भोजशाला सर्वे का नौवां दिन: सुबह 8 बजे पहुंची सर्वे टीम, भारी पुलिसबल तैनात, 24 सदस्यीय टीम ने किया सर्वे


— धार की ऐतिहासिक भोजशाला में हाईकोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण की टीम द्वारा सर्वे जारी है।
— 8 नए सदस्य दक्षिण भारत से विशेष रूप से सर्वे के लिए पहुंचे हैं।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम द्वारा शुरु किए गए सर्वेक्षण का आज नौवां दिन है। हाईकोर्ट द्वारा दिए आदेश के तहत पुरातत्व विभाग की सर्वे टीम के साथ शनिवार 30 मार्च को रंगपंचमी के बावजूद पुरातत्व विभाग की टीम दोनों पक्षों के लोगों के साथ सुबह ठीक 8 बजे भोजशाला पहुंच गई। आज सर्वे टीम के सदस्यों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। आज टीम में एएसआई के 24 सदस्यों ने सर्वे में भाग लिया सर्वे टीम के 8 नए सदस्य दक्षिण भारत से विशेष रूप से सर्वे में भाग लेने के लिए आज सुबह भोजशाला पहुंचे। इन सदस्यों की संख्या बढ़ने से सर्वे का दायरा भी बढ़ाया गया है। 50 मीटर के दायरे के साथ ही छत पर भी टीम ने सर्वे किया। पुलिस विभाग ने पूरे इलाके में व्यवस्थाएं चाक चौबंद रखीं थीं। रंगपंचमी को लेकर भोजशाला के बाहर भारी पुलिस बल तैनात था पुलिस के आलाधिकारियों के साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे ।

भोजशाला का लेआउट उठाया: 

सर्वे के आठवें दिन टीम के सदस्यों ने भोजशाला के पिछले हिस्‍से में कार्य शुरु किया। टीम ने भोजशाला के पीछे स्थित पेड़ों पर मार्किंग की है साथ ही आबकारी रोड़ से भोजशाला का लेआउट भी उठाया गया है। टीम के सदस्‍यों सुबह आधुनिक उपकरण लेकर भोजशाला के पि‍छले हिस्‍से में पहुंचे। टीम के सदस्‍यों ने यहां पहले मेजरमेंट देखा और आबकारी रोड़ के साथ पेड़ों पर मार्किंग कर पूरे परिसर के साथ भोजशाला का लेआउट उठाया।

टीम को मिली खंडित मुर्तियां: 

भोजशाला के पिछले हिस्‍से में सर्वे में टीम को खंडित मुर्तियां भी मिली है जो सालों से यहां रखी हुई थी। टीम के सदस्‍यों द्वारा इन मुर्तियों की कार्बन डैट‍िंंग के साथ वीडियो और फोटोग्राफी भी कराई गई है। माना जा रहा है कि इन मुर्तियों को भी टीम रिपोर्ट में शामिल कर सकती है। एएसआई के सर्वे को आठ दिन हो चुके है। टीम ने इस बीच कई साक्ष्यों को रिपोर्ट में शामिल किया है।

50 मीटर तक की परिधि में सर्वे:

आज कई अहम बिंदुओं पर टीम ने काम किया। पिछले दिनों भोजशाला के 50 मीटर तक की परिधि का मेजरमेंट किया गया। इसी हिस्से में टीम द्वारा खुदाई भी की जा रही है। भोजशाला के पिछले हिस्से में तीन स्थानों पर गड्ढे किए गए हैं। गर्भगृह के पीछे करीब 10 फीट तक गड्डा किया गया है। इस गड्ढे के आधार पर ही भवन की नींव तलाश की जा रही है, हालांकि नींव नहीं मिली है। गड्ढे की लंबाई, चौड़ाई व गहराई को बढ़ाया जा रहा है। इसके साथ दो अन्य गड्ढे से मिट्टी हटाकर परीक्षण किया जा रहा है। और आज एक नए स्थान राधु टाकीज के पीछे भोजशाला की 50 मीटर की परिधि में मिट्टी हटा कर जांच की गई है ।

हवन कुंड और छत पर हुआ सर्वे:

एएसआई की एक टीम ने भोजशाला परिसर में मौजूद हवन कुंड की जांच की। प्रति मंगलवार को होने वाले सत्याग्रह के दौरान भी इसी कुंड में आहुति दी जाती है। ऐसे में टीम के सदस्यों ने कई तकनीकों का उपयोग करते हुए सर्वे किया। साथ ही भोजशाला की छत पर भी एएसआई की सर्वे टीम पहुंची और वहा भी निरीक्षण किया गया ।

10-12 खोदने पर भी नीव का अंतिम छोर नही मिला:

भोजशाला के पिछले हिस्से में खुदाई कर भोजशाला की नीव को भी परखा जा रहा है । किंतु 10-12 फीट गड्ढा खोदने के बाद भी नीव का अंतिम छोर सर्वे टीम को नहीं मिला है । वही भोजशाला इमारत के नीचे कोई तलघर या कोई स्ट्रक्चर होने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है । परंतु यह तो जांच जब आगे बढ़ेगी तब ही पता चलेगा कि भोजशाला के नीचे कोई तलघर या स्ट्रक्चर है की नही पर लोगो द्वारा इस प्रकार के कयास जरूर लगाए जा रहे है।



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