे हैं।

मध्यस्थता कर रहे थे दो बड़े दलालः पूरे प्रदेश में नर्सिंग कालेजों और सीबीआइ की टीम के बीच मध्यस्थता दो दलाल कर रहे थे। एक दलाल जुगल किशोर शर्मा ग्वालियर, रतलाम, मंदसौर और उज्जैन के कालेजों के बीच दलाली कर रहा था। उसका सहयोग अशोक नागर, रोहित शर्मा और राधा रमन कर रहे थे। ओम गोस्वामी की गैंग ने इंदौर के आसपास के जिलों के कॉलेजों से पैसे उगाहे इंदौर के प्रत्यांश कॉलेज ऑफ नर्सिंग के चेयरमैन ओम गोस्वामी ने इंदौर, धार, खरगोन, मंडलेश्वर और मंदसौर के नर्सिंग कॉलेजों के चेयरमैन से पैसे जुटाए थे।

ओम के साथ इंदौर के रवि भदौरिया, कमल ईरानी, धार के आशीष चौहान, मुकेश गिरी गोस्वामी, मोहित निरोगे, गौरव शर्मा और वेद शर्मा का नाम भी शामिल है। साथ ही इस टीम में जुबेर शेख, प्रीति तिलकवार और तनवीर खान को कॉलेजों से रिश्वत की रकम जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी। इन लोगों ने रिश्वत के पैसे ओम गोस्वामी को दिए। गोस्वामी ने ये पैसे सीबीआई अधिकारियों तक पहुंचाए। इस रैकेट की बिचौलिया इंदौर की प्रीति तिलकवार ने ओम गोस्वामी के कहने पर रिश्वत के 10 लाख रुपए इंदौर से भोपाल पहुंचाए थे। इसे होशंगाबाद रोड के निखिल बंगलोज में रहने वाले सचिन जैन को दिए। सचिन ने आगे ये पैसा मलय कॉलेज के संचालक अनिल भास्करन को दिया। अनिल ने इस पैसे को इंस्पेक्टर राहुल तक पहुंचाया। उसी दौरान सीबीआई ने प्रोफेसर कॉलोनी में राहुल के घर पर छापेमारी की और नकदी बरामद किए।

CBI इंस्पेक्टर के घर से सोने के बिस्किट मिलेः  CBI की एक टीम ने भोपाल में इंस्पेक्टर राहुल राज के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित घर पर छापा मारा। तलाशी में 7 लाख 88 हजार रुपए नकद और 100-100 ग्राम के सोने के बिस्किट मिले। राहुल को अगस्त 2023 में उत्कृष्ट जांच के लिए केंद्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किया गया था। वे CBI के उन 15 अफसरों में शामिल थे, जिन्हें यह सम्मान मिला था। वहीं, इंस्पेक्टर सुशील मजोका को मध्यप्रदेश पुलिस से डेप्युटेशन पर CBI, भोपाल भेजा गया था।

रिश्वत लेन-देन में करते थे कोडवर्ड का यूजः आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कई खुलासे हुए हैं। आरोपी रिश्वत के लेन-देन में छाछ गिलास, अचार की बरनी जैसे विशेष कोडवर्ड का इस्तेमाल कर रहे थे। पैसा उठाने वाले को कैरियर, लाखों रुपए को अचार की बरनी और रुपयों की गिनती को किलो आम कहते थे। जो इसकी आवसी लेनदेन में यूज करते थे।

2022 से सीबीआई कर रही जांचः बता दें, नर्सिंग कॉलेजों में अनियमितताओं की शिकायत के बाद यह मामला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट तक पहुंचा था जहां की इंदौर बैंच के द्वारा इस मामले को जबलपुर बैंच को ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके बाद हाई कोर्ट की जबलपुर बैंच द्वारा इस मामले को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दिया गया था। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर अक्टूबर 2022 में सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की थी और सीबीआई द्वारा प्रारंभिक निष्कर्षों में राज्य भर के कई नर्सिंग कॉलेजों में व्यापक अनियमितताओं का पता चलने के बाद उच्च न्यायालय ने गंभीर चिंता व्यक्त की थी।

गिरफ्तार आरोपितों से दिल्ली में हो रही पूछताछः आरोपितों को सीबीआइ पूछताछ के लिए दिल्ली लेकर गई है। पूछताछ और दस्तावेजों की जांच में अन्य आरोपितों के विरुद्ध प्रमाण मिलने पर इन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है। साथ ही कुछ और नर्सिंग कालेज संचालकों और दलालों को आरोपित बनाया जा सकता है।

 

भाजपा अपराधियों का साथ नहीं देती है और जो भी दोषी होगा उसे न्यायालीन प्रक्रिया के माध्यम से सजा मिलेगी।

 मनोज सोमानी, भाजपा जिलाध्यक्ष, धार


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