अब ये कर्मचारी-अधिकारी हुए सीएम कोविड-19 योद्धा योजना में शामिल, 50 लाख का हेल्थ बीमा


पंचायत सचिव, सहायक सचिव एवं पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के संविदा कर्मचारी व अधिकारी मुख्यमंत्री कोविड 19 योद्धा योजना में शामिल।


आशीष यादव
धार Published On :
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धार। जिला कलेक्टर अलोक कुमार सिंह द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संविदा अधिकारी-कर्मचारी, रोजगार सहायक, पंचायत सचिव,उपयंत्री, पीसीओ, आउटसोर्स कर्मी/अनुबंधित दैनिक वेतन भोगी सहित कर्मचारियों को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा योजना अंतर्गत पात्र घोषित किया गया है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संविदा अधिकारी-कर्मचारी, सचिव रोजगार सहायक(सहायक सचिव), विभिन्न स्तर पर कोविड-19 के रोकथाम के लिए जिले में कार्य कर रहे हैं।

पूर्व में अपर मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल का पत्र क्रमांक- पंचायत राज/ 2020/264 भोपाल दिनांक 19.04.2020 एवं न्यू पत्र क्रमांक प.रा/2021/84/ प्र.स.आदेश 26/04/2021 प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव पंचायत ग्रामीण विकास विभाग ने समस्त कलेक्टर को पुनः कोरोना युद्धा के रूप में सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन पदस्थ अधिकारी कर्मचारी (जिला पंचायत और जनपद पंचायत) संविदा एवं आउटसोर्स कर्मी, अनुबंधित दैनिक वेतन भोगी, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक द्वारा कोविड-19 रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया जा रहा है, इस हेतु मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना में पात्र करने का अधिकार जिला कलेक्टर को संदर्भित पत्र के माध्यम से दिया गया। उक्त आदेश जिला कलेक्टर आलोक कुमार सिंह द्वारा जारी किया गया है।

ग्राम पंचायत के ग्राम रोजगार सहायक कर्मचारी संघ मप्र के प्रदेश अध्यक्ष रोशन सिंह परमार द्वारा बताया गया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में त्रिस्तरीय पंचायत में जिले व प्रदेश में संविदा अधिकारी/कर्मचारी, ग्राम रोजगार सहायक, सचिव, उपयंत्री, पीसीओ, जनपद/ जिला पंचायत कार्यालयीन स्टाफ, आउटसोर्स कर्मी दिन-रात कोरोना की रोकथाम में लगे हुए है, जिन्हें मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा में पात्र करने का अधिकार ज़िला कलेक्टर को मप्र शासन द्वारा दिया गया है।

उक्त आदेश जारी करने से प्रदेश के लगभग 1 लाख के ऊपर परिवार उक्त योजना के दायरे में आ जाएंगे पात्र कर्मचारियों का कोरोना से दिवगंत होने पर उनके दावेदारों को 50 लाख तक का भुगतान किया शासन द्वारा किया जायेगा।


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